प्रेगनेंसी की हर तिमाही के लिए योगासन

प्रेगनेंसी की हर तिमाही के लिए योगासन

27 Jul 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

प्रेगनेंसी में स्वास्थ्य जैसा होगा उसका सीधा असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ेगा। यही कारण है कि महिला को चलते-फिरते और हल्के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। व्यायाम के साथ ही प्रेगनेंसी में योग करना भी माँ और उसके बच्चे के लिए अच्छा माना जाता है। मगर आप सामान्य समय पर किए जाने वाले सारे योगासन प्रेगनेंसी में नहीं कर सकती हैं। इसी वजह से हम लेख में आगे गर्भावस्था में कौन-से योगासन सुरक्षित हैं, यह बताएंगे। यहां  प्रेगनेंसी की हर तिमाही के लिए योगासन की जानकारी दी गई है।

क्या गर्भावस्था में योग करना सुरक्षित है?

हां, स्वस्थ गर्भावस्था में योग किए जा सकते हैं। लेकिन कौन-से योगासन प्रेगनेंसी में सुरक्षित है, इसके बारे में सही जानकारी की जरूरत होती है। योग के फायदे सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि मस्तिष्क को भी मिलता है। बस प्रेगनेंसी में योग करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। साथ ही योग प्रशिक्षित योग गुरू की देखरेख में ही योगासन करें। 

गर्भवती महिलाओं के लिए योगासन – Yoga Asanas for Pregnant Women in Hindi

गर्भवती महिला विभिन्न तिमाही से होकर गुजरती है। ऐसे में कोई एक योगासन सभी तिमाही के लिए सुरक्षित नहीं होता। इसी वजह से हम इस लेख में आगे गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित योग हर तिमाही (ट्राइमेस्टर) के अनुसार बता रहे हैं। चलिए आगे जानते हैं कि किस तिमाही में कौन-सा योगासन करना सुरक्षित होगा।

गर्भावस्था की पहली तिमाही में योगासन – Yoga Asanas  in First Trimester of Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था की पहली तिमाही के लिए योग करते रहने की सलाह दी जाती है। सामान्यतौर पर वृक्षासन, त्रिकोणासन और वीरभ्रदासन को सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ये योग प्रशिक्षक की देखरेख में करें। इनमें बैलेंस बनाने की जरूरत पड़ती है। अगर शरीर का संतुलन बिगड़ा तो गर्भवास्था को नुकसान पहुंच सकता है। 

  1. वृक्षासन
  • वृक्षासन करने के लिए योग मैट पर सीधा खड़े हो जाएं।
  • अब दाएं पैर पर शरीर का भार डालते हुए बाएं पैर को मोड़ते हुए तलवे को दाई जांघ पर टिका दें।
  • इस समय बाएं पैर की एड़ी का दबाव दाएं जांघ पर पड़ेगा।
  • शरीर का संतुलन बनाए रखते हुए दोनों हाथों को कंधे के बराबर फैलाकर धीरे-धीरे सांस लेते हुए सिर के ऊपर ले जाएं और दोनों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
  • कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें और शरीर का संतुलन बनाए रखें।
  • फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए क्रिया को विपरीत करते हुए शुरूआती मुद्रा में आ जाएं।
  • यह अर्ध चक्र हुआ अब इसे दूसरे पैर से भी ऐसा करें। 
  • इस योग को शुरुआती अभ्यासक 3 बार तक कर सकते हैं।  
  1. त्रिकोणासन
  • इस योग को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर पैरों को सटाकर सीधे खड़े होना होगा। 
  • इस समय दोनों हाथ भी शरीर से सटे हुए होने चाहिए।
  • अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को फैलाएं। इस स्थिति में दोनों पैर एक-दूसरे के समानांतर होंगे।
  • फिर हाथों को कंधों के समानांतर फैला लें।
  • इसके बाद, दाएं पैर को बाहर की तरफ मोड़कर लंबी सांस लेते हुए दाईं तरफ झुकें और दाएं हाथ की उंगलियों से जमीन को स्पर्श करने की कोशिश करें। ऐसा करते हुए बाएं हाथ को ऊपर की तरफ उठाएं।
  • सिर को दाईं तरफ झुकाकर नजरें दाएं हाथ की उंगलियों पर रखें।
  • अब कुछ सेकेंड इसी मुद्रा में बने रहें और नियमित रूप से सांस लेते व छोड़ते रहें।
  • फिर  धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए शुरुआती मुद्रा में आ जाएं।
  • इस क्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं।
  • त्रिकोणासन को शुरुआती अभ्यासक 3 से 5 बार कर सकते हैं। 
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में त्रिकोणासन करती महिला
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में योग करती महिला।
  1. वीरभद्रासन
  • सबसे पहले योग मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को सामने रखें।
  • अब बाएं पैर को सामने की तरफ ले जाते हुए बाएं को घुटने से हल्का मोड़ें और दाएं पैर को सीधा रखें।
  • फिर गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और हाथों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा बना लें।
  • इसके बाद, हाथ को पीछे की तरफ खींचें। ऐसा करते समय ध्यान रखें कि पीठ सीधी हो।
  • अब हाथों को नीचे लाते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
  • फिर घुटने को सीधा करते हुए शुरुआती मुद्रा में आ जाएं और इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ भी करें।
  • इस आसन को 3 से 5 बार कर सकते हैं।

