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गर्भावस्था के दौरान उल्टी – गर्भावस्था का एक निश्चित संकेत

गर्भावस्था के दौरान उल्टी – गर्भावस्था का एक निश्चित संकेत

15 Apr 2019 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

गर्भावस्था में उल्टी होना महिलाओं के लिए आम है। धीरे-धीरे महिलाएं इसे संभालना सीख जाती हैं। लेकिन कुछ महिलाओं में उल्टी के समय ऐसे लक्षण दिखते हैं, जिनके चलते दिक्कत और बढ़ जाती है। जी हां, उल्टी के साथ ही सिर-चकराना, सिरदर्द ये सब उल्टियों के साथ ही लगा रहता है। 

कभी-कभी तो गर्भावस्था में इतनी ज्यादा उल्टियां होती हैं कि महिला को अस्पताल में तक भर्ती करना पड़ता है। इसलिए, प्रेगनेंसी में उल्टी कब तक होती है, यह जानना जरूरी है। इसी बारे में आपको जागरूक करने के लिए  हम गर्भावस्था के इस निश्चित संकेत से जुड़ी जरूरी जानकारी लेकर आए हैं।

क्‍या प्रेगनेंसी में उल्‍टी होना नॉर्मल है

हां, प्रेगनेंसी में उल्टी होना सामान्य है। करीब 70 से 80 प्रतिशत महिलाओं को प्रेग्नेंसी में उल्टी होती है। कुछ महिलाओं को इतनी गंभीर उल्टी का अनुभव होता है कि इसे उपचार की आवश्यकता होती है। कभी-कभी, अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ता। इस स्थिति को हाइपरमेसिस ग्रेविडरम ( Hyperemesis Gravidarum in Hindi) कहा जाता है। आगे जानते हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी कब होती है (Pregnancy me Ulti Kab Hoti Hai)।

प्रेगनेंसी में उल्टी कब से शुरू होती है 

गर्भावस्था में उल्टी पहली तिमाही में शुरू हो जाती है। स्पष्ट तौर पर कहें, तो गर्भावस्था के चौथे सप्ताह से उल्टी होती है। आमतौर पर उल्टी गर्भावस्था के तीसरे से चौथे महीने तक चरम पर रहती है। फिर 20वें हफ्ते यानी करीब पांचवें महीने तक ठीक होने लगती है। हालांकि, करीब 10 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था के सभी 9 महीनों में उल्टी होती है। प्रेगनेंसी में उल्टी कब होती है (Pregnancy me Ulti Kab Hoti Haii) और कबतक होती है, यह जानने के बाद आगे इसके कारण समझिए।

प्रेगनेंसी में उल्‍टी क्‍यों आती है

गर्भधारण करने के बाद शरीर में होने वाला हार्मोनल परिवर्तन गर्भावस्था में उल्टी का मुख्य कारण माना जाता है।

  • गर्भावस्था में उल्टी का कारण एस्ट्रोजन हार्मोन का बढ़ना है।
  • गर्भावस्था के समय तनाव लेने से मॉर्निंग सिकनेस हो सकती है, जिसमें उल्टी के साथ जी-मिचलाता है।
  • अनुवांशिक कारण यानी अगर गर्भवती के परिवार में किसी को अपनी प्रेग्नेंसी के समय ज्यादा उल्टियां हुई हों या हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की समस्या रही हो, तो भी यह परेशानी होना का जोखिम अधिक रहता है।
  • प्रेग्नेंसी में पाचन शक्ति कम होने से अधिक फैट युक्त खाद्य पदार्थ नहीं पच पाते। ये भी गर्भावस्था में उल्टी का कारण बन सकता है। 

रिसर्च से पता चलता है कि गर्भावस्था में मतली और उल्टी की दर इन महिलाओं में अधिक है –

  • कम उम्र में गर्भावस्था
  • जुड़वां या दो से अधिक बच्चे गर्भ में होना 
  • पहली बार गर्भवती (प्रीमीग्रेविडा) होना
  • माताओं में मतली और उल्टी के पारिवारिक इतिहास के साथ
गर्भावस्था में उल्टी रोकने के तरीके
प्रेगनेंसी में उल्टी रोकने के लिए हेल्दी ड्रिंक / स्रोत – पिक्सल्स

प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर क्या करें

गर्भावस्था में उल्टी की समस्या दिन में किसी भी समय हो सकती है। उल्टी की समस्या नियंत्रित करने के लिए आप कुछ ऐसे कदम उठा सकती हैं – 

  • हल्का ब्रश कर लें।
  • नींबू पानी का सेवन करें।
  • ताजे और मौसमी फल लें। 
  • फाइबर की मात्रा आहार में बढ़ाएं।
  • तरल पदार्थों की शरीर में कमी न होने दें।
  • अदरक पानी या अदरक की चाय पिएं।
  • समय-समय पर कुल्ला करती रहें।
  • ताजी हवा में सांस लें और घर की खिड़कियां भी खुली रखें।
  • पनीर और बिन्स जैसे प्रोटीन युक्त आहार को डाइट में जगह दें
  • हाई काब्रोहाइड्रेट युक्त आहार लें। उदाहरण के रूप में दाल, बाउन ब्रेड, आदि

प्रेगनेंसी में उल्‍टी रोकने के घरेलू उपाय 

प्रेगनेंसी में उल्टी रोकने के उपाय (pregnancy me ulti rokne ke upay) करना चाहती हैं, तो नीचे दी गई बातों पर गौर करें।

  • एक साथ बहुत ज्यादा खाने से उल्टी हो सकती है, इसलिए एक समय में थोड़ा ही खाएं 
  • सुबह उठते ही बिस्कुट खा लें। यह कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है, इसलिए उल्टी से राहत दिला सकता है।
  • मजबूत महक वाले खाद्य पदार्थों और मजबूत गंध से बचें
  • लंबे समय तक खाली पेट न रहें। डेढ़-दो घंटे के अंतराल में कुछ पौष्टिक खाती रहें।
  • भोजन करते ही ना लेटें। इससे पाचन शक्ति कमजोर होती है और जी-मिचला सकता है।
  • हर बार खाना खाने के कुछ अंतराल में दांतों पर हल्का ब्रश करें।
  • भोजन करने के बाद नींबू पर हल्का नमक छिड़ककर चाटने से राहत मिलेगी।
  • कम तेल और मसाले में बना खाना खाएं।

गर्भावस्था में उल्टी के जोखिम

गर्भावस्था के दौरान हल्की उल्टी होने से माँ और बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई खतरा नहीं होता। हां, गर्भावस्था के दौरान दिन में तीन से चार बार उल्टी यानी हाइपरमेसिस ग्रेविडरम ( Hyperemesis Gravidarum in Hindi) होने से भोजन नली में घाव हो सकता है। इसके कारण उल्टी में हल्का खून नजर आता है।

समय पर हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum in Hindi) का उपचार डॉक्टर से करवाएं। अन्यथा इससे गर्भवती महिला में निर्जलीकरण और वजन कम हो सकता है।

प्रेगनेंसी में उल्टी कब होती है (Pregnancy me ulti kab hoti h) आप समझ ही गई होंगी। उल्टी शुरू होने का समय अधिकतर महिलाओं में एक जैसा ही होता है, लेकिन प्रेगनेंसी में उल्टी कब तक होती है, यह कहना मुश्किल है। यह समय हर महिला में भिन्न हो सकता है। ऐसे में आप उल्टी  रोकने के उपाय (pregnancy me ulti rokne ke upay), इसलिए ज्यादा घबराएं नहीं। हां, अगर ज्यादा उल्टियां होने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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