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ब्रेस्टफीड के बाद ब्रेस्ट का ढीलापन: 11 ब्रेस्ट को टाइट करने के ईजी टिप्स

ब्रेस्टफीड के बाद ब्रेस्ट का ढीलापन: 11 ब्रेस्ट को टाइट करने के ईजी टिप्स

18 Aug 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

यह तो आप जानती ही हैं कि माँ के रूप में आप हर असंभव काम को संभव कर डालती हैं। गर्भधारण की प्रक्रिया से नए जीवन को जन्म देना, अनमोल देन है। उसके बाद स्तनपान यानि ब्रेस्टफीडिंग के द्वारा शिशु का पालन-पोषण करना भी कम बड़ा दायित्व नहीं है। लेकिन इस दौरान समय के साथ शरीर पर अनेक प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं, जिसका एक रूप ब्रेस्ट का ढीलापन भी होता है।

समय के साथ शरीर पर जो भी प्रभाव पड़े, उनमें सबसे जरूरी बात यह होती है माँ बच्चे की देखरेख करने के साथ अपना भी ख्याल रखें।

क्या ब्रेस्टफीडिंग के कारण ब्रेस्ट का ढीलापन आम समस्या है।  Does breastfeeding leads to Sagging breast  in Hindi

वैसे ब्रेस्टफीडिंग की वजह से ब्रेस्ट में ढीलापन होता है, इस बात की सत्यता साबित तो नहीं की जा सकती। पर लोगों का मानना है कि प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट के आस-पास के ऊतकों में खिंचाव पड़ता है, अगर माँ बनने के बाद शिशु को ब्रेस्टफीड नहीं करवाया तो ब्रेस्ट का ढीलापन आने का कारण बन सकता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान जो एक्स्ट्रा वेट गेन होता है, वह डिलीवरी के बाद अचानक कम करने पर त्वचा में ढीलापन आ जाता है, जो लूज ब्रेस्ट (Sagging breast) का कारण बन जाता है।

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ब्रेस्टफीडिंग के बाद ब्रेस्ट का ढीलापन होना और शेप और साइज बिगड़ना l Shape and size of boobs after breastfeeding 

माँ बनने के बाद यह तो आपने देखा ही होगा कि ब्रेस्ट का आकार पहले की तुलना में बदल गया है। क्योंकि ब्रेस्टफीड करवाने के कारण ब्रेस्ट टीशू और मिल्क प्रोड्युसिंग ग्लैंड्स आकार में बड़े हो जाते हैं और फूल जाते हैं। लेकिन जैसे ही स्तनपान करवाना छोड़ देते हैं, वह आकार में छोटे तो हो जाते हैं लेकिन ब्रेस्ट लूज हो जाते हैं। 

ब्रेस्टफीडिंग के बाद लटकते ब्रेस्ट (Sagging breast) कैसे प्रेगनेंसी के पहले की तरह वापस अपने रूप में लौट जाएंगे, वह कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। फैक्टर्स में माँ का उम्र, गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ वजन, आनुवंशिकता, जीवनशैली, त्वचा का लचीलापन बहुत कुछ निर्भर करता है।

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ब्रेस्टफीडिंग के कारण ब्रेस्ट के निप्पल्स का साइज और कंडिशन। Shape and size of nipples after breastfeeding 

आपको पता ही होगा कि स्तनपान करवाने के कारण ब्रेस्ट के निप्पल्स के कंडिशन पर भी असर पड़ता है। प्रेगनेंसी के दौरान उच्च मात्रा में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण निप्पल्स के चारों ओर की त्वचा का रंग गाढ़ा हो जाता है। 

यहाँ तक शिशु को लगातार ब्रेस्टफीड करवाने से निप्पल्स में दर्द और सूजन की शिकायत भी होती है। पर समय के साथ निप्पल्स वापस पुराने शेप और साइज में आ जाते हैं कि नहीं, इस बात का कोई निश्चित प्रमाण नहीं मिलता है।

ब्रेस्ट का ढीलापन कम करने के टिप्स/चित्र स्रोत-फ्रीपिक

ब्रेस्ट को टाइट करने के ईजी टिप्स ।  Tips to overcome breast sagging after breastfeeding

वैसे तो अपने फिगर को लेकर टीनएजर हो या महिला सभी सचेत रहती हैं। इसलिए माँ बनने के बाद बढ़ा हुआ वजन, ब्रेस्ट का ढीलापन, झड़ते हुए बाल, ड्राई स्किन सब कुछ समस्याएं मिलकर उनकी खूबसूरती को थोड़ी फीकी कर देती है। लेकिन नो टेंशन, हर समस्या का हल होता है। ब्रेस्ट को टाइट करने की समस्या कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है, बस अपने जीवनशैली में थोड़े बदलाव लाने होंगे।

