प्रेग्नेंसी के नाजुक दौर में महिलाओं को बीमारियां और संक्रमण होने का खतरा लगा रहता है। ऐसा ही एक खतरा गर्भावस्था में यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होना भी है। यह संक्रमण मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसके चलते गर्भस्थ शिशु को हानि भी पहुंच सकती है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी में यूटीआई होने के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानने की जरूरत है।
सबसे पहले प्रेग्नेंसी में यूरिन इन्फेक्शन के प्रकार को समझते हैं।
प्रेग्नेंसी में यूटीआई के प्रकार
महिला को गर्भावस्था में चार तरह के यूरिन इन्फेक्शन हो सकता है। इनके बारे में नीचे बताया गया है।
मूत्र मार्ग में होने वाला संक्रमण यानी यूरेथ्राइटिस
मूत्राशय में होने वाला संक्रमण यानी सिस्टाइटिस
किडनी का संक्रमण यानी पायलोनेफ्राइटिस
नॉन टेक्निकल यूटीआई
क्या प्रेग्नेंसी में यूरिन इन्फेक्शन (UTI) होना आम है?
रिसर्च पेपर के मुताबिक, अक्सर प्रेग्नेंसी में महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) हो जाता है। इस दौरान किडनी में होने वाला यूटीआई (पायलोनेफ्राइटिस) सबसे आम और गंभीर होता है। अच्छी बात यह है कि गर्भावस्था में यूटीआई का इलाज आसानी से और अच्छे परिणाम के साथ होता है। बहुत कम मामलों में पायलोनेफ्राइटिस के कारण जटिल हुई गर्भावस्था से मां और बच्चे की सेहत पर असर पड़ता है।
गर्भावस्था में मूत्र मार्ग संक्रमण के कारण
प्रेग्नेंसी में यूटीआई होने के कारण एक से ज्यादा हैं। आगे हम मूत्र मार्ग संक्रमण होने का कारण और जोखिम कारक बता रहे हैं।
गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण मूत्र मार्ग इंफेक्शन हो सकता है। हार्मोनल परिवर्तन के चलते शरीर में बैक्टीरिया तेजी से फैल जाते हैं।
प्रेग्नेंसी में बढ़ते गर्भाशय को भी यूटीआई का कारण माना जाता है। बढ़ते गर्भाशय से यूरिनरी ब्लैडर के मुँह पर दबाव पड़ता है, जिसके चलते ब्लैडर सही से खाली नहीं होता और यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
गर्भाशय में जुड़वां बच्चों होने पर यूरिन इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
आंतों में मौजूद बैक्टीरिया ई.कोलाई के मूत्रमार्ग में प्रवेश करने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है।
शारीरिक संबंध बनाने से वजाइना के पास के बैक्टीरिया आसानी से मूत्र मार्ग में पहुंच जाते हैं, जिससे यूटीआई का रिस्क बढ़ जाता है।
प्रेग्नेंसी में यूटीआई के लक्षण से जूस रही महिला/ स्रोत – फ्रीपिक
मूत्राशय खाली होने के बाद भी पेशाब आने का एहसास होना
कमर और पेट की निचले हिस्से में दर्द व दबाव महसूस होना
बुखार आना
ठंडा लगना
पीठ के निचले हिस्से में दर्द या पीठ के एक हिस्से में दर्द
उल्टी या मतली होना
गर्भावस्था में मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) का इलाज
प्रेग्नेंसी में यूटीआई की गंभीरता के हिसाब से ही डॉक्टर मूत्र मार्ग संक्रमण का इलाज करते हैं। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाई लेने की सलाह देते हैं। इन दवाइओं का कोर्स 3 से 7 दिन तक चल सकता है।
मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) से बचने के तरीके
अक्सर महिलाएं सवाल करती हैं कि यूटीआई से बचाव कैसे होता है। अगर यूटीआई होने का खतरा है या एक बार यूटीआई हो चुका है और दोबारा यूटीआई से बचना चाहती हैं, तो नीचे बताए गए टिप्स को अपनाएं।
लोकमान्य म्युनिसिपल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर और मुंबई में खुद का क्लिनिक चला रहीं डॉ. माधुरी मेहंडाले बताती हैं कि मलद्वार से बैक्टीरिया मूत्रमार्ग तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में अपने मूत्र मार्ग और मलद्वार दोनों को साफ रखें।
वृंदावन मथुरा यूपी में प्रेक्टिस कर रहीं ऑब्स्ट्रट्रिशियन और गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ वर्तिका किशोर के मुताबिक, “हमेशा गुप्तांग की सफाई पीछे से आगे की तरफ करनी चाहिए। ऐसा करने से मलद्वार से बैक्टीरिया के वजायना में नहीं आते। इससे यूटीआई होने के खतरे से बचा जा सकता है।”
डॉ माधुरी मेहंडाले के अनुसार, “हमेशा साफ और कॉटन के अंडरगार्मेंट्स पहनने चाहिए। सिंथेटिक कपड़ों के अंडरगार्मेंट्स से बचना चाहिए, क्योंकि ये नमी को नहीं सोख पाते हैं और इंफेक्शन का खतरा पैदा कर सकते हैं।”
रोजाना अंडरगार्मेंट्स को बदलें।
सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने से बचें।
केमिकल युक्त साबुन या किसी भी अन्य प्रोडक्ट का उपयोग योनि वाले हिस्से पर न करें।
डॉक्टर की सलाह पर एक निर्धारित अंतराल में यूटीआई टेस्ट कराते रहें।
शारीरिक संबंध बनाने से पहले दोनों को अपने गुप्तांश को साफ कर लें।
अगर यूटीआई हो, तो उसके ठीक होने के बाद ही संबंध बनाएं।
प्रेग्नेंसी मे यूटीआई होने की आशंका बढ़ जाती है। इसे कम करने के लिए यहां बताए गए यूटीआई से बचाव के टिप्स को अपना सकते हैं। अगर लेख में बताए गए यूटीआई के लक्षण नजर आने लगें, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें। सतर्क रहें, स्वस्थ रहें!