10 Mar 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ मूवी में भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया दोनों ही नजर आने वाले हैं। इसी संदर्भ में मशहुर कॉमेडियन भारती सिंह ने हाल ही में पिंकविला से बातचीत के दौरान अपनी प्रेगनेंसी के दिनों की याद करते हुए बताती है कि ‘खतरा खतरा’ शो की सूटिंग के दौरान वह जब स्टेज पर थी, तभी भारती सिंह बेबी बर्थ के लिए लेबर पेन शुरू हो गया था। उन्हें पेन से लगा कि शायद देर तक खड़ा रहने के कारण यह दर्द महसूस हो रहा है। उन्होंने तब डॉक्टर को फोन करके बताया कि उन्हें दर्द हो रहा है, लेकिन वह एक जैसा नहीं है, दर्द आ जा रहा है। डॉक्टर ने बताया कि यह लेबर पेन है।
ऐसा अक्सर होता है कि भारती सिंह की तरह पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को यह पता ही नहीं होता है कि लेबर पेन के संकेत क्या होते हैं। इसलिए उनको समझ में ही नहीं आता है कि यह लेबर का दर्द है या और किसी नई समस्या का संकेत है। चलिए, पहली बार जो महिलाएं माँ बनने वाली हैं और भारती सिंह बेबी के जन्म के समय जैसे लेबर पेन से अनजान थी, वैसे ही पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को परेशान न होना पड़े, इसलिए लेबर पेन के शुरूआती संकेतों के बारे में पहले से जानकारी दे देते हैं।
प्रेगनेंसी के अंतिम पलों में लेबर पेन के संकेत हर महिलाओं को एक जैसा महसूस हो, ऐसा जरूरी नहीं है। आगे हम जिन लक्षणों या संकेतों के बारे में बात करेंगे, वे कुछ इस प्रकार हैं। इनमें से हर किसी को कोई न कोई लक्षण महसूस हो सकता है या कोई भी लक्षण महसूस न हो, ऐसा भी हो सकता है।
सांस लेने में पहले से आसानी का अनुभव होना- जैसे-जैसे डिलीवरी का समय करीब आने लगता है, गर्भस्थ शिशु बर्थ कैनल के नीचे उतरने लगता है, इस प्रक्रिया को “एंगेजमेंट” कहा जाता है। इस प्रोसेस को “एंगेजमेंट” कहा जाता है। असल में इस दौरान बच्चे का वजन माँ के डायाफ्राम पर दबाव नहीं डाल रहा होता है, इससे होने वाली माँ को सांस लेने में आसानी होती है। हाँ, इसके जगह पर पेल्विक एरिया में ज्यादा दबाव का एहसास होता है।
वजाइनल डिस्चार्ज यानि सफेद पानी निकलना-बहुत महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान वजाइनल डिस्चार्ज (ल्यूकोरिया) होने लगता है। कभी-कभी इसकी मात्रा प्रसव से पहले के हफ्तों और दिनों में बढ़ जाती है क्योंकि बर्थ कैनल से बेबी को जन्म लेने के लिए वजाइना तैयार करना शुरू कर देता है। ल्यूकोरिया वजाइना की खुद को साफ करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वजन बढ़ने की गति धीमी हो जाती है– जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आने लगता है, बेबी अपने पूरे आकार में आ जाता है, इसलिए माँ के वजन बढ़ने की गति धीमी हो जाती है। इसके जगह पर माँ को अधिक सूजन का अनुभव होने लगता है।
बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत पड़ती है– डिलीवरी के समय करीब आने पर यह शरीर के बॉवेल को खाली करने का तरीका होता है, ताकि गर्भाशय अच्छी तरह से सिकुड़ सके। इसके अलावा लेबर के पहले बदहजमी और उल्टी ज्यादा होने लग सकता है।
क्रैम्पिंग और कॉन्ट्रैक्शन महसूस होना– डिलीवरी के समय नजदीक होने पर हल्का ऐंठन या ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन महसूस हो सकता है। इसके अलावा पेल्विक या रेक्टल एरिया में दबाव महसूस भी होता है।
इन सबके अलावा भारती सिंह बेबी बर्थ के समय की तरह यानि लेबर पेन शुरू होने के पहले थैली फटकर वाटर ब्रेक होना शुरू हो सकता है, या पीठ और कमर में असहनीय दर्द शुरू हो सकता है। यह सब लेबर पेन शुरू होने के संकेत होते हैं, जिससे समझ जाना चाहिए कि डिलीवरी का समय या लेबर पेन स्ट्राट का समय आ गया है।
एक्सपर्ट टिप्स– डिलीवरी के समय नजदीक आ जाने पर अपना मैटरनिटी बैग तैयार रखना चाहिए ताकि समय पर चीजों को ढूंढने की जरूरत न पड़े। इसमें माँ और बेबी को तुरंत लगने वाली चीजें रख लेनी चाहिए, जैसे कि कपड़े, डायपर, बेबी वाइप्स, क्रीम, साबुन, लोशन, जरूरी कागजात आदि।
न्यूबॉर्न बेबी के लिए लगने वाली एसेनशियल चीजें-
वाटर बेबी वाइप्स
नेचुरल फोमिंग हैंडवाश
मिनीज और वेपर पैच कॉम्बो
नेचुरल बेबी सोप
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