बेबी को डायपर पहनाने का काम जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है बेबी का डायपर बदलने का समय सही होना। न्यू मॉम को जानकारी के लिए बता दें कि डायपर के भीग जाने पर चाहे वह पेशाब से भीगे या दस्त से, शिशु को बहुत परेशानी महसूस होती है। क्योंकि ज्यादा देर डायपर के भीगे रहने पर दस्त या पेशाब से त्वचा में घर्षण होता है, जिससे डायपर रैश आदि होने का खतरा रहता है। इसलिए बेबी का डायपर बदलने का समय और सफाई करने का तरीका सही होना चाहिए।
शिशु लड़का हो या लड़की दस्त हो जाने पर बेबी का डायपर बदलने के समय जरूरी एहतियात बरतने की जरूरत होती है। बेबी का डायपर बदलने के समय हाइजीन को मेंटेन करना बहुत ही जरूरी होता है,नहीं तो यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, डायपर रैशेज जैसी समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है। आपके जानकारी के लिए बता दें कि बेबी का डायपर बदलने के समय नेचुरल बेबी बॉटम वाश, बेबी वाइप्स का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है। ऊपर से अगर शिशु को डायपर रैशेज हुआ हो तो बॉटम को क्लिन करने के बाद डायपर रैश क्रीम लगाना भूलना नहीं चाहिए।
बेबी का डायपर बदलने के समय बेबी बॉटम को क्लिन करने के टिप्स। Tips to Clean Baby Bottom in Hindi
बेबी का डायपर बदलने के पहले डायपर पैड,नेचुरल वाटर बेबी वाइप्स, डायपर रैश क्रीम, नेचुरल बेबी बॉटम वाश जैसे चीजों को पास में रख लें।
बेबी का डायपर जैसे ही गीला हो जाए या दस्त हो जाने पर गंदा हो जाए तो तुरन्त बदल देना चाहिए। इससे दस्त आदि का त्वचा के साथ घर्षण होने का खतरा कम हो जाता है। छोटे शिशु का डायपर बार-बार बदलना चाहिए।
शिशु के वजन और उम्र के हिसाब से डायपर को खरीदना चाहिए। डायपर अगर बहुत छोटा हो गया तो त्वचा में डायपर रैश होने की संभावना बढ़ जाती है।
बेबी का डायपर बदलने के समय बच्चे को एक साफ नहाने के तौलिये पर रखें। डायपर खोलें, फिर डायपर के सामने वाले हिस्से से बच्चे के निचले हिस्से को पोंछें। डायपर को मोड़ें और उसको रैप करके फेंकने के लिए अलग रख दें।
उसके बाद नेचुरल बेबी बॉटम वाश से बॉटम को वाश करें। यह नेचुरल चीजों से बना होता है, जैसे कि एलोवेरा, कैमोमाइल और कैलेंडुला एक्स्ट्रैक्ट। यह त्वचा को सॉफ्ट रखने के साथ स्किन को रैश फ्री रखने में मदद करता है। स्प्रे करने के बाद बेबी वाइप्स से अच्छी तरह से पोंछ दें।
बेबी का डायपर बदलने के समय एक बात का ध्यान रखें कि प्राइवेट पार्ट्स को क्लिन करने के वक्त एक बात का ध्यान रखें कि नेचुरल वाटर बेबी वाइप्स साफ जगह से होते हुए गंदे जगह पर जाना चाहिए। यह वाइप्स एलोवेरा, कैलेंडुला एक्स्ट्रैक्ट और विटामिन ई से बना होता है, जो बेबी स्किन को मॉइश्चराइज रखने के साथ रैशेज और स्किन एलर्जी आदि से बचाने में मदद करता है।
बेबी का डायपर बदलने के समय अगर दस्त किया है तो साफ-सुथरे जगह से सबसे गंदे जगह पर वाइप्स को ले जाएं, ताकि कहीं और गंदगी न फैलें। बच्ची के लिए, वल्वा (फीमेल सेक्सुअल पार्ट के दो हिस्से होते हैं, जिसमें बाहरी हिस्सा वल्वाऔर भीतरी हिस्सा को वजाइना कहा जाता है।)से नितंबों की ओर साफ करें। एक बच्चे के लिए, लिंग, अंडकोश और आसपास के क्षेत्र और फिर नितंबों को साफ रखना बहुत जरूरी होता है।
अगर बेबी बॉय है तो सबसे पहले यूरिनरी एरिया को साफ करें। अंडकोष के नीचे और क्रीज के बीच में, खासकर जांघों के बीच में पोंछना न भूलें। सब कुछ वाइप्स से पोंछ लेने के बाद गुदा क्षेत्र यानि एनस पार्ट को अच्छी तरह पोंछें।
अगर बेबी गर्ल है और डायपर में दस्त हो गया है तो इसका बैक्टीरिया यूरीनरी ट्रैक्ट में चला जा सकता है, इससे सूजन हो सकती है। इसलिए वाइप्स से आगे से पीछे तक पोंछने की आदत डालनी चाहिए। लेबिया के अंदर अगर मल लग गया हो तो गुनगुने पानी से धोना चाहिए।
बेबी का डायपर को बदलने के बाद डायपर को पहनाने के लिए बच्चे को ठीक बीच में रखें, ताकि टैब नाभि के साथ समतल हों। यदि बेबी बॉय है, तो सुनिश्चित करें कि लीक को रोकने के लिए डायपर बंद करने से पहले उसका लिंग ठीक से नीचे की ओर है। शिशु की देखभाल करने के समय इस बात का इंतजार न करें कि रैशेज हो! हर बार बेबी का डायपर बदलने के समय डायपर रैश क्रीम लगाना न भूलें।
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