वायरल बुखार में बच्चे को क्या खिलाएं?

वायरल बुखार में बच्चे को क्या खिलाएं?

15 Jul 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

मौसम के बदलते ही वायरल फीवर (Viral fever) होने लग जाता है। बच्चों को संक्रामक बुखार होते ही डॉक्टर को दिखाने के साथ ही उसकी डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए। बच्चे की इम्यूनिटी वैसे ही कमजोर होती है और जब वायरल फीवर हो जाता है, तो बच्चा और कमजोर हो जाता है। इसी वजह से बुखार वाले बच्चे को क्या खिलाएं (Bache ko bukhar me kya khilaye), यह समझना चाहिए।

जी हां, इस समय बच्चे का आहार ऐसा होना चाहिए, जो संक्रमण से लड़ सके। ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्श के बारे में हम आगे बता रहे हैं, जो वायरल फीवर होने पर बच्चे को देना अच्छा है।

वायरल फीवर क्या है? | What is Viral Fever in Hindi?

वायरस के कारण होने वाले संक्रमण (infection) के कारण जब शरीर का ताप बढ़ता है, तो उसे वायरल फीवर कहा जाता है। बुखार इस बात का संकेत होता है कि शरीर किसी बीमारी व संक्रमण से लड़ रहा है। यह संक्रामक बुखार बच्चों को आसानी से अपनी चपेट में ले लेता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। संक्रामक होने के कारण यह आसानी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलता है। 

वायरल फीवर के लक्षण | Symptoms of Viral Fever in Hindi

वायरल फीवर होने पर बच्चों में यह लक्षण नजर आ सकते हैं। इन्हें ध्यान में रखकर आप सही कदम उठा स

  • अचानक बुखार आना
  • आंखों में जलन होना
  • उल्टी व जी मिचलाना
  • सिर में दर्द होना
  • शरीर में दर्द
  • ठंड लगना
  • गले में दर्द
  • नाक बहना
  • थकावट 
  • कमजोरी

अब आगे बढ़ते हुए जानते हैं कि बुखार वाले बच्चे को क्या खिलाएं (Bache Ko Bukhar Me Kya Khilaye)।

बच्चों को वायरल फीवर होने पर क्या खिलाएं? | What to Feed Child during Viral Fever in Hindi?

वायरल फीवर होने पर कुछ बच्चे खान-पान कम कर देते हैं, तो कुछ बिल्कुल खाना छोड़ देते हैं। लेकिन, ऐसा बिल्कुल सही नहीं है। ऐसा करने से बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता और कमजोर पड़ने लगती है। इसी वजह से वायरल फीवर में क्या खाएं व बच्चे को क्या खिलाएं (Bache Ko Bukhar Me Kya Khilaye), यह जानकर उसकी डाइट पर ध्यान देना जरूरी है। आप 8 माह से ऊपर के बच्चों को ये खाद्य पदार्थ खिला सकते हैं। चलिए, जानते हैं बुखार वाले बच्चे को क्या खिलाएं – 

खिचड़ी – Khichdi

बुखार में बच्चे को खिचड़ी खिलाएं। बच्चे अक्सर खिचड़ी का नाम सुनते ही मुंह बनाने लगते हैं, लेकिन उन्हें बहला-फुसला कर कुछ चम्मच खिचड़ी जरूर खिलाएं। मगर ज्यादा खिलाने के लिए जबरदस्ती बिल्कुल न करें। खिचड़ी में प्रोटीन और ऊर्जा भरपूर होते हैं, जो वायरल फीवर के समय शरीर के लिए अच्छा होता है। इस खिचड़ी में ज्यादा मिर्च-मसाले डालने से बचें। 

ओटमील या दलिया – Oatmeal or Daliya

बुखार वाले बच्चे को क्या खिलाएं (Bache ko bukhar me kya khilaye) सोच रहे हैं, तो ओटमील या दलिया अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर बच्चा छोटा है, तो बुखार में थोड़ा पतला दलिया व ओटमील खिलाएं। इसमें इम्यून बूस्टिंग प्रभाव, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये सभी वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही वायरल फीवर के कारण होने वाली कमजोरी और थकावट को दूर करने में भी ये मदद कर सकते हैं।

संतरे का जूस – Orange Juice

वायरल फीवर होने पर बच्चे को विटामिन-सी युक्त जूस दें। इसके लिए आप बच्चे को संतरे का जूस या मौसम्बी का जूस दे सकते हैं। यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाकर वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति को बेहतर कर सकता है। 

