17 Feb 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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कोलोस्ट्रम किसी भी नए पेरेंट्स के लिए एक नया शब्द हो सकता है। हालांकि, एक से अधिक बच्चे की माताएं कोलोस्ट्रम से अच्छी तरह वाकिफ हो सकती हैं। अगर आप भी इस शब्द को पहली बार सुन रही हैं, तो यह लेख खासकर आपके लिए ही है। इस लेख में हम कोलोस्ट्रम क्या है, इसकी जानकारी से लेकर बच्चों के लिए कोलोस्ट्रम के फायदे भी बता रहे हैं। साथ ही, न्यूबॉर्न बच्चे कोलोस्ट्रम के फायदे कैसे सही तरीके से पा सकें, इसकी भी जानकारी यहां देंगे।
कोलोस्ट्रम (Colostrum), मां के स्तनों में बनने वाले शुरुआती दूध को कहा जाता है। यानी जन्म के बाद शिशु जब पहली बार मां का स्तनपान करता है, तो उस दौरान वह कोलोस्ट्रम पीता है। आमतौर पर, गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में मां के स्तनों में कोलोस्ट्रम का निर्माण होने लगता है। वहीं, तीसरी तिमाही के आखिरी समय तक यह कई बार गर्भवती के स्तनों से डिस्चार्ज भी होता रहता है।
कोलोस्ट्रम सामान्य ब्रेस्टमिल्क के जैसा ही थोड़ा-बहुत होता है। दिखने में इसका रंग सफेद, पीला या नारंगी हो सकता है। यह सामान्य ब्रेस्टमिल्क के मुकाबले काफी गाढ़ा और चिपचिपा भी हो सकता है। ऐसे कई गुण है इसमें जिस वजह से कोलोस्ट्रम यानी मां का पहला दूध न्यूबॉर्न बेबी के लिए सोना माना जा सकता है, जिसके बारे में आगे विस्तार से पढ़ेंगे।
कोलोस्ट्रम के पौष्टिक तत्व की बात करें, तो यह एंटिबॉडीज से समृद्ध होता है। इसमें प्रोटीन के साथ ही, एनर्जी, विटामिन, मिनरल व कार्बोहाइड्रेट भी भरपूर मात्रा होती है, साथ ही यह लो फैट मिल्क भी होता है। इस वजह से नवजात बच्चों के लिए कोलोस्ट्रम न सिर्फ एनर्जी व हेल्दी ड्रिंक के रूप में काम कर सकता है, बल्कि लो फैट होने की वजह से यह जल्दी हजम भी हो सकता है।
प्रसव के शुरू के 3 से 4 दिनों तक मां के स्तनों में लगभग 40 से 50 मिलीलीटर यानी 2 से 3 चम्मच तक कोलोस्ट्रम मिल्क का निर्माण हो सकता है, जो धीरे-धीरे घटने लगता है। इसके बाद सामान्य ब्रेस्टमिल्क का ही निर्माण होता है। इसके अलावा, मां के स्तनों में कोलोस्ट्रम कितना बनेगा, यह मां के स्वास्थ्य व उसके आहार पर भी निर्भर कर सकता है।
बच्चों के लिए कोलोस्ट्रम दूध के कई फायदे हैं, जानने के लिए नीचे विस्तार से पढ़ें। यहां इसके कुछ फायदे बताए गए हैं:
नवजात बच्चों के लिए कोलोस्ट्रम कई मायनों में जरूरी व उपयोगी माना जा सकता है। अगर किसी नवजात को कोलोस्ट्रम न पिलाया जाए, तो वह इसके फायदों से वंचित रह सकता है। इसके अलावा, कुछ अन्य स्थितियों में भी नवजात बच्चा कोलोस्ट्रम पीने से वंचित रह सकता है, जैसेः
इनमें से कोई भी स्थिति होने पर डॉक्टर की सलाह पर बच्चे को कोलोस्ट्रम पाउडर का सेवन कराया जा सकता है। मार्केट में ह्यूमन कोलोस्ट्रम से लेकर, विभिन्न एनिमल कोलोस्ट्रम को आसानी से खरीदा जा सकता है। इनका सेवन बच्चे को कोलोस्ट्रम पाउडर के रूप में करा सकती हैं।
जन्म के समय एक नवजात शिशु का पेट किसी बड़े आकार के बादाम के जितना हो सकता है। इस वजह से 3 से 4 बड़े चम्मच की मात्रा में ही शिशु का पेट भर सकता है। इसी कारण प्रसव के बाद मां के स्तनों में जितनी मात्रा में कोलोस्ट्रम का निर्माण होता है, वह नवजात शिशु के लिए काफी हो सकता है।
ऐसी स्थिति में डॉक्टर नई मां को अपने स्तनों से कोलोस्ट्रम मिल्क निकाल कर किसी बोतल में देने की सलाह दे सकते हैं। जिसे डॉक्टर की देखभाल में बोतल, फीडिंग सिरिंज या अन्य फीडिंग टेक्निक के जरिए नवजात को पिलाया जा सकता है।
नवजात बच्चों को कोलोस्ट्रम पिलाने के फायदे कई हैं। इसी वजह से कई मायनों में एक नवजात शिशु के लिए मां का पहला दूध सोना माना गया है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान तीसरी तिमाही के आखिरी चरणों में अगर गर्भवती के स्तनों से दूधिया या पीले रंग के तरल पदार्थ का रिसाव हो, तो उसे लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए। बल्कि, यह एक स्वस्थ लक्षण हो सकता है कि आने वाले न्यूबॉर्न बच्चे को जन्म के बाद उचित मात्रा में कोलोस्ट्रम के फायदे मिल सकते हैं।