6 Feb 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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यह तो आप सभी जानते हैं कि प्रेगनेंसी के समय से ही शरीर में बहुत सारे बदलाव होते रहते हैं, जिसका असर डिलीवरी के बाद भी कुछ दिनों तक चलता रहता है। प्रेगनेंसी के दौरान हॉर्मोन में बदलाव डिलीवरी के बाद महिलाओं में पेट में चर्बी और वजन बढ़ने के विभिन्न कारणों में से एक होता है। मगर इसके लिए टेंशन लेने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। अगर आप भी आलिया की तरह कार्डियो एक्सरसाइज को अपने पोस्टपार्टम लाइफ का एक हिस्सा बना लेंगी तो आपको अपने पुराने सेक्सी शेप में आने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। लेकिन डिलीवरी के बाद कार्डियो एक्सरसाइज शुरू करने के पहले डॉक्टर की जरूर सलाह ले लेनी चाहिए।
आपके जानकारी के लिए बता दें कि डिलीवरी के बाद कार्डियो एक्सरसाइज हो या योगासन इससे शरीर को अनेक तरह के फायदे मिलते हैं। लेकिन इसके पहले जान लेते हैं कि कार्डियो एक्सरसाइज कब से शुरू करनी चाहिए?
यदि आपके प्रेगनेंसी और डिलीवरी में कोई कॉम्प्लिकेशन्स नहीं है तो आप बच्चे के जन्म लेने के बाद से हल्के एक्सरसाइज करना शुरू कर सकते हैं। जन्म देने के बाद से जब आपका शरीर एक्सरसाइज करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तब से आप कीगल और दूसरे हल्के वर्कआउट्स या एरोबिक्स करना शुरू कर सकती हैं। लेकिन सिजेरियन डिलीवरी या डिलीवरी के दौरान कोई जटिलता रहने पर आपको बिना डॉक्टर के परामर्श के यह जोखिम उठाने की गलती नहीं करनी चाहिए।
यह तो हमने पहले ही बताया है कि पोस्टपार्टम कार्डियो एक्सरसाइज के अनेक फायदे शरीर और मन को मिलते हैं, जिनमें कुछ ऐसे हैं-
कार्डियोवसकुलर फायदे: कार्डियो एक्सरसाइज से मसल्स के सेल्स को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलने लगती है, जिससे हार्ट रेट को भी नॉर्मल रहने में मदद मिलती है और हृदय प्रणाली भी मजबूत होती है।
एनर्जी लेवल को बढ़ाने में मदद करता है- यह तो जानी हुई बात है कि बच्चे को संभालने के लिए माँ को एकस्ट्रा एनर्जी की जरूरत होती है। कार्डियो एक्सरसाइज करने से एंजाइम बढ़ते हैं, जो फैट और कार्बोहाइड्रेट को बर्न करके एनर्जी को बढ़ाने में बहुत सहायता करते है। इसलिए आलिया में एक अलग ही एनर्जी नजर में आ रही है। उनकी एनर्जी उनके चेहरे पर झलक रही है-
पेट के मसल्स टोन अप हो जाते हैं– यह तो आप जानते ही हैं डिलीवरी के बाद कि पेट के मसल्स स्ट्रेस में आ जाते हैं तो एक्सरसाइज करने से मसल्स टोन अप भी हो जाते हैं और उनको शेप में लौटने में भी मदद मिलने लगती है।
वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है- कार्डियो एक्सरसाइज करने से एनर्जी बढ़ती है, एंजाइमों को बढ़ाने में मदद करता है। यह एंजाइम फैट और कार्बोहाइड्रेट को बर्न करके वेट को कंट्रोल करने में मदद करता है। जब आप एक्सरसाइज कर रहे होते हैं तो न केवल आप कैलोरी बर्न करते हैं बल्कि ऊर्जा के बढ़े हुए स्तर के कारण वर्कआउट करने के बाद भी पूरे दिन अधिक कैलोरी भी बर्न करते रहते हैं।
डिप्रेशन और मूड स्विंग से राहत मिलती है– कार्डियो वसकुलर एक्सरसाइज करने से आपके शरीर से तनाव से लड़ने वाले हार्मोन, जैसे सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन निकलने लगते हैं जो स्ट्रेस, डिप्रेशन और चिंता से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसीलिए तो आलिया गुनगुनाते हुए कार्डियो कर रही हैं-
इसके अलावा डिलिवरी करने के एक्सरसाइज करने से बेहतर नींद लेने में भी माँ को मदद मिलती है।
हल्के या मीडियम एक्सरसाइज करने से ब्रेस्टमिल्क पर कोई असर नहीं पड़ता है। बस पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की जरूरत होती है। लेकिन कुछ अध्ययनों के आधार पर हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करने से ब्रेस्ट मिल्क में लैक्टिक एसिड जमा होने लगता है, जिसके कारण दूध का स्वाद खट्टा हो सकता है। इसलिए एक्सरसाइज करने के पहले बच्चे को या तो दूध पिला देना अच्छा होता है या पंप करके दूध निकालकर स्टोर कर लेना बेहतर विकल्प हो सकता है।
एक्सपर्ट टिप्स:
आशा करते हैं कि आपको डिलीवरी के बाद कार्डियो एक्सरसाइज करने के फायदे और सावधानियों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी मिल गई होगी। अगर आपके और भी सवाल हैं तो हमारे कमेंट बॉक्स में डालना न भूलें।
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