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प्ले स्कूल में शामिल होने के लिए एक बच्चे के लिए सही उम्र क्या है? –  When Will My Child Start School in Hindi

प्ले स्कूल में शामिल होने के लिए एक बच्चे के लिए सही उम्र क्या है? –  When Will My Child Start School in Hindi

21 Jun 2019 | 1 min Read

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एक सबसे महत्वपूर्ण निर्णय माता-पिता को लेना होता है, जब प्ले स्कूल शुरू करना है। यह पहली बार है कि बच्चे को सामाजिक परिवेश से अवगत कराया गया है। आप भी सोच रहे होंगे कि बच्चे का स्कूल में नाम कब लिखाना सही है (When do Children Start School in Hindi)? भारत में 2.5 वर्ष की आयु को प्ले स्कूल से शुरू करने के लिए आदर्श माना जाता है। लेकिन आजकल 21 महीने की उम्र के बच्चों को भी कुछ प्लेग्रुप्स द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है।

असल में प्लेस्कूल की शुरुआत कब की जाए (When Will child start school in Hindi), ये केवल बच्चे की उम्र पर निर्भर नहीं करता है बल्कि और भी कई चीज़ों को देखते हुए आपको प्ले स्कूल भेजने का निर्णय लेना चाहिए। बेबीचक्रा के इस में हम यही बताने की कोशिश करेगें कि बच्चे को प्ले स्कूल भेजने के लिए किन बातों पर विचार करना चाहिए।

एक बच्चे को स्कूल भेजने से पहले किन बातों पर विचार करना चाहिए (Tips to Choose Play  School in Hindi)

 

निर्णय का आधार बनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारण है बच्चे की तत्परता यानि वो स्कूल जाने के लिए कितना तैयार है। क्योंकि प्रत्येक बच्चा अलग है और विकास के विभिन्न माइलस्टोंस तक पहुंचने के लिए अपना समय लेता है, इसलिए केवल निर्धारित उम्र के आधार पर निर्णय लेना सही नहीं है। इस निर्णय को लेने से पहले कई कारकों पर विचार किया जाना चाहिए जैसे –  

  • बच्चे को मौखिक रूप से संवाद करने और खुद को व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए। वह किसी भी असुविधा को बताने में सक्षम होना चाहिए जो वह महसूस कर रहा है।
  • बच्चे इस लायक हों कि माता-पिता के साथ अपने अनुभव साझा कर सकें और अपनी पसंद और नापसंद बता सकते हों। इस तरह से शिक्षक और माता-पिता बच्चे को बेहतर तरीके से समझने में सक्षम हो सकते हैं।
  • बच्चे को अपने आप से कुछ काम करने आने चाहिए जैसे कि लंच करना, अपना बैग सभांल कर रखना, वॅाशरुम जाने के लिए बताना आदि।
  • आसपास और घर में नई चीजों का पता लगाने की इच्छा होनी चाहिए। आपको बच्चे पर ध्यान केंद्रित करने की जिज्ञासा और क्षमता का निरीक्षण करना चाहिए।
  • बच्चे को अन्य बच्चों के साथ आराम से रहना चाहिए जिससे अलगाव की चिंता दूर हो जाए। बच्चा कुछ घंटों के लिए या माता-पिता के अलावा परिवार के सदस्यों के साथ अकेले सोने के लिए सहज हो।
  • बच्चे में आत्मविश्वास की भावना होनी चाहिए और वह स्वयं ही गतिविधियों को करने में सक्षम होना चाहिए।
  • बच्चे को अन्य बच्चों के साथ संवाद स्थापित करना।
  • उसे अपना समय बाहरी गतिविधियों जैसे पार्क में खेलना, खेलकूद में भाग लेना आदि।
  • बच्चा अन्य बच्चों और शिक्षकों के साथ बातचीत करने में सक्षम होना चाहिए, ताकि वह स्कूल में सहज हो और अलगाव के कारण असहज महसूस न करे।
  • उसे शिक्षकों द्वारा दिए गए निर्देशों को समझने और उनका पालन करने में सक्षम होना चाहिए।
  • बच्चे को कहानियों को समझना आना चाहिए और तुकबंदी का आनंद उठाना जानता हो।
  • बच्चा शारीरिक रूप से फिट हो और चढ़ाई, कूदना या दौड़ना जैसी गतिविधियाँ करने में सक्षम रहे।

प्लेस्कूल के बारे में निर्णय लेते समय मुझे किन चीजों को देखना चाहिए (What Should I Look in a Play School in Hindi)?

बिना तैयारी के बच्चे को स्कूल जाने के लिए मजबूर करना उसके भावनात्मक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक क्षति का कारण बनता है। यह लंबे समय में बच्चे के व्यवहार को प्रभावित करता है। इसलिए प्ले स्कूल से शुरुआत करने का निर्णय लेने से पहले इन कारकों पर ध्यान दें। आपको निम्नलिखित कारकों पर विचार करना चाहिए – 

  • स्कूल के घंटे कम (2-3 घंटे) होने चाहिए।
  • परस्पर वातावरण कैसा है ।
  • स्कूल के भीतर और आसपास स्वच्छता कितनी है।
  • सिलेबस समग्र विकास पर केंद्रित है या नहीं।
  • आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था है या नहीं।
  • स्कूल अपने घर से बहुत दूर तो नहीं है।
  • कितने बच्चों पर कितने बच्चे हैं ।
  • प्रशिक्षित शिक्षक है या नहीं।
  • स्कूल में मिड डे मील है या नहीं और मेन्यू कैसा है।

 

प्ले स्कूल चुनने से पहले इन कुछ बातों पर विचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा दोस्तों और परिवार से उनकी राय जरूर पूछें और बुद्धिमानी से चुनें। स्कूल के अतिरिक्त घर पर भी आप अपने बच्चे को ईमानदारी,मित्रता और धैर्य का पाठ पढ़ाते रहें, बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए केवल स्कूल पर निर्भर रहना सही नहीं है।

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