24 Jan 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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हमें पता है कि आप ब्रेस्ट में होने वाले डक्ट एक्टेसिया नाम के बीमारी से अनजान है। इसलिए हम आपको इस बीमारी के बारे में कुछ बातें शेयर करने जा रहे हैं। शायद आप यह सोच रहे होंगे कि इसके कारण भविष्य में कहीं कैंसर का सामना न करना पड़े तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस टेंशन को आप अपने दिमाग से बिल्कुल निकाल दें। ब्रेस्ट के इस कंडिशन में यह मिल्क डक्ट को प्रभावित करता है। जिन महिलाओं ने ब्रेस्टफीड करवाया है , स्मोक किया है या जो मेनोपॉज होने के करीब है, उनको डक्ट एक्टेसिया होने का खतरा रहता है।
ब्रेस्ट का डक्ट एक्टेसिया एक गैर-कैंसर वाली स्थिति है जिसके परिणामस्वरूप आपके निप्पल के आसपास की नलिकाएं बंद हो जाती हैं। इसको मैमरी डक्ट एक्टेसिया या पेरीडक्टल एक्टेसिया भी कहते है। हालांकि इस अवस्था में कभी-कभी स्तन में दर्द, जलन और नलिकाएं बंद होने के लक्षणों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसको लेकर इतनी चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।
डक्ट एक्टेसिया स्तन कैंसर का कारण नहीं बनता है, न ही यह इसे विकसित करने के जोखिम को बढ़ाता है। हालांकि, इससे संक्रमण हो सकता है। साधारणत: ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं और जो मेनोपॉज होने के करीब होती हैं (पीरियड्स लगातार 12 महीनों तक रुक गया है) उनको यह समस्या हो सकती है। यह अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है।
ब्रेस्ट के डक्ट एक्टेसिया के आम लक्षणों में शामिल है-
-निप्पल और एरिओला के आसपास लालिमा या सूजन के कारण कोमलता
– निप्पल का उल्टा हो जाना (निप्पल अंदर की ओर मुड़ने लगता है)
– निप्पल से डिस्चार्ज
-प्रभावित निप्पल में दर्द (यह लक्षण अन्य लक्षणों की तरह सामान्य नहीं है)
-संक्रमण या टिशूज एक जगह हो जाने के कारण निप्पल के पीछे गांठ जैसा बन जाना
डक्ट एक्टेसिया का बार-बार होने या इलाज नहीं करने पर फोड़ा बन सकता है । ब्रेस्ट में मवाद जमने के कारण, उसको निकालने की जरूरत होती है। अक्सर इन्हीं सब लक्षणों के कारण कैंसर होने का आभास लगता है, जो कि असल में होता नही है।
यह बीमारी उन महिलाओं मे होने का ज्यादा खतरा होता है, जिनका वजन ज्यादा होता है, ब्रेस्टफीड करवाया होता है और तो और मेनोपॉज में प्रवेश करने वाली है उनको डक्ट एक्टेसिया हो सकता है। यह कभी-कभी पुरुषों को भी होता है, लेकिन यह असामान्य है।
असल में उम्र के साथ मिल्क डक्ट यानि नलिकाएं छोटी और चौड़ी हो जाती हैं, और उनकी दीवारें मोटी हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप फ्लूइड बनने लगता है और उनके बंद होने की संभावना बढ़ जाती है। निप्पल का उल्टा होना ब्रेस्ट कैंसर होने के कारणों में शामिल होता और कभी-कभी डक्ट एक्टेसिया भी हो सकता है।
वैसे तो डक्ट एक्टेसिया बिना किसी उपचार के अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन जिस ब्रेस्ट में हुआ होता है, उस निप्पल को निचोड़ना नहीं चाहिए ताकि फ्लूइड का प्रोडक्शन न हो।
यदि डिस्चार्ज बंद नहीं होता है, तो आपका डॉक्टर सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं। डक्ट एक्टेसिया के कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है, अधिकांश अपने आप ठीक हो जाते हैं। इस बीच, कुछ चीजें हैं जो आप घर पर किसी भी परेशानी से राहत पाने के लिए कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
-नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स लेना, जैसे कि इबुप्रोफेन (एडविल)।
-प्रभावित निप्पल पर गर्म सिकाई करें।
– अगर निप्पल से डिस्चार्ज हो रहा है तो गंदा हाथ लगाने की गलती न करें। हाथ को हमेशा धोकर ही ब्रेस्ट या निप्पल को छूना चाहिए।
– वैसे ही निप्पल से डिस्चार्ज होने पर गंदा कपड़ा या हाथ से पोंछने की गलती न करें। इसके जगह पर बैंबू वाटर वाइप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
-इसके अलावा डिस्चार्ज को अवशोषित करने के लिए अपनी ब्रा के अंदर सॉफ्ट ब्रेस्ट पैड का उपयोग भी कर सकते हैं।
– जिस ओर का ब्रेस्ट प्रभावित है, उस ओर सोने की गलती न करें
जैसे कि पहली ही चर्चा किया गया है कि डक्ट एक्टासिया खुद ब खुद ठीक हो जाता है और दर्द आदि से राहत पाने के लिए घरेलू उपचार और सावधानियों का ख्याल रखना ही बेहतर होता है। यदि आप संक्रमण के किसी भी लक्षण को देखते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें ताकि आप फोड़ा जैसी किसी भी अन्य जटिलताओं से बच सकें। हां, अवस्था के आधार पर डॉक्टर सर्जरी की भी सलाह दे सकते हैं।
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