5 Aug 2022 | 1 min Read
Mona Narang
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बच्चे को स्तनपान कराना माँ के लिए एक बहुत बड़ा टास्क होता है। यह प्रोसेस देखने में जितना सरल लगता है वैसा होता नहीं है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें से एक है निप्पल पेन। लेख में बच्चे को ब्रेस्टफीड के बाद निप्पल दर्द से परेशान महिलाओं के लिए कुछ आसान और असरदार उपाय लेकर हाजिर हुए हैं। तो चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं लेख और जानेंगे न्यू मॉम्स कैसे निप्पल पेन से राहत पा सकती हैं।
स्तनपान कराने से मदर्स में निप्पल पेन की परेशानी होना आम बात है। इसके लिए किसी दवा का सेवन करने की बजाय घरेलू नुस्खों को अपनाना बेहतर होगा। वैसे भी ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को ज्यादा दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे ब्रेस्टमिल्क प्रभावित होता है। लेख में आगे ब्रेस्टफीडिंग कराने से निप्पल्स में होने वाले दर्द के कुछ उपाय बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
आपको जानकर हैरानी होगी कि आपका ब्रेस्ट मिल्क ही निप्पल पेन का इलाज कर सकता है। दरअसल, ब्रेस्ट मिल्क एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसलिए पूराने समय से दाइयां शिशु को दूध पिलाने के बाद दो बूंद ब्रेस्ट मिल्क की निप्पल पर लगाने के लिए कहती हैं।
एलोवेरा में सूदिंग प्रभाव होता है, जिस वजह से निप्पल पेन में इसका फ्रेश जेल लगाने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखें बेबी को फीड कराने से पहले ब्रेस्ट को अच्छे से साफ जरूर करें।
निप्पल पेन से राहत के लिए आइस पैक का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए एक कॉटन के कपड़े में आईस क्यूब्स लें। इससे शिशु को फीड कराने से पहले दस मिनट के लिए सिंकाई करें। आपको आराम मिलेगा व अच्छे से फीड कराने में मदद होगी।
कई बार माँ के निप्पल पेन की वजह बैक्टीरिया हो सकता है। दरअसल, शिशु के मुंह में कई बैक्टीरिया होते हैं, जो माँ के निप्पल में इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। ऐसे में एक कप पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। बच्चे को दूध पिलाने के बाद कॉटन को पानी में सोक कर निप्पल व उसके आस-पास लगाएं।
एप्पल साइडर विनेगर में एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होता है, जिस वजह से निप्पल्स की सफाई के लिए इसे बेहतर विकल्प माना जाता है।
निप्पल में ड्राइनेस के कारण क्रैक हो जाते हैं, जिस वजह से कई बार ब्रेस्टफीडिंग मॉम्स के निप्पल्स में पेन होने लगता है। ऐसे में बच्चे को फीड कराने के बाद नारियल तेल लगा सकती हैं। इससे निप्पल्स व आस-पास की त्वचा ड्राई नहीं होगी। इसके अलावा, नारियल तेल में वुंड हीलिंग (Wound healing) प्रभाव होता है।
निप्पल्स की साफ-सफाई के लिए टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल भी लाभकारी हो सकता है। इसे भी एप्पल साइडर विनेगर की तरह पानी में डाइल्यूट करके रूई की मदद से निप्पल की सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ध्यान रखें ऐसा बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के बाद करें।
फटे निप्पल की वजह से दर्द हो रहा है, तो ऑलिव ऑयल कारगर इलाज हो सकता है। इसमें त्वचा को हील करने के प्रभाव के साथ दर्द को दूर करने के लिए एनलजेसिक और सूजन से राहत दिलाने के लिए एंटी-इंफ्लामेटरी प्रॉर्टीज पाई जाती हैं। बच्चे को फीड कराने से पहले इसे साफ करना न भूलें।
तो ये थे कुछ निप्पल पेन के घरेलू उपाय। इनमें कई चीजें ऐसी हैं, जो बाजार में मिलावटी मिल सकती हैं। ऐसे में इन चीजों की खरीददारी व इस्तेमाल सतर्कता के साथ करें।
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