8 Feb 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या बहुत ही कॉमन है। पर मुश्किल की बात यह है कि बच्चों को कीड़े की परेशानी होने पर पेरेंट्स समझ नहीं पाते हैं, फलस्वरूप लंबे समय तक बिना इलाज के ही रह जाता है। शायद आपको पता नहीं कि लंबे समय तक अगर बच्चों के पेट में कीड़े रह जाए तो वह दूसरी बीमारियों को आमंत्रित कर बैठते हैं। इसलिए समय रहते यह समझने की जरूरत है कि बच्चे के पेट में कीड़े की परेशानी है। चलिए आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि कैसे समझेंगे कि बच्चे को कीड़े की परेशानी है और वर्म होने पर क्या करना चाहिए।
आपके जानकारी के लिए बता दें कि कृमि यानि वर्म एक प्रकार का परजीवी (parasite) होता है। बच्चों के पेट में कीड़े जो होते हैं, वह आम तौर पर पिनवर्म या थ्रेडवर्म होते हैं। इस वर्म की खास बात यह है कि इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। लेकिन यह वर्म आसानी से फैलकर दूसरों को संक्रमित कर देता है।
पीनवर्म से इंफेक्शन बहुत फैलता है। अक्सर बच्चे बिना हाथ धोए खाना खाने लगते हैं। इस दौरान वह पिनवर्म के अंडे निगल लेते हैं। पेट में कीड़े होने के और भी बहुत सारे कारण होते हैं-
ये अंडे डाइजेस्टिव सिस्टम में चले जाते हैं, जहां से वे निकलते हैं। लगभग 1 से 2 महीने बाद, वयस्क मादा पिनवर्म गुदा के ठीक आसपास की त्वचा पर अंडे देती हैं, जिसके कारण उस क्षेत्र में खुजली होने लगती है। बच्चों को अक्सर रात में खुजली होने लगती है।
जब बच्चा खुजली वाली जगह को खुजलाता है, तो छोटे पिनवर्म के अंडे उनकी उंगलियों पर लग जाते हैं। दूषित गंदी उंगलियां पिनवॉर्म के अंडों को मुंह तक ले जा सकती हैं, जहां वे वापस शरीर में चले जाते हैं, या स्पर्श की गई सतहों पर, जहां वे 2 से 3 सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं, वहाँ से भी पेट में कीड़े हो जाते हैं।
आपके बच्चे के पेट में कृमि या थ्रेडवर्म है, इसको समझने के लिए इन लक्षणों पर ध्यान दें। अगर इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो समझ जाइए बच्चे के पेट में कीड़े की परेशानी शुरू हो गई है।
कुछ लक्षण और भी है-
दिखाई देने वाले कीड़े – छोटे, सफेद और 8-13 मिमी लंबे होते हैं। इसके कारण-
अगर पेट में बहुत सारे कृमि हो जाते हैं तब पेट दर्द या उल्टी की परेशानी शुरू हो जाती है।
डॉक्टर आपके बच्चे के लक्षणों के आधार पर टेप टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। पिनवर्म के अंडे गुदा के आस-पास की त्वचा या नाखूनों के नीचे कुछ नमूनों से पाया जा सकता है, टेप टेस्ट इनको डायग्नोसिस किया जाता है।
अगर आपके बच्चे के पेट में कीड़े की समस्या है, तो डॉक्टर ओवर-द-काउंटर दवा या एंटीवार्म दवा लेने की सलाह दे सकते हैं। पहले एक खुराक में दिया जाता है, फिर 2 सप्ताह के बाद दोहराया जाता है।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि बच्चे के पेट में कीड़े या वर्म होने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं और इसके अलावा बेबी-केयर संबंधी और जानकारियों, प्रेगनेंसी से जुड़ी समस्याओं के समाधान, और पेरेंटिग संबंधित जानकारियों के लिए बेबीचक्रा ऐप या वेबसाइट को सब्सक्राइब करें और टेंशन फ्री होकर प्रेगनेंसी और पेरेंटिंग जर्नी को एन्जॉय करें।
एक्सपर्ट टिप्स-
बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या न हो, इसके लिए आपको कुछ बातों को ध्यान देने की जरूरत है-
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