21 Apr 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
मार्केट में आपको हर तरह की चीजें आसानी से मिल सकती हैं। फिर चाहे वो घर सजाने की वस्तुएं हो या रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स। इतना ही नहीं, आजकल मार्केट में छोटे बच्चों के लिए रेडीमेड फूड भी मिलने लगे हैं, जिनके आकर्षक प्रचार ने लगभग अधिकांश पेरेंट्स का ध्यान भी आर्कषित कर लिया होगा।
ऐसे में सवाल यह है कि क्या बच्चों के लिए रेडीमेड फूड का सेवन सुरक्षित है या क्या छोटी उम्र में बच्चों को बाहर की चीजें खिलाना उनकी सेहत के लिए लाभकारी हो सकती है? इसी के बारे में विस्तार से जानकारी पढ़ने के लिए यह लेख पढ़ें। यहां बच्चों के लिए रेडीमेड खाने से जुड़ी जानकारी दी गई है।
नहीं, बच्चों के लिए रेडीमेड फूड नुकसानदायक हो सकती हैं। दरअसल, बाजार में उपलब्ध विभिन्न रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स में तरह-तरह के आर्टिफिशियल टेस्ट, कलर व सुगंध मिलाए जाते हैं, जिनकी वजह से ये बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
इसके अलावा, रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स में अत्यधिक मात्रा में चीनी व नमक के साथ ही सोडे की भी मात्रा मौजूद हो सकती है, जिस वजह से रेडीमेट फूड से बच्चों में मोटापा व अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के जोखिम भी अधिक हो सकते हैं।
हालांकि, बाजार में ऐसे भी ब्रांड उपलब्ध हैं, जिनका दावा होता है कि उनके रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स में किसी तरह के आर्टिफिशियल केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है और वे पूरी तरह से ऑर्गेनिक होते हैं। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए आर्गेनिक तरीके से तैयार किए गए रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स का चुनाव कर सकते हैं।
सबसे पहले, इस बात का ध्यान रखें कि छह माह की उम्र तक के शिशु को आहार के रूप में सिर्फ माँ का स्तनपान ही कराना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें ठोस खाद्य जैसे – उबले व मैश किए हुए सब्जी, फल, अनाज, सूप व जूस का सेवन कराया जा सकता है।
ऐसे में जब भी शिशु को सॉलिड फूड खिलाना शुरू करें, तो उसके आहार में ऑर्गेनिक रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स को भी शामिल किया जा सकता है। पर इस बात का ध्यान जरूर रखें कि अगर बच्चे को किसी फूड से एलर्जी की समस्या है, तो उसे उस खाद्य से बना ऑर्गेनिक रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स न खिलाएं।
इस भाग में हम आपको बच्चों के लिए रेडीमेड फूड के क्या दुष्प्रभाव (Readymade Food Side Effects on Child Health in Hindi)हो सकते हैं, इसकी जानकारी दे रहे हैं। अगर यहां बताए गए बच्चों के लिए किसी भी रेडीमेड फूड का सेवन पेरेंट्स करते हैं, तो उसके सेवन से जुड़ी जानकारी के लिए उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और उनके निर्देशों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
खाने को लेकर बच्चों के कई नखरे होते हैं। छोटे बच्चों को शायद ही कोई सब्जी जल्दी पसंद आती होगी। ऐसे में मार्केट में बच्चों के लिए रेडीमेट नाश्ते से लेकर, लंच और रेडीमेट स्नैक्स व डिनर के भी कई विकल्प आसानी से मिल सकते हैं। इन्हीं में एक नाम है चॉकलेट से बने रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स।
बता दें, बच्चों के लिए चॉकलेट से बने रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स में कैफीन के साथ ही, आर्टिफिशियल चीनी का भी इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है। इस वजह से भविष्य में रेडीमेट फूड से बच्चों में मोटापा होने का जोखिम भी अधिक हो सकता है। ऐसे में अगर पेरेंट्स बच्चे के लिए किसी तरह के मीठे या चॉकलेटी रेडीमेट फूड प्रोडक्ट्स को शामिल करना चाहते हैं, तो उसकी गुणवत्ता व उसमें मिले इंडीग्रेंट्स और उनकी मात्रा की जांच अवश्य करें।
अत्यधिक मात्रा में सोडियम यानी नमक के सेवन से बच्चों में उच्च रक्तचाप, हृदयघात और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं, मार्केट में स्नैक्स, जंक व फास्ट फूड के रूप में मिलने वाले रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स जैसे – पिच्चा, चिप्स, नमकीन, बर्गर आदि में नमक की मात्रा सबसे अधिक पाई जा सकती है।
ऐसे में अगर बच्चों को बाहर की चीजें अधिक खाने के लिए दी जाए, तो उन्हें मोटापे के साथ ही, हृदय संबंधी बीमारियों के होने का जोखिम भी अधिक हो सकता है।
मार्केट में छोटे बच्चों के लिए कई तरह के रेडीमेड दूध उपलब्ध हैं, जिनमें डिब्बा बंद गाय, भैंस, बकरी आदि जानवरों के दूध उपलब्ध हैं। इसके अलावा, बाजार में मिल्क पाउडर भी उपलब्ध है, जो अधिकांश पेरेंट्स का पसंदीदा भी हो सकता है।
बता दें कि इस तरह के डिब्बा बंद दूध या मिल्क पाउडर में आर्टिफिशियल शुगर हो सकता है। इसके अलावा, इस तरह के दूध में लैक्टोज व पोषक तत्वों की मात्रा भी न के बराबर हो सकती है। ऐसे में इस तरह के दूध के सेवन से सिर्फ बच्चे की भूख मिट सकती है, लेकिन उसके शरीर को पोषण नहीं मिलेगा। इसके अलावा, इनमें मौजूद शुगर की अधिकता बच्चे में मोटापे के साथ ही, अपच व मधुमेह का जोखिम भी बढ़ा सकता है।
उम्मीद है कि बच्चों के लिए रेडीमेड फूड से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए कारगर साबित होगी। इस लेख में दी गई जानकारी के अनुसार व डॉक्टर की उचित सलाह के अनुसार ही, बच्चों को बाहर की चीजें खाने के लिए दें। साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि अगर बच्चा महीने में एक बार या सप्ताह में एक बार रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स खाने की इच्छा जाहिर करता हो, तो उसकी इस इच्छा को पूरी कर सकते हैं। बस बच्चे के दैनिक आहार में इन्हें शामिल न करें।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.