1 Feb 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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क्या आपने कभी ख्याल किया है कि घर गर्म रहने या वातावरण गर्म होने के बावजूद बच्चे का हाथ-पैर ठंडा रहता है। आप शायद इन हालातों में जल्दी से बच्चे को ढक कर रखने की पहल करते हैं, लेकिन मुश्किल की बात यह है तब भी बच्चे के हाथ-पैर गर्म नहीं होता। अब सवाल यह आता है कि क्या हाथ-पैर ठंडा रहना बीमारी का लक्षण है या यह संकेत बच्चे के मामले में बिल्कुल नॉर्मल है। चलिए आगे जानते हैं कि इस घटना के पीछे क्या है सच्चाई।
टेंशन मत लीजिए, रिलैक्स हो जाइए। हम वयस्कों की तुलना में बच्चों का हाथ-पैर ठंडा होना नॉर्मल होता है। लेकिन कब इस बात को लेकर चिंता करने की जरूरत होगी, इसकी पहचान करने के लिए हम कारणों के बारे में पहले चर्चा कर लेते हैं।
बच्चों का हाथ-पैर ठंडा रहना वैसे तो नॉर्मल है लेकिन कुछ स्पेशल अंडरलाइंग हेल्थ कंडीशन है, जिसको लेकर चिंता करने की जरूरत पड़ सकती है। चलिए इनके बारे में पता करने की कोशिश करते हैं।
एक्टिविटी- यह तो हम सभी जानते हैं कि बच्चों का एक्टिविटी लेवल जीरो के बराबर होता है, वह सिर्फ सोते, खाते और खाना हजम करते हैं। वह हमेशा लेटे रहते हैं और जब भी दूध पीते हैं तब खाना को हजम करने के लिए पेट और इंटेस्टाइन में ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है, लेकिन उस वक्त हाथ और पैर का कोई एक्टिविटी नहीं होता है। इसलिए हाथ और पैर ठंडे ही रह जाते हैं, क्योंकि वहाँ ब्लड का फ्लो नहीं हो पाता है। यह प्रक्रिया बच्चे के लिए बिल्कुल नॉर्मल है।
शरीर का तापमान-आपके जानकारी के लिए बता दें कि वयस्कों का हाथ गर्म रहने के कारण बच्चों का हाथ छूने पर ठंडा महसूस होता है। शिशुओं के शरीर का तापमान वास्तव में वयस्कों की तुलना में थोड़ा अधिक होता है, लेकिन उनके हाथ, हाथ, पैर सामान्य रूप से आपकी तुलना में ठंडे रहते हैं।
मूल रूप से, बच्चे के शरीर का तापमान वयस्क की तुलना में गर्म होता है। लेकिन वे अपने छोटे आकार के कारण खुद को गर्म नहीं कर सकते हैं या अपने तापमान को जल्दी से नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। इसलिए उनका शरीर गर्म और हाथ-पैर ठंडा रह जाता है। अध्ययनों के अनुसार या पारंपरिक शिक्षण के अनुसार,बच्चों के शरीर का सामान्य तापमान 37°C (98.6°F) होता है।
रक्त का संचालन-शायद आपको पता नहीं कि ब्लड का काम पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाना होता है। उसके इस संचालन के कारण शरीर में गर्मी पैदा होता है। नवजात शिशुओं या 3 महीने से कम उम्र के बच्चों में ब्लड सर्कुलेशन सिस्टेम नया होता है। हाथ और पैरों के तुलना में ब्रेन जैसे महत्वपूर्ण अंगों में ही ब्लड का सर्कुलेशन ज्यादा होता है।
कुछ नवजात शिशुओं के हाथों और पैरों में इतना कम रक्त बहाव होता है कि वे नीले दिखाई देते हैं। इस सामान्य स्थिति को एक्रोसायनोसिस कहा जाता है। आमतौर पर बच्चे के जन्म के कुछ घंटों या दिनों के भीतर यह लक्षण धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं।