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में योगासन – Yoga Asanas  in Second Trimester of Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में योगासन करते समय थोड़ा सतर्क रहें। प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में पेट पर ज्यादा दवाब न डालें। पेट मुड़ने वाले योग से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, लेकिन ज्यादा दवाब गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए अच्छा नहीं है। 

  1. मत्स्य क्रीड़ासन
  • इस योग को करने के लिए योग मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
  • अब दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करके हथेलियों को दाईं ओर रखें और सिर को बाएं हाथ पर टिका दें।
  • फिर अपने दाएं घुटने को मोड़कर धीरे-धीरे कमर तक ले आएं और दाईं कोहनी को घुटने के पास रखें।
  • ऐसा करते समय बांया पैर बिल्कुल सीधा होना चाहिए।
  • इसके बाद कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें।
  • अब इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं।
  • शुरुआती अभ्यासक को 3 से 5 बार कर सकते हैं।
  1. वज्रासन
  • वज्रासन को करने के लिए योग मैट या चटाई पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
  • इस समय हिप्स दोनों एड़ियों के बीच में सटे होंगे और दोनों पैरों के अंगूठे एक-दूसरे से सटे हुए होंगे।
  • अपने कमर व सिर को एकदम सीधा रखें।
  • इतना करने के बाद अपने दोनों हाथों को जांघों पर रखें और नियमित रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें।
  • फिर आंखों को बंद करके ध्यान लगाने की कोशिश करें और थोड़ी देर इसी मुद्रा में बने रहें।
  • इस योग को रुक-रुक कर 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
  1. मार्जरी आसन
  • सबसे पहले योग मैट बिछाकर खड़े हो जाएं और घुटनों को मोड़कर सामने की तरफ झुकें।
  • इस समय आपकी हथेलियां व घुटने फर्श पर रहेंगे और हाथ एकदम सीधे होंगे।
  • अब गहरी सांस लेते हुए अपने सिर को ऊपर उठाएं और कमर को नीचे की तरफ झुकाएं।
  • कुछ देर तक इसी अवस्था में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे झुकाकर कमर को ऊपर की तरफ उठाएं।
  • अब अपनी ठुड्डी को छाती से सटाने का प्रयास करें।
  • थोड़ी देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर शुरुआती मुद्रा में आ जाएं।
  • इस योग को 3 से 5 बार कर सकते हैं।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में योगासन – Yoga Asanas  in Third Trimester of Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में योग करने से डिलीवरी का समय कम होता है और शिशु को पैदा करते समय कम दर्द होता है। योगासन से बच्चे को नीचे खिसकने में मदद मिलती है। 

