26 Jul 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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प्रेगनेंसी का 9वां महीना चल रहा है और आप ड्यू डेट के नजदीक हैं, तो आपको 9 महीने में डिलीवरी होने के लक्षण से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। इस समय कभी-कभी शरीर को लगता है कि डिलीवरी का समय आ गया है, लेकिन वो फॉल्स अलार्म होता है। ऐसे में आप डिलीवरी होने के लक्षण (Delivery hone ke lakshan) और असल में संकुचन के संकेत इस लेख से जान सकते हैं। आइए जानते हैं कि 9 महीने में डिलीवरी लक्षण किस तरह के होते हैं।
9 महीने में डिलीवरी होने के लक्षण और प्रसव पीड़ा के लक्षण के बारे में महिला को पहले से ही जान लेना चाहिए। इससे वो डिलीवरी होने संकेत मिलते ही घरवालों की मदद से समय पर क्लिनिक पहुंच सकती है। कई बार महिला को ड्यू डेट से पहले ही कुछ संकेत दिखने लगते हैं, जो जल्दी डिलीवरी होने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में लेख में आगे जानें कि डिलीवरी का समय आ गया है, यह कैसे पता चलेगा। अगर आपको डिलीवरी वाले लक्षण समय से पहले ही दिखने लगें, तो अपनी गायनो से जरूर चेकअप करवाएं।
गर्भावस्था के अंतिम दिनों में डिलीवरी होने के लक्षण (Delivery hone ke lakshan) महिला को महसूस होते हैं। क्या हैं वो संकेत जो शरीर प्रसव (Prasav) के लिए तैयार होने पर देता है, यह हम लेख में आगे बता रहे हैं।
9 महीने में डिलीवरी लक्षण (Delivery hone ke lakshan) दिखने से पता चलता है कि प्रसव शुरू हो गया है। आगे इस बारे में विस्तार से जानिए।
प्रसव शुरू होने का अनुभव हर महिला का अलग होता है। प्रसव (Prasav) शुरू हो गया है कि नहीं यह आप डिलीवरी होने के लक्षण (Delivery hone ke lakshan) से पता लगा सकते हैं।
अब 9 महीने में डिलीवरी लक्षण कैसे दिखेंगे जानने के बाद प्रसव संकुचन से जुड़ी जानकारी पर एक नजर डालते हैं।
पहली गर्भावस्था में यह बताना मुश्किल होता है कि प्रसव का संकुचन असली है या नकली। हां, प्रसव के संकुचन की आवृत्ति, अवधि और प्रबलता के आधार पर इसकी पहचान की जा सकती है। एक संकुचन असली वाला होता है और दूसरा ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन कहलाता जाता है। ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन को प्रैक्टिस संकुचन और झूठा लेबर भी कहा जाता है।
गर्भावस्था के अंतिम दिनों में डॉक्टर के पास कब जाना है, यह आप डिलीवरी होने के लक्षण से जान सकते हैं। अधिकतर मामलों में डॉक्टर आपकी गर्भावस्था के आधार पर बता देती हैं कि अंतिम दिनों में कैसा महसूस होने पर अस्पताल जाना है। आप फोन पर अपनी गायनाकोलॉजिस्ट से बात करके इस बारे में पूछ भी सकते हैं। इसके अलावा, निम्न स्थितियों में चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें –
संकुचन के अंतराल और अन्य लक्षण जानने के बाद अगर डॉक्टर को लगेगा कि अभी प्रसव (prasav) का समय नहीं हुआ है, तो वह आपको कुछ समय के बाद अस्पताल आने के लिए कह सकते हैं।
डिलीवरी के लक्षण पहले चरण में ही दिखने लगते हैं। इस दौरान गर्भाशय ग्रीवा करीब 4 cm फैल जाता है। इसके बाद महावारी जैसा तीव्र दर्द होता है। इस समय आपको जितना हो सके, उतना शांत रहना होगा। इससे संकुचन का सामना करने का बल मिलता है।
९ महीने में डिलीवरी होने के लक्षण आप समझ ही गए होंगे। जैसे ही आपको ९ महीने में डिलीवरी होने के लक्षण दिखने लगें आप अपनी डॉक्टर से बात करें। वह आपको इससे जुड़ी सटीक जानकारी देंगी। साथ ही अपना हॉस्पिटल बैग भी पूरी तरह तैयार रखें। अगर आपको ड्यू डेट से पहले ही प्रसव पीड़ा के संकेत जैसे पेट और पीठ में दर्द, योनि से रक्त निकलना दिख रहे हैं, तो यह जल्दी डिलीवरी होने के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए तुरंत क्लिनिक जाएं
9 महीने में डिलीवरी लक्षण नहीं दिख रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। अगर आपकी ड्यू डेट निकल गई है, तो डॉक्टर से पूछें कि 9 महीने में डिलीवरी लक्षण क्यों नहीं दिख रहे हैं।
नॉर्मल डिलीवरी के लक्षण (Normal delivery ke lakshan) में पेट में गर्माहट महसूस होना, पेट में संकुचन व खिंचाव का बढ़ता जाना, पीठ में तेज दर्द, योनि से रक्तस्राव, आदि शामिल हैं। ध्यान दें कि यह सिर्फ नॉर्मल डिलीवरी के लक्षण (Normal delivery ke lakshan) नहीं हैं, यह लक्षण प्रसव से पहले हर महिला में नजर आते हैं। डिलीवरी नॉर्मल होगी या सिजेरियन यह आखिरी में महिला की मेडिकल स्थिति में निर्भर करता है।
नहीं, नार्मल डिलीवरी के लक्षण (Normal delivery ke lakshan) और सिजेरियन डिलीवरी के लक्षण कुछ अलग नहीं होते। हां, अगर प्रेगनेंसी उच्च जोखिम वाली है, तो हो सकता है कि महिला को कुछ अलग लक्षण दिखें। लेकिन, नार्मल डिलीवरी के लक्षण और ऑपरेशन से होने वाली डिलीवरी के लक्षण जैसा कुछ नहीं होता। सभी महिलाओं को डिलीवरी से पहले अधिकतर एक जैसे लक्षण ही दिखते हैं।
हां, गर्भावस्था के 9 महीने में झूठा दर्द हो सकता है। यह ऐसा संकुचन होता है कि जिससे महिला को लगता है कि प्रसव का समय आ गया है। लेकिन ऐसा नहीं होता। महिला को अगर गर्भावस्था के 9 महीने में झूठा दर्द व संकुचन हो, तो उसे ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन कहा जाता है।
प्रसव के लक्षण अगर समय से पहले दिखने लगें, तो इसे जल्दी डिलीवरी होने के लक्षण कहा जाता है। जल्दी डिलीवरी होने के लक्षण में बार-बार पेशाब औना, पेट में एहसास होना की गर्भस्थ शिशु का सिर नीचे आ रहा है, म्यूकस प्लग (चिपचिपे पदार्थ) का निकलना, पानी की थैली फटना, कमर व पेट में तेज दर्द व ऐंठन ये सब शामिल हैं।
चित्र स्रोत – Pexels
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