16 Nov 2021 | 1 min Read
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एक मां के लिए सबसे चिंता का विषय होता है कि उसका बच्चा ठीक से खाना नहीं खाता हैया फिर मेरा बच्चा हरी सब्जी नहीं खाता, उसे रोटी नहीं पसंद है। अगर बच्चों के सामने जंक फूड, चॉकलेट लाकर रख दी जाए,तो वह बिना कहे खा लेते हैं, और आप घर के बने खाने के लिए जबरदस्ती करें। तो बच्चे खाना बिल्कुल भी नहीं खायेगें। वो कहा जाता है ना कि बच्चे अपने मन के मालिक होते है। उनका जो मन होता है वह वही करेगें।
तो ऐसे में माँ के सामने ये समस्या आती है कि बच्चे को कैसे सही भोजन दें ताकि भोजन उसके लिए गुणकारी साबित हो सके। इस समस्या के संभावित समाधान हम इस लेख के माध्यम से आपको बता रहें हैं, फ़ोर्सफुल फीडिंग (force feeding in hindi) के नुकसान पर भी एक नजर डालेंगें –
जब माता-पिता बच्चे को पोषण देने की लिहाज़ से उसकी मर्जी के खिलाफ उसे कुछ खिलाते हैं तो इसे फोर्सफुल फीडिंग कहा जाता है। उनको लगता है कि मुझसे जबरदस्ती क्यों की जा रही है। बहुत से बच्चे यह करते हैं अगर उनकी मर्जी के बिना आप दूध देगीं। तो वह अवश्य कहीं ना कहीं फेंक देगें। या फिर लंच में अगर उनकी पसंद का नहीं है तो भी बच्चे नहीं खाते है। या तो लंच बच्चे अपने किसी फ्रेंड के साथ शेयर कर देंगे या फिर छुपा देगें।
बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने से बच्चे कभी भी मन से नहीं खाते हैं।
पैरेंट्स को लगता है कि बच्चों को बाहर की उल्टी-सीधी चीज़ें पर्याप्त पोषण नहीं देती हैं जोकि एक हद तक सही बात भी है। इसीलिए माता-पिता घर पर बना संतुलित पोषाहार उन्हें देना चाहते हैं। बच्चे अक्सर खाना खाने में आनाकानी करते हैं जिससे निपटने के लिए पैरेंट्स जबरदस्ती खाना खिलाने (force feeding) की राह चुनते हैं जोकि एक सही निर्णय नहीं है। कुछ पैरेंट्स को लगता है कि उनके बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर हैं, ऐसे में वो खाने के जरिए अपने बच्चे को स्मार्ट बनाने की कोशिश करते हैं, ऐसे पैरेंट्स अत्यधिक चिंता के कारण बच्चे के साथ जबरदस्ती करना शुरू कर देते हैं।
जब आप अपने बच्चे को जबरन खाना खिलाते हैं तो इसकी वजह से बच्चे अपनी खानपान की आदतों पर से नियंत्रण खो सकते हैं। जबरदस्ती खाना खिलाने की वजह से बड़ा होने पर बच्चा ज्यादा खाने की बजाय कम खाने लग सकता है। वहीं बड़ा होने पर बच्चे में किसी खास फूड के प्रति नापसंद पैदा हो सकती है। नीचे हम आपको बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने से जुड़े नुकसान बता रहे हैं –
बच्चों को खेल-खेल में खाना खिलाएं। बच्चों की तुलना कभी दूसरों से नहीं करे कि अरे वह तो सब खा लेता हैं। ऐसे में बच्चों के मन में हीन भावना विकसित होती है। अपने बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करे और उनके मन को समझे। बच्चों का मनपसंद खाना घर पर बनाएं।
आपने जाना कि बच्चों को जबरदस्ती खाना क्यों नहीं खिलाना चाहिए। उम्मीद करते हैं बेबीचक्रा का यह लेख आपको पसंद आया होगा बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए उनकी खान-पीन की आदतों में सुधार करना बहुत जरूरी है इसीलिए पर्याप्त ध्यान दें लेकिन उन्हें ऐसा नहीं लगना चाहिए कि उनके अभिभावक उनके साथ जबरदस्ती कर रहे हैं। अगर आपको जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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