15 Mar 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट की सही आदत जरूरी होती है। यह न सिर्फ उनकी आदतों को अच्छा बना सकता है, बल्कि कई मायनों में भी बेहतर हो सकता है। बच्चों में टाइम मैनेजमेंट स्किल्स होने से वे खुद से ही अपने दिनभर का समय सही भागों में बांट सकते हैं। टाइम मैनेजमेंट के तरीके उन्हें यह बताने में मदद कर सकते हैं कि दिनभर में किस काम को कितना समय देना चाहिए और किस तरह के काम को लंबे समय तक करने से बचना चाहिए।
इस लेख में हम आपको बच्चों व विद्यार्थियों में टाइम मैनेजमेंट की आदत सिखाने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स बता रहे हैं। इन टिप्स के जरिए पेरेंट्स बच्चों के लिए समय प्रबंधन का तरीका सीख सकते हैं और अपने बच्चों के लिए टाइम टेबल भी बना सकते हैं।
बच्चों व विद्यार्थियों में टाइम मैनेजमेंट की आदत होनी बहुत ही जरूरी है। बच्चों में टाइम मैनेजमेंट स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित टिप्स को अपना सकते हैं, जो हैंः
बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट में सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें जीवन में समय की अहमियत के बारे में बताएं। उन्हें यह समझाएं कि समय हर दिन अपने तय समय के अनुसार ही आगे बढ़ता रहता है, वह कभी भी रूकता या पीछे नहीं जाता है। इसलिए, हर काम को उसके तय समय के अनुसार ही पूरा कर लेना चाहिए। ताकि आने वाले भविष्य के समय में भविष्य के कामों को भी समय पर पूरा किया जा सके।
बच्चों के लिए समय प्रबंधन के नियम तय करने में पेरेंट्स का योगदान सबसे अहम हो सकता है। इसी लिए माता-पिता को खुद अपने बच्चे के लिए एक टाइम मैंनेजमेंट मॉडल बनना चाहिए। उन्हें अपने घर के काम, ऑफिस के काम व अन्य कामों को समय पर पूरा करने की आदत अपने बच्चों को दिखानी चाहिए। ताकि बच्चा भी पेरेंट्स से प्रेरित होकर अपना काम समय के अनुसार ही करना सीख सके।
दिन भर में किए जाने वाले कई काम होते हैं, जिन्हें करना जरूरी होता है। इनमें से कुछ काम बहुत जरूरी हो सकते हैं, तो कुछ काम थोड़े कम अहमियत वाले हो सकते हैं। ऐसे में बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट की आदत में उसे यह समझने में मदद करें उसे किस काम को करने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए और किस काम को बाद में करना चाहिए। इन कामों के लिए वह एक सूची भी बना सकता है।
सुबह उठने से लेकर, खेलने, होम वर्क करने, टीवी देखने, खाना खाने और सोने जैसे अन्य कामों के लिए भी बच्चों के लिए टाइम टेबल बनाएं। टाइम टेबल से बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट की आदत को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। इसके बाद धीरे-धीरे बच्चा अपने-आप ही उस टाइम टेबल के अनुसार अपने काम को पूरा करने की आदत सीख सकता है।
बच्चों में टाइम मैनेजमेंट स्किल्स में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चा न सिर्फ अपना काम समय पर पूरा करे, बल्कि समय से हर काम को शुरू भी करे। अगर बच्चा अपना काम तय समय पर शुरू करेगा, तो वह आसानी से समय रहते उस काम को तसल्ली से पूरा भी कर सकता है और अपने अगले काम को भी उसके तय समय पर शुरू भी कर सकता है।
जब भी बच्चा कोई काम करने बैठे, तो उसके आस-पास ऐसी चीजें या वस्तुएं न रखें, जिससे बच्चे का ध्यान भटक सकता हो। उदाहरण के लिए बच्चे के काम करने का कमरा शांत होना चाहिए। उसके आस-पास तेज आवाज में टीवी, रेडियो या मोबाइल फोन न चलाएं। साथ ही इसका भी ध्यान रखें कि बच्चे के काम करने के दौरान घर में किसी तरह को शोर-शराबा या झगड़ा भी न हो।
अपने बच्चे के टाइम मैनेजमेंट के तरीके में लक्ष्य निर्धारित करने की आदत को शामिल करें। उसे इस बात पर जोर देने के लिए कहें कि वह खुद के बनाए गए लक्ष्यों को पूरा कर पाएं। उदाहरण के लिए किस विषय को उसे कितने दिन में याद करना है या पढ़ना है, इसे पूरा करने के लिए एक लक्ष्य बनाएं। फिर उसी लक्ष्य के अनुसार बच्चे को उसे पूरा करने के लिए कहें।
दिनभर पढ़ाई-लिखाई के साथ ही बच्चे के खेलने-कूदने का समय भी तय करें। बच्चों व विद्यार्थियों में टाइम मैनेजमेंट की आदत में इस तरह की एक्टिविटी होने से उनका मूड फ्रेश बना रह सकता है। इस दौरान उन्हें एक तय समय के अंदर किसी खेल को खेलने का समय दें। बच्चे को कोई भी मनपसंद इंडोर या आउटडोर गेम खेलने दें। ताकि एक ब्रेक के बाद वो फिर से अपनी पढ़ाई पर अच्छे मन से ध्यान लगा सकें।
बच्चे के टाइम मैनेजमेंट के तरीके में उन्हें हर काम को करते हुए उसका समय भी ट्रैक करने की आदत सिखाएं। ऐसे में बच्चा फुर्ती के साथ उस काम को समय पर खत्म करने का पूरा प्रयास कर सकता है। इसके अलावा, टाइम ट्रैकिंग स्किल से बच्चा यह भी समझ सकता है कि उसे किस काम को करने में कितना समय लग सकता है। इससे उसे अपने लिए हर काम को करने के लिए समय तय करने में मदद मिल सकती है।
न सिर्फ बच्चों के लिए समय प्रबंधन जरूरी है, बल्कि बच्चों के लिए टाइम टेबल बनाते समय उन्हें एक चेक लिस्ट बनाने की भी आदत सिखाएं। इस चेक लिस्ट में दिन भर में बच्चा क्या-क्या काम करेगा उसके बारे में लिखें। जैसे-जैसे बच्चा उन कामों को पूरा करता जाएगा, वैसे-वैसे उन कामों को आगे चेक का निशान लगा सकता है। इससे बच्चे को इसका पता रहेगा कि उसने अभी तक कौन-कौन से काम कर लिए हैं और कौन से काम बचे हुए हैं।
हां बिल्कुल, बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट में पेरेंट्स भी काफी मदद कर सकते हैं, जैसेः
एक बात का ध्यान रखें कि बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट की अच्छी आदत में पेरेंट्स का सबसे बड़ा योगदान होता है। हो सकता है कि शुरू-शुरू में बच्चों के लिए समय प्रबंधन करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन माता-पिता को उम्मीद नहीं हारनी चाहिए। उन्हें इसके लिए अपने बच्चे को हमेशा प्रोत्साहित करना चाहिए। इस तरह बच्चे के मन में सकारात्मक विचार बढ़ सकते हैं और वह खुद भी टाइम मैनेजमेंट के तरीके सीखने के लिए अपनी पूरी कोशिश करना शुरू भी कर सकता है।
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