10 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
हर साल 17 मई को विश्व दूरसंचार दिवस (World Telecommunication Day) मनाया जाता है। विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (World Telecommunication & Information Society Day) क्यों मनाया जाता है, इसका प्रयाय इसके नाम से ही लगाया जा सकता है। अगर आप भी नहीं समझें हैं, तो कोई बात नहीं। लेख में हम विस्तार से इसकी जानकारी दे रहे हैं कि विश्व दूरसंचार दिवस क्यों मनाया जाता है? साथ ही, इस दिन को किसी तरह से अपने बच्चों के लिए खास बना सकते हैं, इसके भी टिप्स शेयर कर रहे हैं।
विश्व दूरसंचार दिवस (World Telecommunication & Information Society Day) को मनाने का उद्देश्य है “दूरसंचार प्रौद्योगिकी के प्रति लोगों में जागरूकता लाना।” जब से कोरोना वायरस फैला है, पूरी दुनियां में संचार का जरिया ही बदल गया है। अब हर कोई डिजीटल हो गया है, बस एक क्लिक पर दूर बैठे देश में किसी से भी बात कर सकते हैं और अपनी आवश्यकता की चीजों को बिना बाजार गए घर पर मंगवा सकते हैं।
लेकिन, क्या आपने कभी यह सोचा है कि दूरसंचार यानी टेलिकम्युनिकेशन का सही इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, इसके बारे में अपने बच्चों को कैसे शिक्षित किया जाए?
दूरसंचार का किस तरह से जीवन में सदुपयोग करना चाहिए, इसके लिए कुछ तरीके हम नीचे बता रहे हैं, जिनसे आप अपने बच्चों को समझा सकते हैं।
दूरसंचार प्रौद्योगिकी ने टेलीविजन से लेकर, रेडियो, टेलीफोन, मोबाइल फोन जैसे सभी ऑडियो व वीडियो की वस्तुओं को जन्म दिया है। जिसे और भी ज्यादा बेहतर बनाने में इंटरनेट का सबसे बड़ा योगदान है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि फोन का इस्तेमाल करते हुए व टेलीविजन देखते हुए बच्चे घंटों का समय बिता सकते हैं।
ऐसे में बच्चों को बताएं कि दिनभर में कितनी देर तक उन्हें फोन, इंटरनेट, टीवी या रेडियो का इस्तेमाल करना चाहिए। ताकि वे अपने समय का अन्य हिस्सा दूसरे कामों में भी उपयोग कर सकें और जीवन का सही आनंद ले सकें।
इंटरनेट ने जहां जीवन को कई गुना सरल बना दिया है, वहीं इसका दुरुपयोग भी तेजी से बढ़ गया है। बच्चा भले ही छोटी उम्र का हो, अगर वह खुद से इंटरनेट सर्फ करना जानता है, तो उसे बताएं कि उसे अडल्ट कंटेट नहीं देखना चाहिए। इससे उसकी उम्र पर खासा प्रभाव पड़ सकता है।
पेरेंट्स बच्चों को वयस्क सीरिज व मूवीज देखने के लिए एक उम्र सीमा बता सकते हैं। इसके साथ ही, वे बच्चों को यौन शिक्षा के बारे में जागरूक करने वाले बुक्स व शोज की जानकारी दे सकते हैं।
आज स्कूली शिक्षा से लेकर स्नातक तक की शिक्षा बहुत महंगी हो गई है। ऐसे में आर्थिक कमोजरी शिक्षा का स्तर प्रभावित कर सकती है। इसका भी उपाय दूरसंचार के जरिए किया जा सकता है। मौजूदा समय पर टीवी पर ऐसे कई चैनल हैं, जो छोटे बच्चों को इतिहास, गणित और साइंस से जुड़े विषयों की जानकारी देते हैं।
इसके अलावा, यूट्यूब व इंटरनेट पर पढ़ाई से संबंधित ढेरों सामाग्री निशुल्क उपलब्ध है। पेरेंट्स बच्चों की जरुरतों व उनकी रूचि के अनुसार उन्हें उन सामाग्रियों के बारे में बता सकते हैं।
टीवी, रेडियो, मोबाइल फोन व इंटरनेट के कई सही उपयोग हैं और इसका सबसे बड़ा सही उपोयग है मनोरंजन की तरह इस्तेमाल करना। अगर बच्चे के पास खेलने के लिए समय नहीं है या वो शारीरिक रूप से खेलने में असक्षम है, तो वह अपना मन बहलाने के लिए दूरसंचार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सकता है।
साथ ही, अगर अपनी शारीरिक कमजोरी के कारण वह चिंता व तनाव महसूस करता है, तो इंटरनेट पर उसे उसके ही जैसे प्रोत्साहित करने वाले अन्य लोग भी मिल सकते हैं। जिनके जीवन की कहानी सुनकर बच्चा भी अपने मन के हौंसले बुलंद कर सकता है।
दूरसंचार प्रौद्योगिकी का एक अन्य सही उपयोग है इन्हें ज्ञान का जरिया बनाना। इंटरनेट आज हर किसी के पास है, लेकिन इसका कब और कैसे सही इस्तेमाल करना चाहिए, इसकी जानकारी गिने-चुने लोगों को ही होती है। इंटनेट के उपयोग के जरिए बच्चा किसी तरह से अपने ज्ञान का निर्माण कर सकता है और उसे बढ़ा सकता है, इस बारे में पेरेंट्स को बच्चों की मदद करनी चाहिए।
इंटरनेट पर किसी चीज की खोज कैसे करनी चाहिए, इसका सही तरीका पेरेंट्स बच्चों को बता सकते हैं और खुद भी उनके साथ इसकी प्रैक्टिस कर सकते हैं।
टीवी, रेडियो व इंटरनेट के जरिए हम दूर-दराज के महान व जीवन को प्रभावित करने वाले लोगों से भी मिलते हैं। जिसका फायदा बच्चों को मिल सकता है। मौजूदा समय में हमारे सामने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, डॉ. भीमराव आंबेडकर, जयप्रकाश नारायण से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी, सरदार वल्लभभाई पटेल व कांशीराम जैसी शख्सियत का नाम सामने हैं।
हम भले ही इनसे मिले न हों और ये आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन इनके अनमोल विचारों व व्यवहारों के बारे में हम इंटरनेट की दुनिया से सीख ले सकते हैं। इसके अलावा, महाना अमेरिकी आविष्कारक थॉमस अल्वा एडीसन व अब्राह्म लिंकन जैसे विदेसी महान आत्माओं की जीवनी से भी इंटरनेट के जरिए परचित हो सकते हैं।
दूरसंचार प्रौद्योगिकी का सही उपयोग हमें यह भी सिखाता है कि अगर किसी को उसका सही उपयोग करना आता है, तो उन्हें सही सूचना एवं संचार को फैलने में मदद करनी चाहिए। आज कई मिथक व झूठी जानकारियों की भी भरमार पड़ी है, जिन्हें सही करने में आने वाली पीढ़ी को ही विचार करना चाहिए।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी एक तरह से जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। साथ ही, आए दिन में यह और भी बेहतर होता जा रहा है। हालांकि, इसके गलत इस्तेमाल को लेकर हम जैसे लोग ही इसकी खामियों को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि अपने बच्चों को विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (World Telecommunication & Information Society Day) की सीख देने से पहले हमें खुद इससे जुड़ी बातों पर अमल करना चाहिए।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.