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World Milk Day: प्रेग्नेंसी में मिल्क क्रेविंग क्यों होती है?

World Milk Day: प्रेग्नेंसी में मिल्क क्रेविंग क्यों होती है?

30 May 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

प्रेग्नेंसी में क्रेविंग्स होना आम है। किसी को अचार की क्रेविंग होती है, तो किसी को आइसक्रीम की। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था में मिल्क क्रेविंग भी होती है। भले ही प्रेग्नेंसी में मिल्क क्रेविंग आम नहीं है, लेकिन फिर भी इस समय दूध पीने की लालसा बढ़ सकती है। ऐसा होने की वजह क्या है, यह इस लेख में समझिए।

गर्भावस्था में क्रेविंग कब शुरू होती है?

ज्यादातर महिलाओं को पहली तिमाही में क्रेविंग शुरू होती है। यह क्रेविंग दूसरी तिमाही के दौरान चरम पर होती है और तीसरी में घट जाती है। कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी क्रेविंग होती रहती है। करीब 60 से 90 फीसदी महिलाओं को गर्भावस्‍था में किसी विशेष खाद्य पदार्थ के लिए क्रेविंग होती ही है।

गर्भावस्था में मिल्क क्रेविंग होती है और क्या इसका कोई मतलब है?

हां, कुछ गर्भवती महिलाओं में मिल्क क्रेविंग होती है। इस दौरान कुछ महिलाओं को फ्लेवर मिल्क की क्रेविंग होती है। वो चॉकलेट मिल्क या स्ट्रॉबेरी मिल्क के लिए तरसती हैं। दरअसल, दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, फैट और फास्फोरस होता है। ये सभी प्रेग्नेंसी और गर्भस्थ शिशु के लिए हेल्दी होते हैं। माना जाता है कि गर्भवती की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के चलते महिलाओं को दूध और अन्य डेयरी पदार्थ की क्रेविंग होती है। 

इसी तरह गर्भावस्था के समय जिन महिलाओं में कैल्शियम की कमी होती है, उन्हें भी मिल्क क्रेविंग हो सकती है। क्रेविंग से शरीर में कैल्शियम की मात्रा प्राकृतिक तरीके से बढ़ती है। यह भी माना जाता है कि शरीर में हो रहे हार्मोनल परिवर्तनों के कारण भी गर्भावस्था में मिल्क क्रेविंग होती है। 

प्रेग्नेंसी में मिल्क क्रेविंग - Milk Craving in Pregnancy
गर्भावस्था में मिल्क क्रेविंग होना हेल्दी है, लेकिन दूध के साथ ही अन्य पौष्टिक आहार का सेवन भी जरूरी है। / चित्र स्रोत – पिक्सेल्स

इसे ऐसे भी देखा जाता है कि शरीर स्पष्ट रूप से बताता है कि गर्भवस्था में महिला को किस पोषक तत्व की अधिक आवश्यकता है। फ्लेवर मिल्क की क्रेविंग की वजह भी कुछ ऐसी ही है। साथ ही फ्लेवर मिल्क रिफ्रेशिंग टेस्ट भी देता है। हालांकि, कारण जो भी हो, लेकिन गर्भावस्था में मिल्क क्रेविंग होना हेल्दी है।

क्या मिल्क क्रेविंग से बच्चा लड़का होगा या लड़की यह पता चलता है?

घर में नन्हा मेहमान आएगा या आएगी, इसको लेकर माता-पिता काफी उत्सुक रहते हैं। इसलिए वो गर्भावस्था में दिखने वाले लक्षण और गर्भावस्था की क्रेविंग से बच्चे के लिंग का अनुमान लगाने लगते हैं। दूध की क्रेविंग भी कुछ अलग नहीं है। हालांकि, मिल्क क्रेविंग से लिंग पता चलता है, इसका कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं है। यह सब अफवाह मात्र है! 

मिल्क क्रेविंग को लेकर डॉक्‍टर से कब संपर्क करें

गर्भावस्था में हरदम सिर्फ दूध पीना सेहतमंद नहीं होगा। इससे डायरिया होने का खतरा हो सकता है। इसलिए चिकित्सक से संपर्क करें। यही नहीं मिल्क क्रेविंग के साथ महिला को साबुन या कुछ केमिकल लेने का मन करे, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें।

भले ही आपको प्रेग्नेंसी में मिल्क क्रेविंग हो या न हो, लेकिन आप यह  समझ ही गईं होंगी कि गर्भावस्था में दूध के सेवन की लालसा होना सामान्य है। इसको लेकर किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

हां, सिर्फ दूध का सेवन करने या फिर हद से ज्यादा दूध पीने से बचें। अन्यथा कुछ नुकसान हो सकते हैं और शरीर की अन्य पोषक तत्वों की जरूरतें अधूरी रह सकती हैं। दूध के साथ ही अन्य पौष्टिक आहार का सेवन प्रेग्नेंसी में माँ और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए आवश्यक है।

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