18 Feb 2022 | 1 min Read
Mona Narang
Author | 163 Articles
पेरेंट्स के लिए बच्चों की परवरिश सबसे अहम और बड़ी जिम्मेदारी होती है। बच्चे सिर्फ अपने मूड के हिसाब से ही बिहेव करते हैं, इसलिए पैरेंट्स को उनके रंग में रंगना होता है। बच्चों की जरूरतें पूरी करना ही पेरेटिंग नहीं होता है, बल्कि उनको समय देना भी मां-बाप के लिए कितना जरूरी है यह समझना भी अहम है। बच्चों की परवरिश करना टीवी की ‘कुमकुम’ जूही परमार बखूबी जानती हैं। जूही अपने काम के साथ पेरेटिंग को अच्छे से मैनेज करती हैं।
जूही एक बेटी की मां हैं और वह इस बात को अच्छी तरह समझती हैं कि बच्चों का ख्याल कैसे रख जाना चाहिए। पेरेंट्स के लिए जूही परमार के पेरेंटिंग टिप्स फायदेमंद हो सकते हैं। पैरेंट्स अपने बच्चों में अच्छा व्यवहार, पढ़ाई की ओर ध्यान लगाने, फिजिकली और मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए जूही परमार के पेरेंटिंग टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। चलिए जानते हैं आखिर 41 साल की उम्र में भी जूही परमार काम के साथ-साथ कैसे अपनी बेटी की परवरिश में कोई चूक नहीं करती हैं।
नीचे हम पेरेंटिंग को लेकर जूही परमार द्वारा शेयर की गई कुछ अहम बातों पर चर्चा करेंगे। चलिए जानते हैं जूही परमार पेरेंटिंग टिप्स के बारे में, जो कुछ इस प्रकार हैं:
1. बच्चों को न छोड़ें अंजान लोगों के साथ
बच्चों की सुरक्षा को सोचते हुए जूही का मानना है कि काम पर जाते समय पेरेंट्स को अपने बच्चों को पीछे से आया या किसी भी अजनबी के साथ नहीं छोड़ना चाहिए। पेरेंट्स को यह बात समझनी होगी कि आपका बच्चा हर माहौल में सेफ नहीं होता है।
एक इंटव्यू के दौरान जूही ने बताया था कि वह अपने पेरेंट्स की शुक्रगुजार हैं कि उनके माता-पिता उनके पीछे से उनकी बेटी का अच्छे से ख्याल रखते हैं। जूही जितना हो सके अपनी बेटी के साथ रहने की कोशिश करती हैं। काम पर जाते समय वह उसे अपने नाना-नानी या करीबी दोस्त के यहां छोड़कर जाती हैं।
2. लाड-प्यार और बच्चे के बिगड़ने के बीच समन्वय
जूही का मानना है कि बच्चे को लाड-प्यार देने और बिगाड़ने के बीच का रास्ता बहुत करीब से होकर निकलता है। यही वजह है कि वह अपनी बेटी को बहुत लाड-प्यार से रखती हैं और साथ ही वह जिद्दी तो नहीं बन रही यह भी ध्यान रखती हैं। जूही कहती हैं उनका जो कुछ है सब उनकी बेटी का है, बावजूद इसके वह अपनी बेटी को कम चादर में पैर पसारना सिखाती हैं।
जूही बताती हैं कि वह एक स्ट्रिक्ट मदर हैं। वह अपनी बेटी की हर जिद पूरी नहीं करती हैं। वह कभी भी एक साथ सारी चीजें अपनी बेटी को नहीं देती हैं। वह सही वक्त पर और सही तरीके से उसकी फरमाइशों को पूरा करती हैं।
3. बच्चों को दें ये सीख
बच्चों के चरित्र निर्माण की जिम्मेदारी उनके माता-पिता की होती है। जूही कहती हैं कि बच्चों को अच्छी आदते सिखाएं। वह अपनी बच्ची को हर चीज की कदर करना सिखाती हैं। उन्हें सही और गलत की पहचान करना सिखाएं। साथ ही बच्चों को कड़ी मेहनत और कठिन परिश्रम के महत्व के बारे में समझाएं। बच्चे को बताएं कि आप उनको हर चीज दिलाने के लिए जो पैसे चाहिए होते हैं, उन्हें कमाने के लिए आप कितनी मेहनत करते हैं।
4. दूसरों के घर में कैसे करें बर्ताव
जूही कहती हैं कि हर माता-पिता को अपने बच्चों को दूसरों के घर कैसे पेश आना है, यह अच्छे से समझाना चाहिए। अपने बच्चों को समझाएं कि जिनके घर आप जा रहे हैं उन्हें उन बच्चों पर बेहद गुस्सा आता है जो दूसरों के घर जाकर सामान के साथ छेड़-छाड़ करते हैं। अगर बच्चा किसी के घर जाकर सामान के साथ उलट फेर करें, तो पैरेंट्स को उन्हें तुरंत ऐसा करने से रोकना चाहिए। इससे भी बच्चे को सही और गलत की पहचान होगी।
5. माफी मांगना सिखाएं
बच्चा अगर कोई गलती करता है, तो हम सभी उन्हें माफी मांगना सिखाते हैं। जूही ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर पेरेंट्स के लिए मैसेज देते हुए लिखा कि क्या कभी आपने बच्चे से माफी मांगी हैं। अगर पेरेंट्स ने कोई गलती की है, तो उन्हें भी अपने बच्चे से माफी मांगनी चाहिए। इससे बच्चा भी जब कभी गलती करेगा, तो वह माफी मांगने में बिलकुल हिचकिचाहट महसूस नहीं करेगा। आपको देखकर वह भी अपनी गलतियों को मानना सिखेगा।
बच्चों की परवरिश को लेकर जूही परमार द्वारा दिए गए ये टिप्स हर माता-पिता के काम आएंगे। तो, फिर सोच क्या रहे हैं आज से ही इन्हें अपनी जिंदगी में करें लागू।
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