  1. उत्तानासन
  • उत्तानासन के लिए योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • इस समय हाथों को शरीर से सटाकर रखें व गहरी सांस लें।
  • अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए धड़ वाले भाग को कमर से मोड़कर आगे की तरफ झुकाएं।
  • फिर अपने हाथों से जमीन को स्पर्श करने की और अपने माथे से घुटनों को स्पर्श करने की कोशिश करें।
  • अब अपनी क्षमतानुसार इसी मुद्रा में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते व छोड़ते रहें।
  • फिर हल्के-हल्के शुरुआती मुद्रा में आ जाएं और कुछ सेकंड के आराम के बाद इस क्रिया को फिर से करें।
  • शुरुआती अभ्यासक इस योग को 3 से 5 बार कर सकते हैं। 
  1. पूर्ण तितली आसन
  • इस योग को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर टांगोंं को सामने फैलाकर बैठ जाएं।
  • अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर तलवों को एक-दूसरे से सटा लें।
  • फिर हाथों की उंगलियां इंटरलॉक करते हुए पैरों को पकड़कर अपने शरीर करीब लें आएं। अपनी क्षमतानुसार ही पैरों को पास लाएं।
  • अब नियमित रूप से सांस लेते हुए दोनों घुटनों को तितली के पंख की तरह ऊपर-नीचे करें।
  1. चक्कीचलनासन
  • सबसे पहले योग मैट पर दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
  • इस समय दोनों पैरों के बीच लगभग 2 फुट की दूरी बनाकर रखें।
  • अब दोनों हाथों को सामने की तरफ फैलाकर उंगलियां को आपस में फसा लें।
  • फिर गहरी सांस लेते हुए हिप्स से ऊपर वाले भाग को आगे ले जाएं व बाईं तरफ जाते हुए काल्पनिक घेरा बनाएं।
  • इसके बाद शरीर को पीछे ले जाते हुए दाईं तरफ होते हुए सामने की तरफ झुकें।
  • यह एक चक्र पूरा हुआ। इसे लगातार पहले क्लाॅक वाइज और फिर एंटी क्लॉक वाइज करें।
  • इस योग को शुरुआती अभ्यासक रुक-रुक कर 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।

गर्भावस्था में योग करने का सही समय | Right time for Yoga in Hindi

आप गर्भावस्था में योग कभी भी कर सकते हैं। बस खाना खाने के तुरंत बाद योगासन को करने से बचें। वैसे योगासन करने का सबसे सही समय सुबह का है। सुबह योगासन करने से तनाव कम होता है और ऑक्सीन का संचार बढ़ेगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सुबह के अलावा किसी दूसरे समय पर गर्भावस्था में योग नहीं कर सकते। आप सुबह, शाम, दोपहर कभी भी प्रेगनेंसी में योग कर सकती हैं। बशर्ते आपका पेट भरा हुआ न हो।

योगसत्र को कैसे समाप्त करें? | End of the yoga session in Hindi

सभी योगासन करने के बाद अंत में शवासन करना अनिवार्य होता है। इससे शरीर को और ज्यादा राहत मिलती है। गर्भावस्था में योग करने के बाद भी इसे जरूर करें। सुखासन में आपको बस एक मृत व्यक्ति की तरह खुद के शरीर को रखना होता है। इसी वजह से यह शवासन नाम से प्रचलित है। योगसत्र को समाप्ति पर इसे करने से दिमाग और शरीर दोनों को ही नई ऊर्जा व स्फूर्ति मिलती है। 

अगर किसी महिला को शारीरिक समस्या के कारण योगासन करने की मनाही है, तो आप प्राणायाम कर सकते हैं। यह प्रेगनेंसी के लिए अच्छा योगासन माना जाता है। 

प्रेगनेंसी में योग से जुड़ी सावधानियां | Precautions related to yoga in pregnancy in Hindi

योग करते समय कुछ बातों व नियम पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। आप योगासन करते समय इन बातों पर गौर जरूर करें –

  • प्रीटर्म लेबर का इतिहास होने वालों को योग करने से बचना चाहिए।
  • योग करते समय श्वास पर ध्यान दें। सांस लेने व छोड़ने की गति काफी महत्वपूर्ण होती है।
  • रक्त के प्रवाह को बढ़ाने वाले योगासन को करने से बचें।
  • प्रेगनेंसी में किसी भी योगासन का एकदम पर्फेक्ट पॉइस्चर बनाने की कोशिश न करें।
  • शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी पैदा करने वाले योगासन को करने से बचें।
  • गर्भावस्था में योग करते समय पेट पर बल बिल्कुल नहीं डालें। 
  • पैरों को ऊपर उठाने वाले योग को एकदम करने से बचें। ये पेट में पल रहे गर्भ पर नकारात्मक असर डालता है।
  • योग करते समय यह ध्यान रखें कि आपका पेट खाली हो या उसमें कुछ हल्की चीजें ही हों।

प्रेगनेंसी में योग करना काफी फायदेमंद है। मगर सतर्कता हटने पर दुर्घटना होने का खतरा भी काफी है। आप प्रशिक्षक की सलाह और निगराने में ही गर्भावस्था में योग करें। साथ ही गर्भावस्था से संबंधी कोई भी दिक्कत हो, तो डॉक्टर से योगासन के संबंध में बात जरूर करें। अपनी मर्जी से कोई भी योगासन करना प्रेगनेंसी में गलत है। इससे बच्चे को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

चित्र स्रोत – Pexels

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