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प्रेग्नेंसी में मेलास्मा का खतरा क्यों बढ़ता है? कौन-से प्रोडक्ट होंगे मददगार

प्रेग्नेंसी में मेलास्मा का खतरा क्यों बढ़ता है? कौन-से प्रोडक्ट होंगे मददगार

24 May 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

गर्भावस्था के समय शरीर जबरदस्त बदलावों से गुजरता है। पेट बढ़ना, ऐंठन, मॉर्निंग सिकनेस, अलग तरह के दर्द, इन सबका अनुभव होता है। प्रेग्नेंसी में स्किन भी बदलावों से अछूती नहीं रहती है। इस दौरान चेहरे पर गहरे धब्बे भी दिखते हैं, जिसे मेलास्मा कहा जाता है। मलेजस्मा गर्भावस्था में क्यों होता जैसी विभिन्न जानकारियां इस स्थिति के बारे में आगे दी गई है।

मेलास्मा क्या है?

प्रेग्नेंसी में जब चेहरे पर गहरे या भूरे रंग के दाग-धब्बे दिखते हैं, तो उसे प्रेग्नेंसी मेलास्मा कहते हैं। यह स्थिति क्लोस्मा (Chloasma) भी कहलाती है। प्रेगनेंसी मेलास्मा को “मास्क ऑफ प्रेग्नेंसी“ भी कहते हैं। क्योंकि मेलास्मा पैच यानी दाग-धब्बे आमतौर पर नाक, माथे, ठुड्डी, गाल और ऊपरी होंठ पर नजर आते हैं। कभी-कभी, ये धब्बे गर्दन, छाती, फोरआर्म्स और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी दिखाई देते हैं।

प्रेग्नेंसी मेलास्मा होना कितना आम और खतरनाक है?

प्रेग्नेंसी में मेलास्मा
प्रेग्नेंसी में मेलास्मा / चित्र स्रोतः फ्रीपिक

क्लोस्मा एक कॉस्मेटिक संबंधी चिंता है। यह आपकी प्रेगनेंसी को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करता है और ना ही गर्भावस्था की किसी अन्य जटिलता का संकेत देता है। कुल मिलाकर, 50 से 70 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किसी-न-किसी रूप में मेलास्मा होता है।

आखिर क्यों होता है प्रेगनेंसी मेलास्मा?

प्रेगनेंसी में मेलास्मा होने के दो मुख्य कारण होते हैं। पहला तो गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलाव। विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की अधिकता। दूसरी वजह सूर्य हानिकारक किरणें। 

अन्य कारकों में आनुवंशिक इतिहास (यदि परिवार में कोई और इससे पीड़ित रहा है), त्वचा देखभाल संबंधी उत्पाद, दवाएं,  गर्भ में एक से अधिक बच्चे और अधिक आयु में गर्भधारण शामिल हो सकते हैं।

गर्भावस्था में क्लोस्मा / मेलास्मा के लक्षण 

क्लोस्मा / मेलास्मा के लक्षण के रूप में प्रमुख त्वचा में गहरे धब्बे दिखना ही है। त्वचा की सामान्य रंगत के मुकाबले यह गहरे व भूरे होते हैं। धूप के संपर्क में आने से यह धब्बे और गहरे होते जाते हैं। 

साथ ही प्रेग्नेंसी जितनी बढ़ती है, उतना यह भी बढ़ सकते हैं। इन धब्बों को मुख्यत: गाल, ठुड्डी, माथे और मुंह के आसपास देखा जाता है। 

इनमें किसी तरह का दर्द या खुजली नहीं होती है। अगर ऐसा कुछ भी महसूस हो, तो तुरंत चर्म रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। हो सकता है कि त्वचा में अन्य स्थिति उत्पन्न हुई हो। 

मेलास्मा के लिए प्रोडक्ट

मेलास्मा की परेशानी को कुछ कम करने के लिए और इससे राहत पाने के लिए गर्भवतियां कुछ प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकती हैं। क्या हैं ये प्रोडक्ट नीचे जानिए।

सनस्क्रीन

मेलास्मा होने पर धूप के कारण यह दिक्कत और बढ़ती है। इसलिए सनस्क्रीन मेलास्मा को कंट्रोल कर सकता है। अच्छी क्वालिटी का सनस्क्रीन इसके लिए जरूरी है।

कोकोनट ऑयल

नारियल के तेल में सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने वाला प्रभाव होता है। इसलिए यह मेलास्मा को बढ़ने से रोक सकता है। साथ ही नारियल तेल में मौजूद लॉरिक एसिड त्वचा की रंगत को हल्का करने में भी मदद कर सकते हैं। इसलिए आप कोकोनट ऑयल भी खरीद सकती हैं। 

बस ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल ही खरीदें। हम आपको बेबीचक्रा का कोकोनट ऑयल खरीदने की सलाह देंगे। इसे एक्सपर्ट्स द्वारा खास आपके लिए बनाया गया है। आप प्रसव के बाद यह तेल शिशु के लिए भी इस्तेमाल में ला सकती हैं।

एंटी मेलास्मा क्रीम

मेलास्मा को बढ़ने से रोकने और धब्बों को कम करने के लिए एंटी मेलास्मा क्रीम का उपयोग किया जा सकता है। विटामिन सी का फेस क्रीम मेलास्मा को कम करने में बहुत मदद करता है।

मॉइस्चराइजर

सनस्क्रीन और एंटी मेलास्मा क्रीम के साथ ही स्किन लाइटनिंग मॉइस्चराइजर का उपयोग किया जा सकता है। यह प्राकृतिक तरीके से त्वचा की गहरी रंगत को हल्का करने का काम कर सकता है। 

प्रेग्नेंसी में मेलास्मा होना आम है। इसलिए ज्यादा परेशान होना नहीं चाहिए। मेलास्मा के साथ भी आप बेहद खूबसूरत लगती हैं। हां, इसे कंट्रोल करने के लिए आप ऊपर बताए गए प्रोडक्ट को इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही धूप में निकलने से बचें।  इस दौरान केमिकल युक्त और खराब क्वालिटी वाले उत्पाद इस्तेमाल में लाने से बचें।

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