10 May 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
प्रेग्नेंसी में स्वस्थ रहना किसी चैलेंज से कम नहीं। इस दौरान किसी-न-किसी दिक्कत का सामना करना ही पड़ता है। लेकिन आज की सतर्क और जागरूक महिलाएं, इन दिक्कतों को खुद पर हावी होने नहीं देतीं। अब महिलाएं प्रेग्नेंसी से जुड़ी जटिलताओं को पहले ही जान लेती हैं। अगर कुछ रह जाता है, तो उसे जानने की इच्छुक रहती हैं। अगर आप भी जागरूक गर्भवती महिला हैं, तो चलिए आज प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन के कारण, लक्षण और इलाज पर बात करते हैं।
आज हम प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप क्यों होता है, इस पर बात करेंगे। यहां हम प्रेगनेंसी में हाइपरटेंशन के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव जैसी सभी जरूरी जानकारी लेकर आए हैं।
प्रेग्नेंसी के समय हाइपरटेंशन की समस्या होना काफी सामान्य माना जाता है। दुनिया भर की लगभग 10 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझती हैं, जिसमें से करीब 3 से 5 प्रतिशत महिलाएं प्रीक्लेम्पसिया यानी गर्भकालीन हाइपरटेंशन से प्रभावित होती हैं।
सिर्फ भारत की बात करें, तो यहां 7.8 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में हाइपरटेंसिव डिसऑर्डर की शिकायत होती है। इनमें से 5.4 प्रतिशत महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया भी होता है।
गर्भावस्था के समय उच्च रक्तचाप की समस्या होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। हाइपरटेंशन के कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं –
कई प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन के लक्षण नहीं दिखते हैं। कुछ मामलों में हाइपरटेंशन के लक्षण कुछ इस प्रकार दिखाई दे सकते हैं।
गर्भावस्था में आपका “सामान्य” रक्तचाप क्या है, यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर पहली मुलाकात में रक्तचाप मापेंगे। उसके बाद हर मुलाकात में आपका रक्तचाप मापकर आपको आपके सामान्य रक्तचाप के बारे में बताएंगे। अगर सामान्य तौर पर बताएं तो नॉर्मल रक्तचाप 120/80 मिमी एचजी या इससे कुछ कम माना जाता है।
बीपी 130/90 मिमी एचजी से अधिक है या गर्भावस्था में जितना था ब्लड प्रेशर उससे 15 डिग्री अधिक है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है।
प्रसव के बाद प्रीक्लेम्पसिया और एक्लम्पसिया की स्थिति अपने आप ही खत्म हो जाती है। हां, कुछ लक्षण जारी रह सकते हैं। इसलिए अधिकतर मामालों में इलाज नहीं बचाव से ही मदद मिल जाती है। फिर भी कुछ मामलों में डॉक्टर कुछ तरह के सलाह दे सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के समय हाइपरटेंशन के जोखिम से बचाव के लिए कई तरह के उपायों को अपनाया जा सकता है। इन उपायों में ये शामिल है।
प्रेग्नेंसी में उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर सही उपायों को अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। संतुलित रक्तचाप प्रेग्नेंसी संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। गर्भावस्था में हाइपरटेंशन से मां और भ्रूण की मौत तक हो सकती है। इसलिए ब्लड प्रेशर पर प्रेग्नेंसी के समय जरूर ध्यान दें।
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