1 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 408 Articles
Mousumi Dutta
शायद ही आपको इस बात का अंदाजा हो कि हमारे बीच कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जिनके पास डबल यूट्रस है। यहां डबल यूट्रस से हमारा मतलब महिलाओं के दो गर्भाशय से ही है। कुछ लोगों के लिए यह हैरानी भरी जानकारी हो सकती है। वहीं, कुछ लोगों के लिए यह चिंता की बात भी हो सकती है।
महिलाओं में डबल यूट्रस क्या है (What is Double Uterus in Hindi), महिलाओं में डबल यूट्रस के लक्षण क्या हैं, क्या इससे माँ बनने का सफर जोखिम भरा हो सकता है (Double Uterus Complications in Hindi) ऐसी ही तमाम जानकारियों के बारे में इस लेख में बताया गया है। तो बस स्क्रॉल करें और पढ़ें महिलाओं में डबल यूट्रस और प्रेग्नेंसी से जुड़ी बातें।
डबल यूट्रस क्या है (What is Double Uterus in Hindi), यह सीधे तौर पर महिलाओं के दो गर्भाशय का लक्षण है। डबल यूट्रस को (Double Uterus) को यूट्रस डाइडेलफिस (Uterus Didelphys) भी कहते हैं। महिलाओं में डबल यूट्रस किसी बीमारी का प्रकार या संकेत तो नहीं होता है, हां लेकिन इसे दुर्लभ जन्मजात असामान्यता माना जा सकता है।
एक सामान्य गर्भाशय की बात करें, तो महिलाओं का गर्भाशय दो छोटी नलियों से मिलकर बनता है, जो अंदर से खोखला होता है और इसी में भ्रूण का विकास होता है।
वहीं, कुछ दुर्लभ स्थितियों में गर्भाशय की दोनों नलियां या ट्यूब आपस में नहीं जुड़ पाती हैं। इससे दोनों नलियां अलग-अलग संरचना में विकसित हो जाती हैं, जिसे ही महिलाओं में डबल यूट्रस कहा जाता है। इनमें से एक गर्भाशय सामान्य स्थान पर हो सकता है, तो दूसरा गर्भाशय ग्रीवा में विकसित हो सकता है।
कुछ मामलों में यह योनि की लंबाई को दो अलग-अलग छिद्रों में विभाजित करती हुई भी विकसित हो सकती हैं।
ऐसा स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि महिलाओं में डबल यूट्रस होने से उनकी गर्भावस्था प्रभावित हो सकती है। हालांकि, शोध बताते हैं कि डबल यूट्रस या यूट्रस डाईडेल्फिस होने की स्थिति में भी महिलाएं सफल रूप से गर्धधारण कर सकती हैं और शिशु को सामान्य व सी-सेक्शन के जरिए जन्म दे सकती हैं।
हालांकि, यह इस बात पर भी निर्भर कर सकता है कि दोनों यूट्रस किस हिस्से में स्थित हैं और उनकी स्थिति कैसी है। इसके अलावा, डबल यूट्रस वाली महिलाओं में गर्भाशय सामान्य से बहुत छोटा विकसित होता है, जिसकी वजह से उन्हें प्रसव पीड़ा अन्य महिलाओं के मुकाबले अधिक हो सकती है।
महिलाओं में डबल यूट्रस के लक्षण किसी खास तरह के संकेत नहीं देते हैं। हालांकि, अगर महिला का बार-बार गर्भपात हो रहा है, तो यह महिलाओं में डबल यूट्रस के लक्षण हो सकते हैं।
ऐसे लक्षण होने पर इमेजिंग टेस्ट के लिए पेल्विक एग्जाम किया जा सकता है और गर्भाशय की जांच की जाती है।
इसके अलावा, डबल यूट्रस के लक्षण या डबल वजाइना के लक्षण होने पर महिलाओं को टैम्पोन लगाने के बाद भी रक्तस्राव हो सकता है। ऐसी स्थिति में स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
महिलाओं में डबल यूट्रस या यूट्रस डाईडेल्फिस होने के कारण क्या हैं, यह अभी भी अज्ञात है। हालांकि, इसे एक तरह की जन्मजात असमान्यता जा सकती है। यानी महिलाओं में डबल यूट्रस जन्म से ही हो सकता है। यह उसे आनुवंशिक रूप से भी मिल सकता है।
महिलाओं में डबल यूट्रस या यूट्रस डाईडेल्फिस होने के जोखिम निम्नलिखित हैं, जैसेः
महिलाओं में डबल यूट्रस या यूट्रस डाईडेल्फिस का निदान करने के निम्नलिखित तरीके अपनाएं जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
अगर बिना किसी समस्या के महिला गर्भधारण करने व स्वस्थ शिशु को जन्म देने में सक्षम होती है, तो ऐसी स्थिति में डबल यूट्रस के इलाज की आवश्यकता नहीं हो सकती है। हालांकि, अगर बार-बार महिला का गर्भपात हो जाता है या दो गर्भाशय होने की वजह से वह गर्भधारण नहीं कर सकती है, तो ऐसी परिस्थितियों में डॉक्टर डबल यूट्रस को जोड़कर एक करने के लिए सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
इस सर्जरी के गर्भधराण करने की संभावान बढ़ सकती है और बिना किसी परेशानी के स्वस्थ शिशु को जन्म भी दिया जा सकता है।
ध्यान रखें कि डबल यूट्रस (What is Double Uterus in Hindi) या यूट्रस डाइडेलफिस (Uterus Didelphys in Hindi) कोई बीमारी नहीं है। न ही यह गर्भावस्था को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, यह गर्भावस्था से जुड़े जोखिम (Double Uterus Complications in Hindi) जरूर बढ़ा सकती है। ऐसे में अगर परिवार में पहले से डबल यूट्रस का इतिहास रहा है, तो महिला को गर्भधारण करने से पहले पेल्विक टेस्ट जरूर कराना चाहिए और अपने यूट्रस की स्थिति का पता लगाना चाहिए।
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