10 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
बच्चों में उच्च रक्तचाप (Hypertension in Children), जिसे हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) हाइपरटेंशन भी कहते हैं, को गंभीर समस्या मानी जा सकती है। इसकी वजह है इसका संपूर्ण इलाज न हो पाना। जी हां, बच्चों में उच्च रक्तचाप एक ऐसी समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर बच्चों को हाइपरटेंशन हो जाए, तो हो सकता है कि पूरे जीवनकाल तक उनमें इस बीमारी का असर बना रहेगा।
बच्चों में उच्च रक्तचाप क्या है, इसके कारण व लक्षण क्या हैं, इसी से जुड़ी जानकारी आप बेबीचक्रा के लेख में पढ़ेंगे। यहां बच्चों में उच्च रक्तचाप के निदान, इलाज व घरेलू उपाय से जुड़ी जानकारी भी दी गई है।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure in Kids) की समस्या होने पर धमनियों में खून का दबाव बढ़ जाता है। ऐसा होने पर हृदय की गति असामान्य रूप से तेज हो जाती है।
हां, बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आम मानी जा सकती है। रिसर्च के अनुसार, साल 2004 में हुए अध्ययन से यह पता चलता है कि लगभग 2 से 4% बच्चों में उच्च रक्तचाप की समस्या देखी जाती है।
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण दो चरण में हो सकते हैं, इनमें शामिल हैंः
वहीं, अधिकांश बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण नहीं होते हैं। आमतौर पर बच्चे के रक्तचाप की जांच के दौरान ही बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण की पहचान की जा सकती है। हालांकि, अगर बच्चों को हाइपरटेंशन (Hypertension In Children) है, तो उनमें अन्य लक्षण भी खासतौर पर हो सकते हैं, जैसेः
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जो बच्चों में उच्च रक्तचाप के चरण के अनुसार नीचे बताए गए हैंः
बच्चे का बीपी दो संख्याओं में मापी जाती है। सामान्य तौर पर किसी बच्चे का सामान्य बीपी 120/80 के रूप में होता है। इनमें पहली (120) को सिस्टोलिक रक्तचाप (Systolic Blood Pressure) कहते हैं, तो दूसरी संख्या (80) को डायस्टोलिक दबाव (Diastolic Pressure) कहा जाता है।
वहीं, बच्चे का बीपी हाई होने पर इनमें से एक या दोनों ही सामान्य से अधिक हो सकती हैं। जन्म से 13 वर्ष की उम्र तक बच्चे का बीपी मापने का तरीका अलग होता है, लेकिन 13 वर्ष की उम्र से बड़े बच्चे का बीवी वयस्कों की तरह की मापा जाता है।
नीचे हम उम्र के हिसाब से ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए, इसके लिए चार्ट दे रहे हैं।
उम्र | सिस्टोलिक | डायस्टोलिक |
नवजात शिशु | 60–90 | 20–60 |
1 वर्ष से छोटी उम्र के शिशु | 87–105 | 53–66 |
2 से 3 वर्ष के छोटे बच्चे | 95–105 | 53–66 |
3 से 5 वर्ष के प्रीस्कूलर | 95–110 | 56–70 |
6 से 12 वर्ष के स्कूल जाने वाले बच्चे | 97–112 | 57–71 |
13 व उससे अधिक आयु के किशोर | 112–128 | 66–80 |
हाई ब्लड प्रेशर की जांच कराने पर ही बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की पुष्टि की जा सकती है। इसके अलावा कुछ अन्य तरह के टेस्ट व प्रक्रियाएं भी हैं, जो बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की पुष्टि कर सकते हैं, जैसेः
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर का इलाज है बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना। इसके लिए डॉक्टर बच्चे को जीवनशैली में बदलाव करने से लेकर दवाओं के खुराक की सलाह दे सकते हैं।
हाइपरटेंशन वाले बच्चों के लिए आहार (Diet Chart for Hypertension Child) कैसे होना चाहिए, उन्हें क्या खाना चाहिए और किन आहार से परहेज करना चाहिए, इस पर जानिए मैटरनल केयर और चाइल्ड न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर पूजा मराठे की सलाहः
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, कम वसा वाले डेयरी उत्पादों और प्रोटीन के सामान्य स्रोत, जैसे – मछली और बीन्स को शामिल कर सकते हैं। साथ ही, वसा और चीनी की मात्रा को सीमित करने पर जोर देना चाहिए। इससे बच्चे के हृदय-स्वस्थ को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार दृष्टिकोण (Dietary Approaches to Stop Hypertension) में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछली, मुर्गी, नट्स, फलियां और कम वसा वाले डेयरी से भरपूर खाद्यों को शामिल किया गया है। ये खाद्य पदार्थ पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन जैसे प्रमुख पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
इसका ध्यान रखें कि बच्चों को हाइपरटेंशन होने से यह उनके आने वाले स्वस्थ भविष्य को प्रभावित कर सकता है। इसलिए बच्चों को हाइपरटेंशन से बचाव करने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसेः
बता दें कि उच्च रक्तचाप की समस्या तेजी से फैल रही है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस (World Hypertension Day) भी मनाया जाता है। ताकि लोग हाई ब्लड प्रेशर को गंभीरता से ले सकें और इससे स्वस्थ जीवन का बचाव कर सकें।
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