29 Mar 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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प्रियंका चोपड़ा एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनके नाम के चर्चे बॉलीवुड क्या हॉलीवुड में भी है। वह एक्टिंग जितनी बेबाक तरीके से करती हैं, वैसे ही अपने जिंदगी के बारे में बात लोगों के सामने बेबाक तरीके से रखती हैं। हाल ही में प्रियंका चोपड़ा ने अमेरिकन एक्टर डैक्स शेफर्ड के साथ इंटरव्यू में बताया है कि उन्होंने 30 के उम्र में माँ मधु चोपड़ा, की सलाह से एग फ्रीजिंग का फैसला लिया था।
प्रियंका चोपड़ा की माँ मधु चोपड़ा गायनोकॉलोजिस्ट हैं, और उन्होंने ही बताया था कि महिलाओं के लिए 30 के बाद माँ बनने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए एग फ्रीजिंग करने का फैसला, इस मामले में काम आ सकता है। उनका मानना है कि बायोलॉजिकल क्लॉक सच बात है, इसलिए 30-35 के बाद माँ बनने की संभावना कम हो जाती है।
यह तो आप सभी जानते हैं कि 2018 साल में उन्होंने निक जोनस से शादी की थी और तीन साल बाद 2022 में सरोगेसी के माध्यम से मालती मैरी चोपड़ा का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी स्वास्थ्य की वजह से सरोगेसी का सहारा लिया था।
एग फ्रीजिंग के मामले में प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि एग्स फ्रीज करवा देने पर स्वतंत्रता का एहसास होता है और अपने कैरियर पर अच्छी तरह से फोकस करने में मदद मिलती है। अगर कोई लड़की अपने कैरियर पर फोकस करना चाहती है या किसी कारणवश देर से माँ बनना चाहती हैं तो एग फ्रीजिंग करवाना उनके लिए सही फैसला होगा।
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि प्रियंका चोपड़ा की माँ गायनोकॉलोजिस्ट हैं और उन्होंने ही बायोलॉजिकल क्लॉक के बारे में बताया था कि 30-35 के उम्र में माँ बनने में परेशानी होती है। प्रियंका को बच्चों से बहुत लगाव है और वह माँ बनना चाहती थी। यह तो सभी को पता है कि वह यूनिसेफ में रहते हुए उन्होंने बच्चों के साथ बहुत समय गुजारा है। इसलिए माँ बनने की चाह और कैरियर को लेकर और आगे बढ़ने की इच्छा को संभव बनाने के लिए उन्होंने एग फ्रीजिंग करवाया था।
एग फ्रीजिंग एक ऐसा फर्टिलाइजेशन प्रोसेस है, जो तब अपनाया जाता है जब कोई महिला बच्चा पैदा करने के लिए शारीरिक या मानसिक रूप से तैयार नहीं होती है। एग फ्रीजिंग को ओओसाइट क्रायोप्रेजर्वेशन के रूप में जाना जाता है और यह असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) ट्रस्टेड सोर्स का एक रूप है।
एग फ्रीजिंग के द्वारा महिला के अंडों को कम उम्र में संरक्षित करके रखा जाता है। जब वह बच्चे पैदा करना चाहती है, तब वह इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है क्योंकि उसके अंडों की गुणवत्ता वैसी ही रहती है, जैसा कम उम्र में एग्स को फ्रीज करने के समय था।
इस प्रक्रिया के दौरान, अंडे को बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। उन अंडों को फिर अंडाशय से लेकर और स्टोरेज के लिए जमाया जाता है। जब महिला को माँ बनने के लिए इसकी जरूरत होती है, तब अंडे को थॉ किया जाता है और भ्रूण बनाने के लिए शुक्राणु के साथ जोड़ा जाता है। भ्रूण स्थानांतरण चक्र (Embryo transfer cycle)के दौरान भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित (Implantation) किया जा सकता है।
आपके जानकारी के लिए बता दें कि एग फ्रीजिंग एग डोनेशन से भी जुड़ा हुआ है। डोनर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान किसी और को इस्तेमाल करने के लिए अपना फ्रीजिंग एग्स दे सकता है।
एग फ्रीजिंग करने के 20-30 का उम्र सही होता है। इस समय फ्रीज किए गए एग से भविष्य में माँ बनने की संभावना ज्यादा रहती है।
प्रियंका चोपड़ा ने 30 के उम्र में एग फ्रीजिंग क्यों करवाया था, इस सच्चाई को तो आप समझ ही गए हैं कि यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए वरदान स्वरूप है जो अपने स्वास्थ्य या काम करने के लिए या दूसरे किसी कारणवश माँ देर से बनना चाहती है।
एक्सपर्ट टिप्स: देर से माँ बनने के लिए एग फ्रीजिंग करवाने का विकल्प चुनना सही है, उसी तरह से धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना भी जरूरी है।
मूल चित्र स्रोत- इंस्टाग्राम_प्रियंका चोपड़ा और आर्मचेयर एक्सपर्ट
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