21 Apr 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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सिजेरियन डिलीवरी के बाद नई माँ काफी कमजोर महसूस करती है। यह काफी बड़ी सर्जरी होती है, इसलिए इससे उबरने में भी ज्यादा वक्त लगता है। ऐसे में परिवार के सभी सदस्यों और पार्टनर को सी-सेक्शन के बाद नई माँ का हर तरह से ख्याल रखना चाहिए। उनकी बातों को गौर से सुनने से लेकर उनकी स्थिति को समझना, सबकुछ बेहद जरूरी है।
सी-सेक्शन के बाद महिलाएं संवेदनशील भी हो जाती हैं। इसलिए उन्हें कुछ कहने से पहले थोड़ा सोच-विचार करना आवश्यक है। किस तरह से सिजेरियन डिलीवरी के बाद नई माँ का ध्यान रखना चाहिए, यह हम आगे बता रहे हैं।
सी-सेक्शन के बाद किस तरह से नई माँ का ख्याल रखना चाहिए, यह लेख में आगे जानिए। इन तरीकों से सिजेरियन डिलीवरी से उबरने में महिला को मदद मिलेगी।
सिजेरियन डिलीवरी के कुछ दिनों बाद महिला को अस्पताल से भले ही छुट्टी मिल जाती हो, लेकिन टांके ताजा ही रहते हैं। यह एक बहुत बड़ी सर्जरी होती है, इसलिए महिला को रिकवर करने के लिए आराम करने की जरूरत होती है।
आप अपनी पार्टनर को अच्छे से आराम करने दें और काम करने से बचने की सलाह दें। आराम न करने से टांकों का दर्द और तेज हो सकता है।
कपड़े और बिस्तर पर रखी हुई छोटी-मोटी चीजें, तो सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला उठा सकती है। मगर नई माँ को कोई भी भारी सामान उठाने न दें। भारी सामान उठाने से सीधा जोर टांकों पर पड़ता है। इससे टांके फटने का डर भी बना रहता है।
प्रसव के बाद महिला की डाइट पर ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि उन्हें काफी कमजोरी का एहसास होता है। खासकर सिजेरियन डिलीवरी के बाद तो महिला को और भी पौष्टिक आहार की जरूरत पड़ती है। इसलिए, आप नई माँ के भोजन में रंग-बिरंगी सब्जियां और फल जरूर शामिल करें।
मौसमी फल और सब्जी महिला के लिए सबसे अच्छी साबित होंगी। इसके अलावा, पालक, दूसरे हरे साग, ब्रोकली को भी डाइट में जगह दें। फल में संतरा और मौसंबी को शामिल करें। इनमें मौजूद विटामिन-सी से जल्दी घाव भरने में मदद मिलती है।
डॉक्टर ने जिस तरह से दवाइयां लेने की सलाह दी है, उसी तरह से नई माँ को दवाइयां दें। कई बार नई माँ खुद से दवाई लेना भूल जाती है, इसलिए पार्टनर और घर के अन्य सदस्यों को नई माँ की दवाई का पूरा-पूरा ख्याल रखना चाहिए।
टांके लगने के बाद नहाने से उनमें पानी जाने से दिक्कत हो सकती है। अगर डॉक्टर ने महिला को कुछ दिनों तक न नहाने की सलाह दी है, तो अपनी पार्टनर को स्पंज बाथ दें।
डिलीवरी के बाद महिला का भावनात्मक रूप से साथ दें। कई बार प्रसव के बाद महिला के मन में ग्लानि होने लगती है, उन्हें अजीब-अजीब से ख्याल आते हैं। ऐसे में घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी बनती है कि वो महिला का साथ दें।
नई माँ को बताएं कि जो कुछ भी उन्हें एहसास हो रहा है, वो अस्थायी है। थोड़े दिनों में वो अच्छा महसूस करने लगेंगी। अपने वजन और लटके हुए पेट से भी महिला को स्ट्रेस हो सकता है, इसलिए उन्हें कहें कि टांकों से रिकवर होने के बाद वजन और पेट की चर्बी कम हो जाएगी।
7.लक्षणों पर दें ध्यान
घर के सभी सदस्यों को नई माँ में दिखने वाले और टांकों से संबंधी लक्षणों पर ध्यान देना होगा। कई बार टांकों में सूजन आ जाती है और पस पड़ने लगता है। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत इस संबंध में बात करें।
इसके अलावा, प्रसव के डिप्रेशन होना भी आम है। अगर लगे कि महिला अकेला रहना पसंद करती है, किसी से बात नहीं करती, रोती रहती है और बहुत कोशिश करने के बाद भी खुश नहीं होती, तो भी डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद नई माँ का जितना ध्यान रखा जाएगा, उतनी ही जल्दी उनकी रिकवरी होती है। ऐसे में इस लेख में दिए गए टिप्स पर हर पार्टनर को गौर करना चाहिए। इसके अलावा, घर के अन्य सदस्य भी नई माँ को रिकवर करने में मदद कर सकते हैं।
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सिजेरियन डिलीवरी
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