9 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
Medically reviewed by
Mousumi Dutta
डिलीवरी यानी प्रसव या कहें शिशु के जन्म का सबसे सुरक्षित तरीका नॉर्मल डिलीवरी होती है। हालांकि, ऐसी कई स्वास्थ्य समस्याएं व गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं हैं, जो सिजेरियन डिलीवरी के कारण (Reasons for a C-Section in Hindi) बन सकती हैं। सिजेरियन ऑपरेशन या सी-सेक्शन का जोखिम किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ा सकती हैं, इसके बारे में खुद जानें हेल्थ एक्सपर्ट की राय।
मैटरनिटी एक्सपर्ट और क्लीनिकल न्यूट्रीनिस्ट डॉक्टर पूजा मराठे का कहना है कि ऐसी कई स्वास्थ्य स्थितियां हैं, जो सिजेरियन डिलीवरी के कारण (Reasons for a C-Section in Hindi) बन सकती हैं। हालांकि, गर्भाशय से जुड़ा संक्रमण होना सबसे गंभीर माना जा सकता है। नीचे गर्भाशय से जुड़े संक्रमण के बारे में विस्तार से पढ़ें।
सिजेरियन डिलीवरी के कारण (Reasons for a C-Section in Hindi) कई हैं, जिनमें गर्भाशय से जुड़ा संक्रमण भी शामिल है। यह सबसे सामान्य कारणों में से एक माना जा सकता है। अगर गर्भवती महिला को गर्भाशय से जुड़ा संक्रमण होता है, इसके वजह से उसे गर्भाशय में सूजन, लालिमा, डिस्चॉर्ज और गंभीर दर्द की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में नॉर्मल डिलीवरी के जरिए शिशु में भी संक्रमण फैलने का जोखिम हो सकता है।
यही वजह है कि गर्भाशय से जुड़ा संक्रमण होने पर डॉक्टर गर्भवती महिला को सिजेरियन ऑपरेशन की सलाह दे सकते हैं।
अगर किसी गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय से जुड़ा संक्रमण होता है, तो निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिनमें शामिल हैंः
मेडिकल टर्म में गर्भाशय से जुड़े संक्रमण को एंडोमेट्रैटिस (Endometritis) कहा जाता है। इसे गर्भाशय के अस्तर की सूजन भी कहते हैं। यह गर्भाशय की सभी परतों को प्रभावित कर सकता है। अगर इसका संक्रमण गंभीर हो जाए, तो यह गर्भाशय ग्रीवा और योनि के मार्ग तक भी फैल सकता है और उनमें भी सूजन और संक्रमण पैदा कर सकता है।
गर्भाशय से जुड़ा संक्रमण या एंडोमेट्रैटिस के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं, जैसेः
गर्भाशय से जुड़ा संक्रमण का निदान करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाएं जा सकते हैंः
गर्भाशय से जुड़ा संक्रमण का इलाज करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाएं जा सकते हैंः
गर्भाशय से जुड़े संक्रमण के अलावा, सिजेरियन डिलीवरी के कारण (Reasons for a C-Section in Hindi) कई अन्य स्थितियां भी हैं जैसे – गर्भवती महिला का सामान्य से अधिक वजन बढ़ना, गर्भावस्था के दौरान मधुमेह होना, प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड शुगर या हाई ब्लड प्रेशर होना आदि। पर ध्यान रखें अगर सिजेरियन ऑपरेशन से बचाव करना है, तो समय रहते गर्भाशय के संक्रमण की पहचान करें और गर्भावस्था के दौरान होने वाली जटिलताओं के जोखिम कम करें।
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