19 Sep 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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वैसे तो बच्चे को पसीना आना बहुत ही सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है। शरीर को नेचुरल तरीके से ठंडा करने के लिए पसीना आता है। आम तौर पर दिन में गर्मी, एक्सरसाइज या काम के कारण पसीना आता है। लेकिन रात को बच्चे को पसीना आने के पीछे कोई सीधा कारण बताना मुश्किल होता है। लेकिन रात को पसीना आने की वजह को समझने के लिए इसके सिवा दूसरे लक्षणों को भी समझने की जरूरत है।
आम तौर पर रात को पसीना ज्यादा गरमी, कमरा या बिस्तर के गर्म हो जाने के कारण होता है। बच्चे या वयस्क का पसीना आना शरीर की सामान्य प्रक्रिया होती है। लेकिन यह प्रक्रिया अगर बार-बार हो रही है, या कमरे का तापमान सामान्य होने पर भी पसीने के कारण कपड़ा और बिस्तर भींग जा रहा है तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है।
रात में पसीना आना का मतलब अलग-अलग हो सकता है। अगर आपका बच्चा पूरे दिन ठीक रहता है और पसीने के कारण भी ज्यादा भींगता नहीं है, लेकिन जब वह रात को गहरी नींद में होते हैं, तब:
लोकल स्वेटिंग: शरीर के सिर्फ एक क्षेत्र में पसीना होना। यह सिर्फ खोपड़ी या पूरा सिर, चेहरा और गर्दन हो सकता है। आप पा सकते हैं कि आपके बच्चे का तकिया भीग रहा है जबकि उसका बिस्तर सूखा है। अगर नॉर्मल पसीना आ रहा है तो आप बेबी बैम्बू वाटर वाइप्स से पसीने को पोंछ दे ताकि बच्चा आराम से सो सके।
जेनरल स्वेटिंग: इससे पूरे शरीर पर बहुत पसीना आता है। आपके बच्चे की चादरें और तकिए पसीने से भीगे हुए हैं और उनके कपड़े भीगे हुए हैं, लेकिन उन्होंने बिस्तर गीला नहीं किया है। अगर बच्चे को ऐसा होता है तो तुरन्त कपड़े बदल दे।
गर्म कमरा : पसीना आना वैसे तो नॉर्मल होता है। अगर बच्चा जिस कमरे में सो रहा वह गरम हो गया है या बच्चे को बहुत ज्यादा कपड़े से रैप किया गया है तब जाहिर है बच्चे को पसीना आ सकता है।
सर्दी-जुकाम होना: कभी-कभी सर्दी -जुकाम होने के कारण रात को बच्चे को नींद में पसीना आ जाता है क्योंकि शरीर वाइरल इंफेक्शन से लड़ रहा होता है।
नाक, गला और फेफड़ों में समस्या: बच्चों में रात को पसीना आना अन्य सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों से भी जुड़ा हो सकता है। ये सबसे अधिक नाक, गले और फेफड़ों से संबंधित हैं यानि श्वास प्रणाली से जुड़ा होता है। लेकिन कुछ अध्ययनों में पाया गया कि जिन बच्चों को रात में पसीना आता है, उनमें हेल्थ कंडिशन होने की संभावना अधिक होती है, जैसे:
बुरे सपने के कारण डर– नाइट टेरर का अनुभव करने वाले बच्चों को बहुत पसीना आता है, लेकिन वे बिस्तर में इधर-उधर भी घूमते हैं और चिल्ला भी सकते हैं। अन्य लक्षण में सीधे बैठ जाते हैं, परेशान रहते हैं, या भारी सांस लेने लगते हैं। यदि आपके बच्चे में ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उनके रात के पसीने का कारण रात्रि भय हो सकता है।
इडियोपैथिक हाइपरहाइड्रोसिस (Idiopathic hyperhidrosis)- इसको इडियोपैथिक नाइट स्वेट भी कहा जाता है। इसका कारण अभी तक पता नहीं चला है। लेकिन इसका कोई स्पष्ट कारण न होने पर भी बच्चों और वयस्कों को अत्यधिक पसीना आता है। आमतौर पर, हाइपरहाइड्रोसिस के कारण चेहरे, पैरों और हाथों में अत्यधिक पसीना आता है।
ल्यूकेमिया या कैंसर- रात के पसीने के सबसे गंभीर कारणों में से एक ल्यूकेमिया या अन्य कुछ प्रकार के कैंसर हैं। इस हालत में बच्चे पसीने से भींग जाने के कारण उठ जाते हैं लेकिन तब भी उन्हें गर्मी लगती है।
आनुवांशिकता: कभी-कभी बच्चे को पसीना आना, इसके पीछे का कारण फैमिली हिस्ट्री होता है। आपके बच्चे में वही स्वस्थ जीन हो सकते हैं, जिनमें पसीने की ग्रंथियाँ ज्यादा काम करती हैं।
अब तक के चर्चा से आप समझ ही गए होंगे कि रात को बच्चे को पसीना आना कोई समस्या तभी बनता है, जब वह बार-बार और अत्यधिक मात्रा में होने लगता है।आम तौर पर रात को पसीना आना सामान्य होता है और कई बार इसका कोई खास कारण नहीं होता है। हाँ, यदि आप देख रहे हैं कि रात में बच्चे का पसीना आना कुछ बीमारियों का संकेत लग रहा है तो आप अपने बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
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