फीवर- यदि आपके बेबी को बुखार है – 100.4°F (38°C) से अधिक तापमान – तो उसके हाथ और पैर ठंडे हो सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि नया ब्लड सर्कुलेशन और इम्यून सिस्टम उनके शरीर में कहीं और कीटाणुओं से लड़ने में व्यस्त रहते हैं। वह हाथों और पैरों जैसे बाहरी हिस्सों से गर्मी को दूर कर सकते हैं।
अविकसित थर्मोरेग्यूलेशन– अविकसित थर्मोरेग्यूलेशन के कारण भी नवजात शिशु अपने शरीर के आंतरिक तापमान को स्थिर नहीं रख पाते हैं, इसलिए भी शिशुओं के हाथ और पैर ठंडे हो सकते हैं।
चलिए अब बात करते हैं अंडरलाइंग हेल्थ कंडिशन या बीमारी के लक्षण के बारे मेंं जिनके कारण शिशु के हाथ और पैर ठंडे रह जाते हैं-
लो ब्लड प्रेशर– यदि आपके शिशु का ब्लड प्रेशर लो है तो ब्लड फ्लो शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों जैसे मस्तिष्क और हृदय तक पहुंच जाता है पर उनके हाथ और पैर ठंडे रह जाते हैं। शिशुओं में बीमारी के लक्षण के आधार पर भूख न लगना, पेशाब कम होना, दस्त या कब्ज की समस्या आदि भी हो सकता है।
खून की कमी या एनीमिया– एनीमिया के कारण लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा पूरे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसके कारण शिशु के हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं।
कुपोषण– अध्ययनों के अनुसार शिशुओं में कुपोषण के कारण हाथ और पैर ठंडे हो सकते हैं क्योंकि वे इसके कारण अपने शरीर में गर्मी के उत्पादन को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं।
सेप्सिस– यह जीवन को डराने वाली संक्रामक बीमारी है। शिशु का अगर तुरन्त चिकित्सा नहीं किया गया तो, सेप्सिस तेजी से टिशू को क्षति, अंग विफलता और मृत्यु का कारण बन सकता है।
स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट– त्वचा से त्वचा का संपर्क, जिसे ‘कंगारू केयर’ भी कहा जाता है, वह है जब बच्चे को जन्म के बाद सीधे मां की छाती पर लिटाया जाता है, और गर्म कंबल में ढक दिया जाता है। मां और बच्चा कम से कम एक घंटे तक ऐसे ही रहने चाहिए। त्वचा से त्वचा का संपर्क ठंडे हाथों और पैरों को गर्म रखने में भी मदद करता है।
कपड़े से ढक दें– यदि आपके बच्चे के हाथ और पैर ठंडे हैं, तो उसके पेट और टोरसो की जाँच करें, यदि वह क्षेत्र गर्म है, तो इसका मतलब है कि आपका बच्चा ठीक है। यदि नहीं, तो उन्हें अतिरिक्त कपड़ों से ढक दें और सुनिश्चित करें कि उनके सिर, हाथ और पैर दस्तानों और मोजे से ढके हों।
कमरे का तापमान- बच्चे के शरीर के तापमान को सही रखने के लिए कमरे को तापमान को संतुलित रखने की कोशिश करें।
एक्सपर्ट टिप: अगर आपका बेबी स्वस्थ हैं यानि ऊपर दी गई कोई बीमारी या फीवर नहीं है तो हमारी सलाह है कि हाथ और पैर को गर्म करने के लिए हल्के हाथों से बेबी ऑयल से मसाज कर सकते हैं, इससे हाथ और पैरों में ब्लड का फ्लो बढ़ जाएगा। फ्लो के बढ़ जाने पर हाथ और पैर नॉर्मल तरीके से गर्म हो जाएगा। उसके बाद मोजा या दस्ताना भी पहना सकते हैं। लेकिन मसाज ऑयल का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह ऑर्गेनिक होने के साथ केमिकल फ्री हो।
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