  • एक्सरसाइज या योगासन करना शुरू करें, लेकिन करने के पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें। वर्कआउट करने से ब्रेस्ट के नीचे के मसल्स थोड़े टोनअप होंगे, इससे ब्रेस्ट थोड़ा लिफ्ट होगा। ब्रेस्ट का ढीलापन कम होकर कसाव आएगा। फ्री वेट एक्सरसाइज, चेस्ट प्रेसेस, पुश अप्स, योगासन आदि कर सकती हैं।
  • शायद आप विश्वास नहीं करेंगी लेकिन गलत पॉश्चर में सोना, बैठना और चलना आपके लटकते ब्रेस्ट का कारण बनता है। इसलिए अपने पॉश्चर में सुधार लाएं।
  • ब्रेस्ट के आसपास की त्वचा और ब्रेस्ट और निप्पल की स्किन मॉइश्चराइज और हाइड्रेटेड रहनी चाहिए। इसके लिए आप ऑर्गैनिक कोकोनट ऑयल से हल्के हाथों से मसाज कर सकती हैं। इससे त्वचा में रक्त का संचार बेहतर होगा और त्वचा लचीली होगी।
  • डिलीवरी के बाद लटकते स्तन को सही शेप देने के लिए अपने ब्रा के फिटिंग पर भी ध्यान देने की जरूरत हैं। सही साइज का ब्रा आपके लटकते ब्रेस्ट को सपोर्ट करेंगे। और एक जरूरी बात यह है कि सोने के समय ब्रा कभी न पहनें, इससे ब्लड सर्कुलेशन में बाधा उत्पन्न होता है।
  • डिलीवरी के बाद खुद को स्वस्थ और स्किन को हाइड्रेटेड रखने के लिए डाइट को बैलेंस्ड रखना भी बहुत जरूरी है। डाइट में अनाज, हरी सब्जियाँ, फल आदि लें। हाई कोलेस्ट्रोल, सैचुरेटेड एनिमल फैट लेने से बचें, उसकी जगह पर विटामिन बी और ई युक्त आहार लेने की कोशिश करें। इससे असमय झुर्रियों की समस्या कम होगी और त्वचा में लचीलापन आएगा।
  • नहाने के प्रोसेस में भी थोड़ा बदलाव लाना होगा। आप एक दिन गुनगुने गर्म पानी से नहाएं तो दूसरे दिन ठंडे पानी से। क्योंकि गर्म पानी से त्वचा के पोर खुलते हैं और ठंडे पानी से उनमें कसाव आता है। इसलिए एक दिन गर्म तो दूसरे दिन ठंडे पानी से नहाने पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और स्किन टोनअप होती है। फिर क्या, ब्रेस्ट का ढीलापन (Sagging Breast) कम करने की प्रक्रिया में मदद मिलती है।
  • इसके अलावा आप बर्फ के टुकड़ों को मुलायम सूती कपड़े में लपेटकर उससे ब्रेस्ट को सर्कुलेशन मोशन में मसाज करने से भी ब्रेस्ट का ढीलापन कम होता है।
  • शिशु को ब्रेस्टफीड करवाने के समय सही पॉश्चर का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी होता है। नवजात शिशु को तकिए पर उठाकर या आरामदायक ऊँचाई पर उठाकर ब्रेस्टफीड करवाने से स्ट्रेचिंग कम होता है। नीचे की ओर झुककर ब्रेस्टफीड कभी न करवाएं। 
  • बच्चे को सॉलिड फूड धीरे-धीरे देना शुरू करें और ब्रेस्टफीड करवाना कम।  इससे फैटी टीशूज को ब्रेस्ट में जमा होने में समय मिलता है और लटकते ब्रेस्ट को फिर से शेप में आने में समय मिल जाता है।
  • डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट का ढीलापन कम करने का एक और उपाय है धीरे-धीरे वजन कम करना। अचानक वजन कम करने से स्किन ढीला हो जाएगा, इसलिए संतुलित मात्रा में खाएं और एक्सरसाइज करें और धीरे-धीरे वजन को घटाएं।
  • आखिरी टिप्स लेकिन जरूरी टिप्स यह है कि धूम्रपान करने की गलती बिल्कुल न करें। इससे स्किन के रिपेयर होने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होता है।

आशा करते हैं कि ब्रेस्टफीड के बाद ब्रेस्ट का ढीलापन (Sagging Breast)  कैसे कम कर सकते हैं, का जवाब मिल गया होगा। आपके ऐसे ही सवालों का जवाब पाने के लिए देश की नंबर वन पेरेंटिग एप बेबीचक्रा के साथ जुड़े रहें।

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