31 Oct 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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बच्चों में इम्पेटिगो अत्यंत संक्रामक और आम स्किन इंफेक्शन की बीमारी है। यह आमतौर पर चेहरे पर लाल रंग के घावों के रूप में दिखाई देता है, खासकर नाक और मुंह के आसपास और हाथों और पैरों पर। लगभग एक सप्ताह में, घाव फट जाते हैं और शहद के रंग की पपड़ी बन जाती है।
अगर बच्चे की त्वचा पर कहीं कट या खरोंच हो या किसी कीड़े ने काटा हो, एक्जिमा हो तो जर्म त्वचा के अंदर घुसने का रास्ता बना लेता है। एक बार बैक्टीरिया त्वचा के अंदर घुस जाता है तो त्वचा पर छोटे-छोटे फफोले बनने लगते हैं। ये फफोले फट जाते हैं और तरल पदार्थ रिसते हैं जो ऊपर की ओर खिसक जाते हैं, ऐसी स्थिति को बच्चों में इम्पेटिगो कहा जाता है। एंटीबायोटिक दवाओं के उपचार से इम्पेटिगो के त्वचा पर फैलने की गति को रोका जा सकता है।
स्टेफिलोकोसी जीव (staphylococci organisms) नाम के बैक्टीरिया के कारण इम्पेटिगो होता है। असल में सभी की त्वचा और नाक में बैक्टीरिया रहते हैं, लेकिन ज्यादातर समय वे किसी परेशानी का कारण नहीं बनते हैं। दो प्रकार के बैक्टीरिया इम्पेटिगो का कारण बनते हैं: ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस (Streptococcus) और स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus)। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन-सा बैक्टीरिया किसको उत्तेजित करता है -पर उपचार लगभग समान होता है।
जब बच्चे का कपड़ा, बिस्तर, खिलौना, तौलिया या वह खुद संक्रमित के संपर्क में आता है तो इम्पेटिगो से इंफेक्टेड हो जाता है।
इम्पेटिगो का मुख्य लक्षण लाल रंग के घाव हैं, जो अक्सर नाक और मुंह के आसपास होते हैं। घाव जल्दी से फट जाते हैं, कुछ दिनों के लिए रिसते हैं और फिर शहद के रंग की पपड़ी बनाते हैं। स्पर्श, कपड़े और तौलिये के माध्यम से घाव शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकते हैं। इस अवस्था में सिर्फ जलन और सूजन होती है। इम्पेटिगो के घाव पहले छोटे होते हैं, फिर फटकर बड़े हो जाते हैं और पपड़ीदार बन जाते हैं।
बुलस इम्पेटिगो, इंपेटिगो का एक कंडिशन है, जिसमें शिशु और छोटे बच्चों के ट्रंक (सर और पैर के बीच का अंग) में बड़े-बड़े फफोले होते हैं। एक्टिवा इम्पेटिगो, इम्पेटिगो का गंभीर रूप है जिसमें घाव में द्रव या मवाद भर जाता है।
इम्पेटिगो में खुजली हो सकती है, लेकिन कोशिश करें कि बच्चे घावों को न खरोंचें या न ही स्पर्श करें। उसको छूने से शरीर के अन्य हिस्सों में या किसी और में घाव फैल सकते हैं। इसलिए अगर बच्चे इसको छूते हैं, तो तुरंत उनका हाथ धुलवा दें।
पैरेंट्स घाव में मरहम लगाने में मदद कर सकते हैं। घाव को पैरेंट्स की मदद से माइल्ड साबुन से धोना चाहिए। यदि घाव बहुत पपड़ीदार है, तो पपड़ी को ढीला करने के लिए इसे गर्म, साबुन के पानी में भिगो सकते हैं। बच्चे को हमेशा साफ रखने के लिए कहें।
जैसा कि आप जानते ही है यह संक्रामक रोग है। इसलिए बच्चे में इंपेटिगो होने पर उसको स्कूल न भेजे जब तक कि दवा न ले लें। दवा लेने के तीन दिन के बाद ये घाव धीरे-धीरे ठीक होने लगता है।
यदि परिवार में किसी को या किसी मित्र को इम्पेटिगो हुआ हो, तो उस व्यक्ति की त्वचा को न छुएं। उसके कपड़े, तौलिये, चादर और तकिए से भी दूर रहना चाहिए। इंपेटिगो पैदा करने वाले बैक्टीरिया इन सब चीजों पर जिंदा रह सकते हैं। पैरेंट्स को बच्चों को इम्पेटिगो से बचाने के लिए इन वस्तुओं को कड़क गर्म पानी से धोना चाहिए।
यहाँ कुछ अच्छी आदतें बताईं गईं है, जो आपके बच्चे को इम्पेटिगो से बचने में मदद कर सकती हैं:
अब तक तो आप समझ ही गए होंगे में बच्चों मे इम्पेटिगो होने पर क्या करना चाहिए और किन बातों का पालन करने पर इम्पेटिगो जैसी बीमारी से बच्चे को दूर रखा जा सकता है।
मूल चित्र स्रोत- गुगल
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