बच्चे को आप पैकेट वाला या बासी जूस न दें। जूस निकालने के आधे घंटे के अंदर पी लेना चाहिए। अगर बच्चा एक साल से छोटा है, तो उसे जूस न दें या उसमें थोड़ा पानी मिलाकर दें।

वायरल बुखार वाले बच्चे को क्या खिलाएं | Bache Ko Bukhar Me Kya Khilaye
वायरल बुखार वाले बच्चे को क्या खिलाएं | Bache Ko Bukhar Me Kya Khilaye

गर्म सूप – Hot Soup

वायरल फीवर के लक्षण जैसे कि बंद नाक, गले में दर्द, नाक बहना, कमजोरी, थकावट से गर्म सूप पीते ही राहत मिल सकती है। अगर बच्चे को ठंड या कंपकंपी जैसा महसूस हो रहा है, तो इससे भी गर्म सूप राहत दिला सकता है। यह आसानी से पच भी जाता है और इससे पेट पर किसी तरह का अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ता।

प्यूरी – Puree

आप बच्चे की पसंद की सब्जियों या फलों की प्यूरी तैयार करके बुखार में दें। प्यूरी और सूप में अंतर नहीं पता, तो बता दें कि प्यूरी थोड़ी होती है और सूप पतला होता है।

माँ का दूध – Breast Milk

बच्चा छोटा है, तो उसे दूध पिलाती रहें। यह मत सोचें कि बच्चे को वायरल फीवर है, तो दूध कैसे पिलाऊं। दूध में संक्रमण से लड़ने वाली एंटीबॉडीज होती हैं। अगर आप बच्चे को फॉर्मूला मिल्क पिलाती हैं, तो उसे पिलाना बंद न करें। इससे बच्चा हाइड्रेट भी रहेगा और वायरल फीवर के समय बच्चे को हाइड्रेट रखना आवश्यक है।

दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट – Yogurt and Other Diary Products

वायरल फीवर के लक्षण में अगर बंद गले की दिक्कत बच्चे को नहीं है, तो आप उसे दही या अन्य डेयरी उत्पाद भी खिला सकती हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है और इस समय शरीर को ताकत बनाने के लिए प्रोटीन चाहिए होता है।

विटामिन बी-6 युक्त आहार

विटामिन बी-6, एक शक्तिशाली इम्यून बूस्टर है। इसलिए, अगर बच्चा एक साल से छोटा है, तो उसे आलू मैश करके और पालक का जूस बनाकर पिलाएं। बच्चा बड़ा है और अच्छे से खाना खाता है, तो उसे आप बीन्स, साबुत अनाज खिला सकते हैं।

अदरक अजवाइन का पानी

एक बर्तन में पानी गर्म करके उसमें घर का बना अदरक का पेस्ट और अजवाइन के दाने डालें। जब पानी अच्छे से उबल जाए, तो उसे छानकर गुनगुना पानी बच्चे को पिलाएं। इससे बीमारी से लड़ने की ताकत बच्चे को मिलेगी। इन दोनों में ही एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं।

सारांश – Conclusion

बुखार वाले बच्चे को क्या खिलाएं (Bache ko bukhar me kya khilaye), सवाल जब भी मन में आए, तो यह लेख पढ़ सकते हैं। यहां हमने बताया है कि वायरल फीवर होने पर बच्चे को आप विटामिन-बी और विटामिन सी युक्त आहार दे सकते हैं। इसके साथ ही सूप, प्यूरी, दलिया भी बुखार आने को बच्चे को खिला सकते हैं। 

अगर इनमें से बच्चे को कुछ पसंद न आए, तो आप उसे आटे से बना ब्रेड दूध में भिगोकर दे सकते हैं। ड्राई फ्रूट्स खिला सकती हैं या फिर ड्राई फ्रूट्स को पीसकर उसे दूध में पकाकर दे सकते हैं।

चित्र स्रोत – pexels

संबंधित लेख :

डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का कम होना, जानिए प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे
रहस्मयी बुखार जानिए बच्चों में क्या है इसके लक्षण और कैसे बचें इससे
क्या बुखार में शिशु को स्‍तनपान करवाना सुरक्षित है? जानिए क्या कहती हैं एक्सपर्ट
जब आपके बच्चे को सर्दी, खांसी, बुखार या दस्त हो तो क्या खिलाएं?
बच्चे को वायरल फीवर से कैसे बचाएं?

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.