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Gurmeet Choudhary Debina Bonnerjee ने छोटी बेटी दिविशा का कराया अन्नप्राशन (मुखेभात)

Gurmeet Choudhary Debina Bonnerjee ने छोटी बेटी दिविशा का कराया अन्नप्राशन (मुखेभात)

3 Apr 2023 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

टीवी इंडस्ट्री के मशहुर कपल गुरमीत चौधरी देबिना बनर्जी की छोटी बेटी दिविशा के अन्नप्राशन की तस्वीरें सोशल मीडिया छाई हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बंगला में अन्नप्राशन को ‘मुखेभात’ कहा जाता है। छोटी दिविशा आलता लगे पैरों, सर पर ‘टोपोर’, और लाल-सफेद ड्रेस में नन्हीं परी जैसी लग रही है। देबिना बर्नजी ने अन्नप्राशन यानि राइस ईटिंग सेरेमनी को बंगाली टच दिया है।

अन्नप्राशन या मुखेभात में बच्चे को पहली बार चावल और अनाज खिलाना शुरू किया जाता है। हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से इसको एक माना जाता है। गुरमीत चौधरी देबिना बनर्जी ने बेटी दिविशा का मुखेभात कोलकाता में परिवार के साथ मनाया। 

अब आप सोच रहे होंगे कि अन्नप्राशन संस्कार कया होता है और इसमें शिशु को पहली बार माँ के दूध के अलावा क्या खिलाया जाता है। तो इसके बारे में हम आगे विस्तार से बात करते हैं।

गुरमीत चौधरी देबिना बनर्जी ने जो मनाया मुखेभात या अन्नप्राशन वह होता क्या है?। What is Aannaprashan or Rice Feeding Ceremony in Hindi

असल में अन्नप्राशन संस्कृत शब्द है, इसका मतलब होता है शिशु को पहली बार अनाज खिलाना। एक लोकप्रिय हिंदू प्रथा है, अन्नप्राशन में बच्चे के जीवन में अनाज यानि सॉलिड फूड की शुरुआत का प्रतीक है। इस रस्म का पालन करने के बाद शिशु को धीरे-धीरे अनाज खिलाना शुरू किया जाता है। आम तौर पर लड़कों के लिए अन्नप्राशन सम महीने में (जैसे-6 या 8 महीना) और लड़कियों के लिए विषम महीनों में (जैसे कि-7 या 9 महीना) मनाया जाता है। बंगालियों में बच्चे को अन्नप्राशन या मुखेभात के दौरान पहला अनाज उसके मामा या नाना खिलाते हैं।

गुरमीत चौधरी देबिना बनर्जी ने जो मनाया मुखेभात, वह कैसे मनाया जाता है?। How is Mukhebhat Performed?

सबसे पहले पुरोहित या पुजारी से बात करके अन्नप्राशन समारोह के लिए एक विशिष्ट दिन निर्धारित की जाती है। उस दिन बच्चे को नए कपड़ा पहनाया जाता है, पूजा और हवन के साथ समारोह की शुरूआत की जाती है। उसके बाद बच्चे को अनाज का पहला निवाला खिलाया जााता है। 

इसके अलावा एक मजेदार खेल का आयोजन भी किया जाता है, जहां कई प्रतीकात्मक चीजें केले के पत्ते या चांदी की ट्रे पर रखा जाता है। जिसमें से एक चीज बच्चा अपनी मर्जी से उठाएगा। वस्तुओं में शामिल होता हैं:

  • नई चीजें सिखने का प्रतीक किताब
  • धन का प्रतीक गहना
  •  ज्ञान का प्रतीक कलम
  • संपत्ति का प्रतीक मिट्टी
  • खाद्य पदार्थ भोजन के प्रति प्रेम का प्रतीक होता है।

 ऐसा माना जाता है कि बच्चा ट्रे से जो वस्तु उठाता है, वह भविष्य में उसकी रुचि की ओर संकेत करता है।

देबिना बनर्जी की बेटी दिवाशा के अन्नप्राशन में क्या खिलाया जाता है?। What Types of Foods are Offered to the Baby during Mukhebhat?

वैसे तो शिशु को खीर या घी के साथ मैश किया हुआ चावल के रूप में अनाज का पहला दाना मामा या नाना खिलाते हैं। लेकिन खीर या घी-चावल के अलावा थाली में तरह-तरह के व्यंजन सजाए जाते हैं, जैसे कि तरह-तरह की सब्जियां, मछली, मांस, मिठाईयां आदि। गुरमीत चौधरी देबिना बनर्जी की छोटी बेटी दिविशा का अन्नप्राशन भी इन्हीं परंपराओं के आधार पर मनाया गया।

अन्नप्राशन संस्कार के दौरान इन बातों का रखें ध्यान-यहाँ कुछ टिप्स आपके शेयर कर रहे हैं, जिसकी मदद से माता-पिता और शिशु दोनों समारोह का आनंद ठीक तरह से ले सकते हैं। 

– अन्नप्राशन समारोह के पहले शिशु को अच्छी तरह से आराम करने दें यानि उसकी नींद पूरी होनी चाहिए ताकि वह समारोह के रस्म-रिवाजों के दौरान चिड़चिड़ा महसूस न करें।

-बच्चे के आस-पास ज्यादा भीड़-भाड़ न होने दें, इससे बच्चे को बेचैनी महसूस हो सकती है।

-मुलायम और आरामदायक कपड़ा ही शिशु को पहनाएं, जिससे की उसकी त्वचा को परेशानी महसूस न हो। मिरर वर्क, भारी कढ़ाई वाले कपड़े, गहने या धातु के धागे के काम किए हुए कपड़े शिशु की कोमल त्वचा को परेशान कर सकते हैं।

-शिशु का खाना बनाते वक्त हाइजीन का ध्यान रखें। खाना बनाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लें।

– शिश को खाना खिलाने के पहले मामा या नाना भी हाइजीन का ख्याल रखें और अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।

-शिशु का मुँह खिलाने के समय पोंछने के लिए नेचुरल वाटर बेबी वाइप्स का इस्तेमाल करें, जिससे कि शिशु की त्वचा को कोई नुकसान न पहुँचे।

-शिशु को अनाज का दो-चार दाना ही खिलाएं, ज्यादा खिलाने की गलती न करें, इससे पेट खराब होने की संभावना हो सकती है या पेट में दर्द हो सकता है। पेट में दर्द होने पर टमी रिलीफ रोल ऑन का इस्तेमाल फायदा पहुँचा सकता है।

-समारोह के बाद बच्चे को अलग कमरे में ले जाकर कपड़े बदलकर बेबी पावडर, डायपर रैश होने पर डायपर बदलकर डायपर रैश क्रीम लगाकर उसको आराम करने दें। इससे बच्चा फ्रेश हो जाएगा और सो जाएगा या खेलेगा।

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि गुरमीत चौधरी देबिना बनर्जी ने छोटी बेटी दिविशा का मुखेभात कैसे मनाया। अगर आप भी नए माता-पिता बने हैं तो अन्नप्राशन के दौरान ऊपर बताए गए टिप्स का जरूर ध्यान रखें, इससे आप भी खुश रहेंगे और बच्चा भी खुश रहेगा।

चित्र स्रोत: इंस्टाग्राम_देबिना बनर्जी

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