6 Apr 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 260 Articles
टीडैप तीन तरह की बीमारियों से बचने के लिए लगवाई जाने वाली वैक्सीन है। टिटनेस (Tetanus), डिप्थीरिया (Diphtheria) और पर्टुसिस (Pertussis)। इन्हीं से मिलकर टीडैप (Tdap) शब्द बना है। टीडैप वैक्सीन इन तीनों ही बीमारियों से गर्भवती महिला, उसके गर्भस्थ शिशु, टीन्स और वयस्कों को बचाने में मदद करती है। ये सभी बीमारियां काफी गंभीर और घातक मानी जाती हैं। अब टीडैप वैक्सीनेशन क्या है, जानने के बाद आगे टीडैप वैक्सीन का महत्व समझते हैं।
टिटनेस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस तीनों ही बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसी वजह से टीडैप वैक्सीन लगवाना जरूरी होता है। आगे हम विस्तार से टीडैप वैक्सीनेश का महत्व समझा रहे हैं।
टिटनेस (टेटनस) एक तरह का इंफेक्शन है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है। यह शरीर में खरोंच या कट जाने पर और घाव के माध्यम शरीर में प्रवेश करता है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे को नहीं लगती, लेकिन यह बहुत गंभीर है। नीचे बताए गए कारणों की वजह से टीडैप वैक्सीन लगाना जरूरी है, क्योंकि यह वैक्सीन टेटनस से बचाव करती है।
यह बीमारी कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया (Corynebacterium diphtheriae) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इससे बचाव के लिए भी टीडैप वैक्सीन लगवानी जरूरी है। आइए, आगे जानते हैं डिप्थीरिया के लिए वैक्सीन न लगवाने पर क्या-क्या हो सकता है।
पर्टुसिस को अधिकतर लोग काली खांसी के रूप में जानते हैं। पर्टुसिस होने का कारण बैक्टीरियम बोर्डेटेला पर्टुसिस है। यह बैक्टीरिया भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसमें अनियंत्रित खांसी होती है। टीडैप वैक्सीनेशन से पर्टुसिस और इससे होने वाली परेशानियां से बचाव हो सकता है।
जी बिल्कुल, टीडैप वैक्सीनेशन गर्भवती स्त्रियों और उनके बच्चों के लिए एकदम सुरक्षित है। टीडैप वैक्सीन लेने से किसी तरह की गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं का खतरा नहीं बढ़ता है। खासकर 27 से 28 वें हफ्ते में ही यह वैक्सीन लेना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
ऐसा करने से गर्भवती महिला के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी गर्भस्थ शिशु तक भी पहुंच जाती है। इस वैक्सीन की मदद से काली खांसी से शिशुओं को अस्पताल में भर्ती होने से बचाया और शिशु की मौत दर को कम किया जा सकता है। हां, महिला को वैक्सीन लगवाने के बाद इसके कुछ सामान्य लक्षण दिख सकते हैं।
अगर टीडैप वैक्सीनेशन के बाद नीचे बताए गए लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
टीडैप वैक्सीनेशन क्या है और इस लगवाना कितना जरूरी है, ये सारी जानकारी हमने ऊपर विस्तार से दी है। इस वैक्सीन को हमेशा डॉक्टर की सलाह पर और उनकी रेखदेख में ही लगवाएं। गर्भावस्था में टीडैप लगवाने की सोच रही हैं, तो 27वें हफ्ते से पहले-पहले अपने डॉक्टर से इस विषय पर बात कर लें। इसके आधार पर डॉक्टर आपको वैक्सीन से जुड़ी कुछ जरूरी सलाह और जानकारियां दे सकते हैं।