10 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 406 Articles
नवजात व छोटे शिशु को डायपर रैशेज की समस्या (Diaper rash) आम मानी जा सकती है। डायपर रैश क्या है, इसे विस्तार से बताएं, तो सबसे पहले यह समझें कि छोटे बच्चों की स्किन वयस्क लोगों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती है। इसके अलावा, वे अक्सर नैपी व पैंट में ही पेशाब और पॉटी करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स बच्चों के लिए डायपर, नैपी और लंगोट का इस्तेमाल करते हैं, जो शिशु के लिए डायपर रैशेज (Diaper rash) होने के कारण बन सकती हैं।
ऐसे में शिशु में डायपर रैशेज के उपचार के लिए घरेलू तरीके (Home Remedies for Diaper Rash) काम आ सकते हैं। इस लेख में हम शिशु में डायपर रैश के उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली खास तेलों की जानकारी दे रहे हैं। पर इससे पहले यह भी जान लें कि शिशु में डायपर रैशेज के लक्षण क्या हैं।
शिशु में डायपर रैशेज के लक्षण होने पर इन संकेतों की पहचान करेंः
डायपर रैशेज के घरेलू उपचार के लिए इस लेख में हम कुछ खास तेलों के इस्तेमाल और उनके गुणों के बारे में बता रहे हैं। ये तेल आसानी से हमारे किचन में मिल भी सकते हैं और अन्य डायपर रैशज क्रीम या कॉस्मेटिक्स की तुलना में किफायती और कम लागत वाले भी होते हैं।
घरेलू तौर पर शिशु को डायपर रैशेज से निजात (Home Remedies for Diaper Rash) देने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, नारियल के तेल में एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल जैसे गुण होते हैं, जो डायपर रैशेज का कारण बनने वाले फंगस व बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं।
शिशु को डायपर रैशेज से निजात देने के लिए औषधि गुणों से भरपूर विच हेजल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी व एंटीबैक्टीरियल के साथ ही एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं, जो घरेलू तौर पर डायपर रैशज के उपचार (Home Remedies for Diaper Rash) में मददगार हो सकते हैं।
नीम के गुणों व इसके अनगिनत इस्तेमाल से हर कोई वाकिफ होंगे। पर बता दें कि शिशु में डायपर रैशेज के उपचार के लिए नीम का तेल बेहद गुणकारी माना जा सकता है। इसके लिए नीम के तेल में पाए जाने वाले एंटीमाइक्रोबियल व एंटीवायरल गुण को प्रभावकारी माना जा सकता है।
घरेलू तौर पर शिशु में डायपर रैशेज के उपचार (Home Remedies for Diaper Rash) के लिए टी ट्री ऑयल भी प्रभावशाली हो सकता है। टी ट्री ऑयल में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल व एंटी वायरल जैसे गुण होते हैं, जो न सिर्फ डायपर रैशेज की समस्या को दूर कर सकते हैं, बल्कि शिशु में त्वचा से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं।
सरसों के तेल में त्वचा को मॉश्चराइज करने, सूदिंग पहुंचाने व संक्रमण दूर करने के गुण होते हैं। यही वजह है कि शिशु को डायपर रैशेज होने पर सरसों के तेल का इस्तेमाल उनमें डायपर रैशेज के उपचार के लिए किया जा सकता है।
शिशु में डायपर रैशेज के उपचार के लिए इस तरह करें इन औषधीय तेलों का इस्तेमाल-
शिशु को नहलाने या उसके डायपर एरिया को धोने के लिए बेबी वॉश का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
हां, शिशु को डायपर रैशेज से बचाने के लिए डायपर रैशज क्रीम का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। मार्केट में कई तरह के डायपर रैशज क्रीम उपलब्ध भी हैं। पर ध्यान रखें कि बच्चे के लिए डायपर रैशज क्रीम खरीदते समय उसमें मिले सामाग्रियों की जांच जरूर करें।
जिंक ऑक्साइड या पेट्रोलियम जैली युक्त डायपर रैशेज क्रीम या मलहम का चुनाव करें। इस तरह के डायपर रैशेज के क्रीम त्वचा में जलन को शांत कर सकते हैं और त्वचा की नमी बनाए रखने में भी मददगार हो सकते हैं।
शिशु को डायपर रैशेज (Diaper rash) काफी परेशान कर सकता है। यह न सिर्फ बच्चे को चिड़चिड़ा कर सकता है, बल्कि शारीरिक तौर पर उन्हें खुजली, जलन और दर्द का अनुभव भी करा सकता है। इसलिए बच्चे के लिए हमेशा कॉटन से बने और अच्छी गुणवत्ता वाले डायपर का ही चुनाव करें। ताकि शिशु को डायपर रैशेज होने के जोखिम को कम से कम किया जा सके।
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