12 Oct 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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यह तो हम सभी जानते हैं कि बच्चों की देखभाल करना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। उनकी देखरेख करने में माँ का काम सिर्फ उनको समय-समय पर पौष्टिक खाना खिलाना ही काफी नहीं होता है बल्कि सभी अंगों की साफ-सफाई करना भी होता है। साफ-सफाई में उंगली के नाखून भी शामिल हैं। अक्सर बच्चों के नाखून में इंफेक्शन हो जाता है, जिसको पैरोनिकिया (Paronychia) भी कहते हैं। चलिए अब जानते हैं कि पैरोनिकिया है क्या होता है?
नाखून में इंफेक्शन क्यों होता है, इसके बारे में समझने से पहले ये जानते हैं कि आखिर पैरोनिकिया है क्या?
पैरोनिकिया (Paronychia) एक प्रकार का त्वचा संक्रमण है, जो आपके बच्चे के नाखूनों के आसपास बढ़ता है। बड़े तो नाखून में इंफेक्शन के लक्षणों को समझ जाते हैं लेकिन बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता है। पैरोनिकिया आमतौर पर नाखूनों के आसपास होता है। यह हाथ का संक्रमण आम होता है जो ध्यान देने योग्य है। यह इंफेक्शन नाखून के कोने में इंफेक्शन होने के कारण होता है।
पैरोनिकिया दो प्रकार के होते हैं: एक्यूट और क्रॉनिक। एक्यूट इंफेक्शन अचानक होता है और लंबे समय तक नहीं रहता है। यह आमतौर पर नाखूनों पर ही दिखाई देता है। क्रोनिक पैरोनिकिया बच्चे के नाखूनों या पैर के नाखूनों पर दिखाई दे सकता है और लंबे समय तक रहता है। आप देखेंगे कि क्रॉनिक इंफेक्शन या तो ठीक होने में लंबा समय लेता है, या बार-बार होता रहता है।
अगर नाखून की आस-पास की त्वचा में किसी प्रकार का खरोंच या चोट लग जाती है तो पैरोनिकिया होने की संभावना बढ़ जाती है। त्वचा में चोट लगने के कारण जर्म्स स्किन के भीतर चले जाते हैं, जिसके कारण इंफेक्शन होने का खतरा होता है। इन जर्म्स के कारण:
नाखून के आसपास की त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों में शामिल हैं:
अगर आपके बच्चे को पैरोनिकिया है, तो इसे पहचानना आसान होता है। नाखून के चारों ओर लाल, सूजी हुई त्वचा वाली जगह दर्दनाक, गर्म और छूने में कोमल होती है। इसके अलावा मवाद से भरा छाला होता है।
दुर्लभ कुछ मामलों में, यदि पैरोनिकिया की अवस्था विशेष रूप से गंभीर है और समय पर इलाज नहीं किया गया, तो संक्रमण नाखून के जगह से भी बाहर फैल सकता है।
पैरोनिकिया का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि संक्रमण कितना गंभीर है और कब से फैलना शुरू होता है। अक्सर, संक्रमित नाखून को गर्म पानी में 20 मिनट के लिए दिन में कई बार भिगोने से कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है।
यदि नाखून का इंफेक्शन फोड़ा का रूप ले चुका है, तो डॉक्टर इसे निकालने की निकलने की सलाह दे सकता है। दुर्लभ मामलों में, नाखून के हिस्से को हटाना पड़ सकता है। डॉक्टर संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स भी लिख सकते हैं।
आमतौर पर, फोड़ा निकल जाने के बाद, प्रभावित उंगली या पैर का अंगूठा जल्दी ठीक हो जाता है।
फंगल पैरोनिकिया के लिए, डॉक्टर एंटिफंगल क्रीम, लोशन, या मुँह से लेनी वाली दवाएं लिख सकते हैं।
पैरोनिकिया के खतरे को कम करने के लिए बच्चों को इन उपायों का पालन करने के लिए कहें:
अब तक के जानकारी से यह बात सामने आता है कि बच्चों के नाखूनों में इंफेक्शन से बचाने के लिए जरूरी है कि कहीं चोट या खरोंच न लगे और अगर लग भी गया हो तो तुरंत उसका उपचार हो।
मूल चित्र: गुगल
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