3 Jun 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
हर माँ अपने बच्चे को ढेर सारा प्यार और खुशियां देना चाहती है। लेकिन, दुर्भाग्य वश माँ के जीन्स से बच्चे तक बीमारियां भी पहुंच जाती हैं। क्या बच्चे को होने वाले ब्रेन ट्यूमर (pediatric brain tumor) का कारण आनुवांशिक होता है या नहीं, यह हम इस लेख में जानेंगे।
ब्रेन ट्यूमर खोपड़ी (Skull) के अंदर असामान्य वृद्धि को कहते हैं। यह चाइल्डहुड कैंसर के सबसे आम प्रकारों में से है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि सारे ब्रेन ट्यूमर कैंसर का कारण बनें। कुछ सौम्य (benign) ट्यूमर होते हैं। इनसे कैंसर तो नहीं होता, लेकिन फिर भी ये गंभीर हो सकते हैं। घातक (Malignant) ट्यूमर कैंसिरियस होते हैं।
ब्रेन ट्यूमर सीधे मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट करता है। ये अप्रत्यक्ष रूप से मस्तिष्क के अन्य हिस्सों पर दबाव डालकर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे खोपड़ी के अंदर सूजन और दबाव बढ़ जाता है।
हां, अगर कभी माँ को ब्रेन ट्यूमर था, तो उसके शिशु को भी ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा हो सकता है। दरअसल, ब्रेन ट्यूमर होने का कारण जेनेटिक भी होता है।
ट्यूमर आनुवांशिक है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए 800 बच्चों पर शोध किया गया। इसके नतीजे हैरान करने वाले रहे।
वैज्ञानिकों ने पाया कि 40 प्रतिशित बच्चों में ब्रेन ट्यूमर का कारण जन्मजात आनुवंशिक प्रवृत्ति रही है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि माँ को हुए ब्रेन ट्यूमर से शिशु में ब्रेन ट्यूमर का जोखिम बढ़ सकता है।
बच्चे में ट्यूमर के प्रकार बहुत सारे हैं। क्या हैं चाइल्डहुड ट्यूमर के प्रकार हम आगे बता रहे हैं –
एस्ट्रोसाइटोमा (Astrocytomas)
एस्ट्रोसाइटोमा आमतौर पर गैर-कैंसरयुक्त (Noncancerous), धीमी गति से बढ़ने वाला ट्यूमर होता है। ये आमतौर पर 5 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों में विकसित होता है। इसे निम्न-श्रेणी का ग्लियोमा (Glioma) भी कहा जाता है, ये बच्चों में सबसे आम ब्रेन ट्यूमर हैं।
मेडुलोब्लास्टोमा (Medulloblastomas)
मेडुलोब्लास्टोमा चाइल्डहुड ब्रेन ट्यूमर का सबसे आम प्रकार है। अधिकांश मेडुलोब्लास्टोमा 10 वर्ष की आयु से पहले होते हैं।
एपेंडिमोमा (Ependymomas)
एपेंडिमोमा एक प्रकार का चाइल्डहुड ब्रेन ट्यूमर है, जो बेनिग्न यानी सौम्य (गैर-कैंसरयुक्त) या घातक मतलब मेलिगनेंट (कैंसरयुक्त) हो सकता है। एपेंडिमोमा का स्थान और प्रकार ट्यूमर को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक चिकित्सा के प्रकार को निर्धारित करता है।
ब्रेनस्टेम ग्लियोमा (Brainstem gliomas)
ब्रेनस्टेम ग्लियोमा बहुत ही दुर्लभ ट्यूमर है, जो बच्चों में होता है। यह ट्यूमर जिस उम्र में होता है, वो लगभग 6 वर्ष की उम्र है। लक्षण पैदा करने से पहले ट्यूमर बहुत बड़ा हो सकता है।
देहरादून में प्रैक्टिस कर रहे न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. शशेंद्र सक्सेना बताते हैं कि ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है। सामान्य तौर पर, बच्चों में ब्रेन ट्यूमर के मामले कम आते हैं।
डॉ. शशेंद्र सक्सेना के अनुसार, “0-14 उम्र के बच्चों में सबसे आम प्रकार का ब्रेन ट्यूमर ग्लिओमा है।” इसमें अधिकांश पाइलोसाइटिक, एस्ट्रोसाइटोमा और अन्य निम्न श्रेणी के ग्लिओमा शामिल हैं।
मेडुलोब्लास्टोमा बच्चों को प्रभावित करने वाले सबसे आम घातक ब्रेन ट्यूमर में से एक है। ये मस्तिष्क के हिस्से सेरिबैलम (cerebellum) से आसपास के ऊतक में फैलता है। फिर मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) के माध्यम से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के अन्य भागों में भी फैल सकता है। ये ट्यूमर तेजी से बढ़ता है।
अब आगे बढ़ते हुए जानते हैं कि ब्रेन ट्यूमर होने के कारण क्या हैं?
आनुवांशिकता के कारण बच्चों को बेन ट्यूमर (Pediatric Brain Tumor) हो सकता है। लेकिन, पीडियाट्रिक ब्रेन ट्यूमर के कारण और भी कई हो सकते हैं। हालांकि, अबतक अधिकतर ब्रेन ट्यूमर के कारण अज्ञात ही हैं।
डॉक्चर के अनुसार, “ट्यूमर की वजह से मस्तिष्क कोशिकाओं का डीएनए तेजी से गुणा (Multiply) होता है। साथ ही मस्तिष्क में असामान्य ग्रोथ होने लगती है। लेकिन किन कारणों से मस्तिष्क में यह सब होता है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
हां, आनुवांशिकता को एक कारण माना गया है। साथ ही बड़ी मात्रा में विकिरण यानी रेडिएशन के संपर्क को कई प्रकार के कैंसर से जोड़ा जाता है, जिसमें बच्चों में ब्रेन ट्यूमर भी शामिल है।”
बचपन के मस्तिष्क ट्यूमर से अधिकतर सिरदर्द हो सकता है। हालांकि, अन्य स्थितियां भी यह लक्षण दिखता है, इसलिए यदि बच्चे में निम्न में से कोई भी लक्षण दिखने लगें, तो डॉक्टर से जांच कराएं।
जरूरी नहीं कि सभी बच्चों में ऐसे ही लक्षण नजर आएं। अगर कुछ भी असामान्य आपको दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर से संपर्क करने के बाद वो ब्रेन ट्यूमर का निदान करने के लिए शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल चेकअप, लैब टेस्ट और इमेजिंग करने की सलाह देते हैं। अधिकांश चाइल्डहुड ब्रेन ट्यूमर का निदान हो जाता है और उन्हें सर्जरी के माध्यम से हटाया जा सकता है। हालांकि, यह ट्यूमर के प्रकार और मस्तिष्क के किस हिस्से पर ब्रेन ट्यूमर है, इस पर भी निर्भर करता है।
सर्जरी से ट्यूमर को हटाना अक्सर संभव होता है। ऐसा न होने पर विकिरण (रेडिएशन), कीमोथेरेपी या दोनों का उपयोग किया जा सकता है। कुछ मामलों वयस्कों की तुलना में बच्चों के ब्रेन ट्यूमर का उपचार अलग हो सकता है। इलाज के लॉन्ग टर्म मतलब दीर्घकालिक दुष्प्रभाव भी होते हैं।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.