13 Nov 2019 | 1 min Read
सुमन सारस्वत
Author | 60 Articles
नवजात शिशु की देखभाल में मालिश करना भी शामिल है। अपने यहां बरसों से बच्चे की मालिश की जाती है। घर की बुजुर्ग औरतें बड़े शौक से बच्चे की मालिश करती हैं। इसके लिए वे खुद अपने हाथों से नवजात शिशु के लिए उबटन बनाती हैं और बच्चे को लगाती हैं। उत्तर भारत में हर बच्चे की मालिश सरसों के बुकवा (उबटन) से की जाती है शिशु की मॉडर्न मां चाहे कितनी ही नाक-भौं सिकोड़े। गांव-कस्बों में आज भी जच्चा-बच्चा की मालिश सरसों के बुकवा (उबटन) से करने का रिवाज है। यही नहीं इसके लिए निपुण मालिश वाली को बुलाया जाता है जो कम-से-कम सवा महीने जच्चा-बच्चा की मालिश और स्नान कराती है और बदले में मोटा नेग वसूलती है। घरवाले भी जिसे देने में कभी आना-कानी नहीं करते हैं।
बेबीचक्रा के इस लेख में आइए देखते हैं कि सरसों का उबटन और दूसरे उबटन बनाने की विधि और उनके फायदे-
छवि स्त्रोत: freepik.com
सरसों को बीन कर-धोकर धूप में सुखा लिया जाता है। फिर इसे कड़ाही में अच्छी तरह भूना जाता है। ठंडा होने पर इसे सिल पर पीसा जाता है। आजकल सिल-बट्टा हर घर में नहीं होता तो मिक्सर में पीसा जाता है। बच्चे को लगाने से पहले इसे हल्का सा गरम कर लिया जाता है। अगर ठोड़ा पतला करना हो तो इसमें अपनी इच्छानुसार पहले से गरम करके ठंडा किया हुआ सरसों, तिल या नारियल का तेल भी डाला जा सकता है।
आटे को छानने के बाद जो चोकर बचता है उसमें मलाई और हल्दी डालकर उबटन बनाया जाता है। जिन बच्चों को सरसों का उबटन नहीं लगा सकते उन्हें इससे काम चलाया जाता है। यह त्वचा के अतिरिक्त रोएं निकालता है।
बेसन को छानकर उसमें मलाई वाला दूध, हल्दी मिलाकर बनाया जाता है। बड़े होने पर कुछ बच्चे सरसों का उबटन पसंद नहीं करते तो उन्हें बेसन का उबटन लगाया जाता है। इच्छानुसार इसमें गुलाबजल भी डाला जा सकता है।
मेथी के दानों को भून कर पीस लिया जाता है। इसमें थोड़ा दूध और नारियल तेल डालकर पेस्ट बना लिया जाता है। यह उन बच्चों को लगाया जाता है जिनके शरीर पर अतिरिक्त बाल होते हैं।
उबटन से मालिश करना सदियों से चला आ रहा है। इससे कोई नुकसान नहीं होता जब तक कि बच्चे को स्किन एलर्जी या कोई बीमारी न हो। फिर भी बच्चे को एक बार एलर्जी टेस्ट करके देख लेना चाहिए। अगर बच्चे को कोई एलर्जी नहीं दिखाई देती है तो उसे उबटन से मालिश की जा सकती है।
तो इस लेख में आपने जाना कि नवजात शिशु के लिए उबटन कितना फायदेमंद हो सकता है। उबटन बनाने की विधि और उबटन के फायदे भी आप लेख में सरल तरीके से जान चुके हैं, उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। उबटन और मालिश के पारम्परिक तरीकों को शिशु पर तभी आजमाएं, जब उनको स्किन से जुड़ी कोई समस्या न हो। शिशु को प्रशिक्षित व्यक्ति ही मालिश दे तो अच्छा रहता है क्योंकि वो नाजुक होते हैं। ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी के लिए हमारे दूसरे आर्टिकल भी पढ़े।
Related Articles :
बच्चों को ड्रैगन फ्रूट दे या नहीं ? – बच्चे फलों के शौकीन होते हैं लेकिन यह जानना जरूरी है कि कौन से फल उनके लिए लाभदायक है और उन्हें खाने में क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
बच्चे की दूध की बोतल छुड़ाना क्यों जरूरी है जानिए – दूध की बोतल जीवाणुओं के लिए अड्डा बन सकती है, जानिए कैसे पाएँ प्लास्टिक की आफत से छुटकारा।
बच्चे का दिमाग तेज कर देंगें ये टिप्स – सभी यह चाहते हैं कि उनका बच्चा कुशाग्र बुद्धि का हो लेकिन सभी ख़ास प्रयास नहीं करते। बच्चों को तेज बनाने के लिए क्या जरूरी है इसकी जानकारी हर माता-पिता को होनी चाहिए।
बैनर इमेज: exportersindia
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.