23 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
भारतीय महिलाओं में उपवास का बड़ा महत्व है। वैसे तो गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में कुछ सावधानियों का ध्यान रखते हुए उपवास रखना सुरक्षित माना जा सकता है। हालांकि, बहुत महिलाओं का यह भी सवाल होता है कि क्या स्तनपान के दौरान उपवास रखना भी सुरक्षित हो सकता है या नहीं। स्तनपान के दौरान उपवास रखना कितना सुरक्षित हो सकता है या डिलीवरी के बाद व्रत करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इससे जुड़ी जानकारी इस लेख में पढ़ेंगे।
बता दें कि यहां स्तनपान के दौरान उपवास रखना या व्रत करने से जुड़ी जानकारी सावित्री व्रत से लेकर सभी तरह के व्रत पर लागू की जा सकती हैं।
स्तनपान के दौरान उपवास रखना (Stanpan Ke dauran Vrat Rakhna) चाहिए या नहीं, यह पूरी तरह से नई माँ की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर कर सकती है। शोध के अनुसार, अगर नई माँ 24 घंटे तक किसी तरह का व्रत रखती हैं, तो इससे उनके स्तनपान की पूर्ति पर कोई खास असर नहीं देखा जा सकता है। हालांकि, अगर इससे अधिक लंबे समय तक स्तनपान के दौरान उपवास रखना दूध की पूर्ति को घटा सकता है।
इसके अलावा, अगर नई माँ स्तनपान के दौरान व्रत रखना चाहती हैं या डिलीवरी के बाद सावित्री व्रत करना चाहती हैं, तो अपने व्रत के आहार का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर लंबे समय तक वे बिना आहार के रहती हैं, तो इससे न सिर्फ दूध की आपूर्ति कम हो सकती है, बल्कि दूध में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा भी कम हो सकती है।
इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि स्तनपान के दौरान उपवास रखना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन एक सीमित अवधि व कुछ जरूरी सावधानियों के साथ।
नहीं, सीधे तौर पर इस संबंध में किसी तरह का शोध मौजूद नहीं है, लेकिन मौजूदा उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह कहा जा सकता है कि 24 घंटे से अंधिक समय तक डिलीवरी के बाद सावित्री व्रत या अन्य व्रत रखने से माँ व शिशु के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है, जैसेः
वहीं, 24 घंटे से अधिक समय तक स्तनपान के दौरान उपवास रखना ब्रेस्टमिल्क के पोषण को कम कर सकता है। इससे माँ के दूध में जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा में अंतर आ सकता है। जो गंभीर होने पर शिशु में निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसेः
जैसा की भारत विभिन्न धर्मों का देश है। यहां धर्म के अपने नीति-नियम हैं। उनके आधार पर नीचे पढ़ें स्तनपान के दौरान उपवास रखना और उससे जुड़ी मान्यताएंः
हिंदू धर्म के अनुसार स्तनपान के दौरान व्रत रखना सुरक्षित माना जा सकता है। हालांकि, नई मां को स्तनपान के दौरान व्रत रखना चाहिए या नहीं, इसके लिए कोई सख्त नियम नहीं। अगर माँ स्वस्थ महसूस करती हैं, तो वे अपनी इच्छानुसार व्रत रखने का फैसला कर सकती हैं।
धर्म के अनुसार स्तनपान के दौरान व्रत रखना भी काफी सहज है। इस्लाम में स्तनपान के दौरान उपवास रखने या न रखने की छूट दी गई है। यहां भी यह फैसला पूरी तरह से माँ के स्वास्थ्य व उसकी मर्जी पर निर्भर करता है।
ईसाई धर्म के अनुसार स्तनपान के दौरान व्रत रखना चाहिए या नहीं, इसके लिए नियम थोड़े अलग हैं। जैसा कि ईसाई धर्म में ईस्टर सप्ताह को पाक माना जाता है। इस दौरान व्रत करने का रिवाज होता है। ऐसे में अगर कोई महिला स्तनपान के दौरान उपवास रखना चाहती है, तो वह व्रत वाले दिन व्रत न रखकर सिर्फ अपनी कुछ पसंदीदा खाद्यों से परहेज करके व्रत को पूरा कर सकती हैं।
अगर डिलीवरी के बाद सावित्री व्रत या डिलीवरी के बाद व्रत करना है, तो निम्नलिखित बातों का रखें ध्यान रखकर व्रत के चरण को सुरक्षित बना सकती हैं, जैसेः
नोट: डिलीवरी के बाद सावित्री व्रत रखने के लिए या कोई भी अन्य व्रत रखने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। साथ ही, स्तनपान के दौरान उपवास रखना सुरक्षित बनाने के लिए संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच भी अवश्य कराएं।
स्तनपान के दौरान उपवास रखना सुरक्षित माना जा सकता है, बस इसके लिए महिलाओं को लेख में बताई गई बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, अगर नई-नई डिलीवरी के बाद सावित्री व्रत या कोई भी अन्य व्रत का फैसला अपने डॉक्टर के निर्देश के अनुसार ही करें।
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