7 Jun 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
Medically reviewed by
Dr Pooja Marathe
मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव अधिकतर गर्भवती महिलाओं को होता है। इसके चलते महिला को उल्टी, बेचैनी और अजीब-सा एहसास होता है। इससे बचने के लिए मॉर्निंग सिकनेस से बचाव और इलाज का पता होना जरूरी है। इसलिए, गर्भावस्था में उल्टी, जी-मिचलाने की दिक्कत से राहत दिलाने के लिए हम यह लेख लेकर आए हैं। यहां विस्तार से गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण, बचाव, इलाज और खाद्य पदार्थ की जानकारी दी गई है।
गर्भावस्था में होने वाली उल्टी और जी-मिचलाने (Nausea in Hindi) को मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। जैसे की नाम में मॉर्निग शब्द है, इसकी मतलब ये बिल्कुल न समझें कि उल्टी और जी मिचलाना यानी मतली (Nausea and Vomiting in Pregnancy in Hindi) सिर्फ सुबह ही होगी।
ऐसा सुबह, शाम या किसी भी अन्य समय हो सकती है। अधिकतर महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की दिक्कत पहले ट्राइमेस्टर में होती है। लेकिन, कुछ महिलाओं को पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान भी मॉर्निंग सिकनेस हो सकती है।
दुर्लभ मामलों में मॉर्निंग सिकनेस गंभीर होकर हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis gravidarum) नामक स्थिति में बदल जाती है। ऐसा बार-बार गर्भावस्था में उल्टी और मतली यानी मॉर्निंग सिकनेस होने की वजह से होता है। इसमें गंभीर निर्जलीकरण, वेट लॉस जैसी दिक्कतें होने लगती हैं।
मॉर्निंग सिकनेस क्या है, समझने के बाद आगे इसके कारण जानते हैं। गर्भावस्था में उल्टी और मतली के कारण बिंदुओं के माध्यम से बताए गए हैं।
हम बता ही चुके हैं कि मॉर्निंग सिकनेस का मतलब उल्टी और मतली है, ये अपने आप में ही एक लक्षण हैं। इनके अलावा, मॉर्निंग सिकनेस में कैसा एहसास होता है, यह आगे समझिए।
मॉर्निंग सिकनेस होने पर डॉक्टर आमतौर पर अधिक-से-अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर गर्भावस्था में उल्टी (vomiting in hindi) और मतली का इलाज करने के लिए क्या करते हैं, आगे जानिए।
लैक्टेशन और चाइल्ड न्यूट्रिशन, कम्यूनिटी एक्सपर्ट, डॉक्टर पूजा मराठे बताती हैं, “मॉर्निंग सिकनेस में कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थ खाए जाने चाहिए। आप सुबह साबुत अनाज, आलू, पास्ता या चावल खा सकती हैं। यही नहीं नमकीले क्रेकर और पनीर, उबले हुए ताजा या स्टीम की हुई सब्जियां भी महिलाओं के लिए अच्छी होती हैं।”
टोस्ट
भले ही लोगों को लगे कि टोस्ट हेल्दी नहीं होता, लेकिन ऐसा नहीं है। प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस को रोकने के लिए 1 से 2 टोस्ट लेना हानिकारक नहीं है। इसमें कैलोरी और कार्ब्स दोनों होते हैं, जो मॉर्निंग सिकनेस से बचाव कर सकते हैं। डॉक्टर पूजा मराठे कहती हैं कि गर्भवती सूखे टोस्ट को शहद, जैम या वेजीमाइट (vegemite) के साथ ले सकती हैं।
ओट्स
ओट्स एक सुपर फूड है। ओट्स में काॅम्प्लेक्स कार्ब्स पाए जाते हैं। ये गर्भावस्था में हो रही मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में मदद कर सकता है। डॉक्टर पूजा मराठे के अनुसार, मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने के लिए सुबह सूप का सेवन भी फायदेमंद है।
अदरक के बिस्कुट व कुकीज
बाजार में मिलने वाले ऑर्गेनिक अदरक की कुकीज का सेवन आप प्रेग्नेंसी में सुबह कर सकती हैं। इससे मॉर्निंग सिकनेस से राहत मिलेगी। अगर बिस्कुट व कुकीज खाने का मन न हो, तो आप अदरक को पीसकर या छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में उबाल लें। उसके बाद थोड़ा ठंडा होने पर पानी में शहद मिलाकर पी लें। इससे मॉर्निंग सिकनेस में होने वाली उल्टी और जी-मिचलाने की समस्या कम होती है।
केला
केला ऐसा फल है, जो पोटेशियम और विटामिन-बी से भरपूर होता है। रोजाना सुबह केले खाने से उल्टी की वजह से होने वाली पोटैशियम की कमी पूरी हो जाती है। साथ ही विटामिन बी खासकर बी-6 एंटी-नौसिया की तरह काम करता है। अगर मॉर्निंग सिकनेस हल्की है, तो दो केले से काफी राहत मिल सकती है।
डॉक्टर पूजा मराठे के अनुसार, “मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए उन गंध या महक से दूर रहना जरूरी है, जिनसे आपका जी-मिचलने लगता है। मसालेदार खाने की गंध, हाई फैट फुड, दूध, सिट्रस जूस, कॉफी, चाय या अन्य कैफीन से मॉर्निंग सिकनेस बढ़ सकती है। मॉर्निंग सिकनेस के लिए जेली, कस्टर्ड, पॉपकॉर्न, सूखे अनाज वाला नाश्ता, ताजे फल और सूखे हुए मेवे (ड्राई फ्रूट्स) ले सकती हैं।”
प्रेग्नेंसी में उल्टी (vomiting in hindi) और मतली से बचाव करने का तरीका यही है कि इन्हें बढ़ाने वाले कारक से बचा जाए। ऐसे चीजों से दूर रहें, जिनके कारण जी मिचलाने लगे। इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस से जुड़ी सभी बातें आप जान ही गई हैं। बस तो इसके बचाव के तरीके अपनाकर और मॉर्निंग सिकनेस बढ़ाने वाले कारक से दूर रहकर अपनी प्रेग्नेंसी के सफर को आरामदायक बनाएं।
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