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जानिए डिलीवरी के लिए कैसे करें खुद को तैयार –   Delivery ki Tayari Kaise Kare in hindi

जानिए डिलीवरी के लिए कैसे करें खुद को तैयार –   Delivery ki Tayari Kaise Kare in hindi

18 Feb 2019 | 1 min Read

Medically reviewed by

Author | Articles

 

जैसे ही आपकी गर्भावस्था शुरू होती हैं, आप अपने होने वाले बच्चे का बेसब्री से इन्तजार करने लगती हैं। गर्भवती माँ के मन में डिलीवरी को लेकर एक डर और ख़ुशी का मिला-जुला भाव रहता है। अपने आप को आने वाली शारीरिक चुनौती के लिए तैयार करना चाहती हैं तो आपको इसके लिए तैयारी जरूर करनी चाहिए। 

 

डिलीवरी एक लम्बी और तनावपूर्ण प्रकिया होती है जिसके लिए आपको खुद को मजबूत करना पड़ता है। बेबीचक्रा के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि खुद को डिलीवरी के लिए कैसे तैयार करें जिससे यह आपके लिए थोड़ा सुविधापूर्ण हो सके। इस लेख में हम आपको बताने का प्रयास करेंगें कि डिलीवरी होने के लक्षण क्या होते हैं और डिलीवरी के बाद देखभाल का कितना महत्व है? चलिए सबसे पहले जानते हैं कि डिलीवरी के लक्षण क्या होते हैं ताकि आपको पता रहे कि कब आपको डॉक्टरी मदद की जरूरत है- 

 

डिलीवरी के लक्षण (Symptoms of Delivery in hindi)

डिलीवरी के लक्षण प्रत्येक महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए हम यहाँ पर कुछ कॉमन साइन की बात करेंगे जो आपको लेबर शुरू होने का इशारा देते हैं – 



  • पेल्विक एरिया में स्ट्रांग और लगातार कांट्रेक्शंस होना डिलीवरी का लक्षण माना जाता है। 
  • कांट्रेक्शंस का मतलब है पेट और योनि की मासपेशियों का सिकुड़ना और फिर फैलना। 
  • योनि से रक्त स्राव भी डिलीवरी का एक लक्षण होता है। 
  • 9 महीने में डिलीवरी के लक्षण दिखने लगते हैं, पेट और पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो तो समझना चाहिए कि लेबर शुरू होने वाला है। 
  • वाटर ब्रेक यानी पानी का छूटना डिलीवरी का एक बड़ा लक्षण है।
  • जब डिलीवरी का समय करीब होता हो तो बच्चा पेट में नीचे की ओर आने लगता है।
  • लेबर पेन शुरू होने से पहले सर्विक्स मुलायम हो जाती है और फैलने लगती है। 
  • पेट में पीरियड की जैसी ऐंठन और तेज दर्द शुरू हो जाता है।

 

डिलीवरी के लक्षण के बाद आइए जानते हैं, डिलीवरी की तैयारी से जुड़ी कुछ उपयोगी टिप्स – 

 

डिलीवरी के लिए शरीर और मन को कैसे तैयार करें – How to prepare body and mind for delivery in hindi 

यह सच है कि डिलीवरी की पूरी प्रक्रिया महिलाओं के मन में एक तरह का डर पैदा कर देती हैं, जिसके पीछे सुनी-सुनाई बाते ज्यादा होती हैं, आज के समय में मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा आसान है। डिलीवरी पेन इंजेक्शन और डिलीवरी में एनेस्थीसिया जैसी तकनीक हर अस्पताल में मौजूद हैं इसलिए डरें नहीं और नीचे लिखे उपाय अपनाने का प्रयास करें – 


1. ज्वाइन करें प्रेगनेंसी क्लास (Take a Pregnancy Class) 

जी हाँ बच्चे को जन्म देने से पहले आप प्रेगनेंसी क्लास जा सकते हैं जो आजकल बहुत पॉपुलर हैं। इन क्लासेज में में ज्यादातर गर्भावस्था में सोने,उठने, बैठने और सुरक्षित यात्रा करने की ट्रेनिंग दी जाती है।  लेबर के दौरान सांस लेने के तरीके, लेबर के अलग-अलग प्रकार, दर्द से राहत के विकल्प और प्रसव के बाद नवजात शिशु की देखभाल से संबंधित बेसिक चीजें सिखाई जाती हैं। इन प्रेगनेंसी क्लासेज की सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ आप गर्भावस्था से जुड़े अपने सवाल आराम से पूछ सकते हैं। 


2. खुद को पूरा आराम दें  (Give Yourself Complete Rest in Pregnancy)

 गर्भावस्था में आराम (Rest in Pregnancy) बहुत जरूरी है क्योंकि इस दौरान आपके शरीर की मांसपेशियां, लिगामेंट्स स्वाभाविक रूप से नरम हो जाते हैं। आपको लेबर के लिए तैयार करने के लिए वो लोचदार हो जाते हैं। यह बदलाव आपकी पीठ के निचले हिस्से और पेल्विक एरिया के जोड़ों पर खिंचाव डाल सकता है, जिससे पीठ में दर्द हो सकता है। फ्लैट जूते पहनें और भारी वस्तुओं को उठाने से बचें। गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त आराम करें। 


