3 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 408 Articles
Mousumi Dutta
मौसम चाहे गर्मी-सर्दी का हो या फिर बरसात है, हर मौसम में शिशु की त्वचा की देखभाल (Skin care Tips for Babies) खासतौर पर करनी होती है। जैसा की आप जानते ही होंगे कि शिशु की त्वचा बहुत ही नाजुक व मुलायम होती है, ऐसे में उनकी स्किन के लिए नॉरिशमेंट भी बेहद खास होना चाहिए। पेरेंट्स किस तरह से बच्चों की त्वचा की देखभाल कर सकते हैं और इस दौरान उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इससे जुड़ी बातें आप इस लेख में पढ़ेंगे।
चाहे भीषण गर्मी के दिन हो या हो बारिश के दिन शिशु की स्किन की देखभाल (Skin care Tips for Babies) करने के लिए आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
छोटे शिशुओं को नहलाने से कई पेरेंट्स डरते हैं। उन्हें डर रहता है कि कहीं बच्चे को सर्दी-खांसी न हो जाए, लेकिन अगर शिशु की त्वचा की देखभाल करना चाहते हैं, तो बच्चों को नियमित रूप से नहलाना चाहिए। नहलाने से बच्चे की त्वचा की त्वचा की न सिर्फ नमी बनी रहती है, बल्कि शरीर पर पसीने व अन्य कारणों से पनपने वाले बैक्टीरिया का भी सफाया किया जाता है।
साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि बच्चों को नहलाने के लिए किसी सुरक्षित उत्पाद का ही इस्तेमाल करें। इसके लिए बेबीचक्रा का बेबी वॉश एक अच्छा विकल्प माना जा सकता है।
शिशु की स्किन बेहद नाजुक होती है, इसलिए गर्मी या उमस भरे दिनों में वे जल्दी ड्राई भी हो सकते हैं। इसके लिए पेरेंट्स छोटे बच्चों की क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, जब भी बच्चे को घर से बाहर लेकर जाएं, तो उसके चेहरे के साथ ही अन्य खुले अंगों पर बेबी सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। बेबी सनस्क्रीन शिशु की त्वचा को सनबर्न से सुरक्षित रख सकते हैं और शिशु की स्किन को ड्राई होने से भी रोक सकते हैं।
बच्चे को घर से बाहर मौसम के अनुसार ही लेकर जाएं। अगर बहुत तेज धूप है या बारिश होने की संभावना हो, तो बेहतर होगा कि बच्चे को घर के अंदर ही रखें। दरअसल, ऐसे मौसम में बच्चे को बाहर ले जाने से उसे रैशेज, लालिमा, खुजली व सनबर्न हो सकता है। इसके अलावा, हो सकें तो दिन में दो बार जैतून, सरसों या नारियल के गुनगुने तेल से बच्चे के शरीर की मालिश भी करें। इससे बच्चे की त्वचा मुलायम व स्वस्थ बनी रहेगी। बच्चे की मालिश करने के लिए बेबीचक्रा का नारियल तेल भी चुन सकते हैं।
मार्केट में बच्चों के लिए स्टाइलिश कपड़ों की कोई कमी नहीं है। पर फैशन के दौर में बच्चे की सेहत और त्वचा से खिलवाड़ करना महंगा साबित हो सकता है। बच्चे के लिए कपड़े खरीदते समय न सिर्फ फैब्रिक का ध्यान रखना चाहिए, बल्कि यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कपड़े में ऐसा कोई बटन, स्टोन या चेन न हो जो बच्चे को चुभे।
बच्चे को हमेशा ढीले-ढाले कपड़े ही पहनाएं। इससे उसके शरीर में हवा लगती रहेगी। इसके अलावा, बच्चे को पूरे दिन पैंट या डायपर न पहनाएं खासकर गर्मी और उमस के मौसम में। ऐसा करने से बच्चे को डायपर रैशेज की समस्या हो सकती है। अगर बच्चे को डायपर रैशेज हुआ है, तो इसके लिए यहां पर हम डायपर रैशेज के लिए क्रीम का विकल्प दे रहे हैं।
बच्चा जैसे ही घुटनों के बल चलना शुरू करता है, फिर उसे एक ही जगह रोक कर रखना नामुमकिन हो जाता है। ऐसे में बच्चा घुटनों और हाथों के बल पूरे घर के चक्कर लगाता रहता है। इससे वह फर्श, खिलौने व दूसरी चीजों में मौजूद कीटाणुओं के संपर्क में जल्दी आ सकता है। इससे बच्चा बीमार हो सकता है और उसकी त्वचा में संक्रमण भी हो सकता है।
इससे बचाव करने के लिए घर की सफाई से लेकर बच्चे के खिलौने की सफाई का ध्यान रखें। समय-समय पर किसी अच्छे हैंडवाश से बच्चे का हाथ धोते रहें। खासकर बेबी को फिंगर फूड देने से पहले उसके हाथ जरूर धोएं। इसके लिए आप बेबीचक्रा का फोमिंग वॉश भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर किसी उत्पाद का इस्तेमाल पहली बार कर रहे हैं, तो उसका पैच टेस्ट जरूर करें।
शिशु की त्वचा की देखभाल (Skin care Tips for Babies) करना हर पेरेंट्स की बड़ी जिम्मेदारियों में से एक होता है। एक तरह से देखा जाए, तो जन्म से लेकर लगभग 8 से 10 साल की उम्र तक बच्चों की त्वचा की देखभाल पेरेंट्स को ही करनी होती है। ऐसे में अपने बच्चे के लिए किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच करें।
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