3. गर्भावस्था में सही पोजीशन चुनें (Choose the Right Position During Pregnancy)

प्रेगनेंसी में बैठने की पोजीशन (Sitting Position During Pregnancy) सही होनी चाहिए। गर्भावस्था शुरू होने पर नीचे से कुछ उठाना हो तो अपने घुटनों को मोड़ें, न कि कमर को। जैसे आप स्क्वाट कर रहे हों, ऐसे किसी वस्तु को उठाएं। कमर मोड़ना आपके दर्द को और बढ़ा सकता है। आपके पैर आखिरी तिमाही में भारी और थके हुए लग सकते हैं। टखने की सूजन (Ankle Swelling) से बचने के लिए उन्हें ऊपर उठाने और स्टूल पर रखने की कोशिश करें। एक स्पा में एक अच्छा पेडीक्योर कराएं। अपने हाथों और पैरों को गर्म पानी में भिगोएँ। देखें कि यह आपको कितना अच्छा महसूस कराता है। 

 

4. प्रेगनेंसी में टाईट कपड़ो से बचें (Avoid Tight Clothes During Pregnancy)

गर्भावस्था में आपको फिटेड कपड़ों की जगह ढीले-ढाले और आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए। एडजस्ट होने वाले पट्टी और हुक वाली ब्रा चुनें, जिसमें कप के नीचे एक चौड़ा सपोर्ट बैंड हो। सुनिश्चित करें कि कप आराम से फिट हों और बगल के नीचे कोई भी कसाव न हों। सूती या मिक्स्ड कॉटन वाले कपड़ों को प्राथमिकता दें, जो आपकी त्वचा को पर्याप्त हवा देंते हों, ख़ासतौर पर अगर ये गर्मी का मौसम हो तो आपको कपड़ों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।


5. प्रेगनेंसी के दौरान जल्दबाजी न करें (Do Not Rush During Pregnancy)

अगर आप बहुत तेज चलती हैं या सीढियां चढ़ती हैं, तो आपकी सांस फूल सकती है, आपको सोने में समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान आपको कभी भी जल्दी में नहीं रहना चाहिए, पानी / तेल यदि फर्श पे गिरा हो तो ध्यान दें ,आपका संतुलन बिगड़ सकता है।


6. प्रेगनेंसी एक्सरसाइज का महत्व (Importance of Pregnancy Exercises in Hindi)

अगर आपकी स्थिति जटिल नहीं है तो प्रेगनेंसी में आपको हल्के फुल्के व्यायाम जारी रखने चाहिए जैसे वाकिंग और तैराकी, ये व्यायाम, गर्भावस्था में फिट रहने में मदद करते हैं। पीठ दर्द, कब्ज और सूजन को कम करने में प्रेगनेंसी एक्सरसाइज काफी हेल्पफुल होती हैं। इससे आपका मूड भी अच्छा रहता है और ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा मिलता है। प्रेगनेंसी एक्सरसाइज आपको बेहतर नींद लेने में मदद कर सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान अतिरिक्त वजन बढ़ने से रोकने के लिए भी एक्टिव रहने का प्रयास करें। 

 

7. प्रेगनेंसी में योग के फायदे (Yoga Benefits in Pregnancy in Hindi) 

डिलीवरी की तैयारी में प्रेगनेंसी में योग (Yoga in Pregnancy) भी आपकी बहुत मदद कर सकता है, इसे प्रीनेटल योगा (Prenatal Yoga) के नाम से काफी प्रसिद्धी मिली है। तनाव से निपटने का यह एक बेहतरीन तरीका है। इसके अलावा गर्भावस्था में मेडिटेशन और अनुलोम-विलोम जैसी ब्रीदिंग एक्सरसाइज आपको लेबर के लिए तैयार करने हेल्पफुल हो सकती हैं। बच्चे के जन्म के लिए मांसपेशियों में ताकत, लचीलापन और सहनशक्ति होनी चाहिए जो आपको योग से हासिल होती है। कुछ योगासन पीठ के निचले हिस्से में दर्द, मतली, सिरदर्द और सांस की तकलीफ को कम कर सकते हैं। 

 

हाँ, अगर डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए बोला है तो एक्टिव रहने से बचें लेकिन अगर आपकी गर्भावस्था सामान्य है तो एक्टिव रहने का प्रयास करें। हर समय अस्पताल जाने के लिए तैयार रहें क्योकि लेबर शुरू होने का समय तीसरी तिमाही में करीब ही होता है। 

 

तो आपने जाना कि कौन सी आदतें अपना कर आप डिलीवरी की तैयारी कर सकती हैं। अपने आप को पानी से हाइड्रेटेड रखें और यह कल्पना करने की कोशिश करें कि यह सब कैसे निश्चित रूप से बहुत ही मजेदार होगा! आगे हम आपके एक सुंदर मातृत्व की कामना करते हैं।

 

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