17 Mar 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
गर्भधारण करने के बाद का समय काफी एक्साइटिंग होता है। इस एक्साइटमेंट में गलतियां होने की गुंजाइश भी रहती है, इसलिए महिला को सावधान रहना चाहिए। यही कारण है कि हम यहां गर्भावस्था में ध्यान रखने वाली बातें बता रहे हैं। इन बातों पर गौर करके प्रेग्नेंसी और होने वाली शिशु को स्वस्थ रखा जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में क्या नहीं करना चाहिए और गर्भावस्था में ध्यान रखने वाली बातें कौन-सी हैं, ये सवाल महिलाओं के मन में उठना लाजमी है। इनके जवाब नीचे बिंदुओं के माध्यम से दिए गए हैं।
प्रेग्नेंसी में सिगरेट, शराब जैसे सभी नशीले पदार्थों से दूर रहें। इनसे गर्भस्थ शिशु में सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम यानी अचानक मृत्यु होने का खतरा बढ़ जाता है। स्मोकिंग से बच्चा कम वजन वाला हो सकता है, समय से पहले पैदा हो सकता है या उसे बर्थ डिफेक्ट होने का खतरा रहता है।
गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में अचानक और ज्यादा झुकने से बचें। तीसरी तिमाही में तो झुकने के समय काफी एहतियात बरतने की जरूरत होती है। इस दौरान गर्भ में पल रहा शिशु बढ़ा हो जाता है और झुकने से महिला के गिरने का डर बना रहता है।
प्रेग्नेंसी के पहले कुछ महीनों में गर्भवती महिला को अपने कमर व पेट की मालिश करवाने से बचना चाहिए। उसके बाद दूसरी तिमाही से महिला कमर की हल्की मालिश करवा सकती है। पहली तिमाही चुनौतीपूर्ण होती है, इसलिए अधिक सतर्क रहना जरूरी है।
सबसे पहले तो ज्यादा जरूरी न हो, तो गर्भावस्था में गाड़ी चलाने से बचना चाहिए। साथ ही लंबी यात्रा और रास्ता अच्छा न होने पर भी प्रेग्नेंसी में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए।
गर्भवती स्त्री को ज्यादा गर्म पानी से नहाने नहीं नहाना चाहिए। रिसर्च पेपर बताते हैं कि ज्यादा गर्म पानी से शरीर का तापमान बढ़ता है, जिससे गर्भपात का खतरा होता है। यही नहीं, ज्यादा देर तक गुनगुने पानी से नहाने से शिशु अविकसित मस्तिष्क के साथ पैदा हो सकता है।
गर्भवती महिला को एक ही स्थान पर न ज्यादा देर तक नहीं खड़े रहना चाहिए। इससे पैरों में दर्द बढ़ सकता है और ब्लड सर्कूलेशन भी प्रभावित होता है। संभव हो, तो एक ही जगह पर घंटों तक बैठे भी न रहें।
गर्भ ठहरने के करीब 3 से 4 महीने तक गर्भवती महिला को सेक्स नहीं करना चाहिए। अगर इस बात का ध्यान न रखा जाए, तो मिसकैरेज हो सकता है।
शुरुआती दिनों में ज्यादा गर्म खाना, गरम मसाले और सूखे मेवे से परहेज करना चाहिए। इनकी तासीर गर्म होती है। इससे गर्भस्थ शिशु को खतरा हो सकता है।
गर्भावस्था में तला-भुना खाने से परहेज करें। इससे प्रग्नेंसी से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं। तला-भुना खाद्य पदार्थ शुगर के लेवल को बढ़ा सकता है।
ऐसी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। इसी वजह से प्रेग्नेंसी में जंक फूड खाने से बचना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को अपने पहली तिमाही में यात्रा करने से बचना चाहिए। खासकर लंबी दूरी वाली यात्राओं को नहीं किया जाना चाहिए। इससे प्रेग्नेंसी संंबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में भारी चीजें एकदम न उठाएं। इससे गर्भ गिरने का डर रहता है। अगर प्रसव का महीना नजदीक हो, तो गर्भाशय पर जोर पड़ने से गर्भस्थ शिशु का जन्म समय से पहले हो सकता है।
बिना डॉक्टर से सलाह लिए गर्भावस्था में किसी तरह की मेडिसन नहीं लेनी चाहिए। यहां तक की एक्ने ट्रीटमेंट या हर्बल सप्लीमेंट इस समय अजन्मे शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के समय ज्यादा दौड़-भाग करने से भी बचने की सलाह दी जाती है। कुछ समय निकालकर आराम करें और हल्के चलें। ज्यादा भागने-दौड़ने से गर्भस्थ शिशु को खतरा पहुंच सकता है।
गर्भावस्था में व्यायाम करना अच्छा है, लेकिन ज्यादा व्यायाम करने से बचें। दरअसल, प्रेग्नेंसी में ज्यादा पसीना नहीं बहाना चाहिए। यह गर्भावस्था के लिए खतरनाक हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान तरल पदार्थ पीने की आवश्यकता ज्यादा होती है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि अनहेल्दी ड्रिंक का सेवन किया जाए। इनसे प्रेग्नेंसी में गर्भस्थ शिशु दोनों को खतरा हो सकता है।
प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए कैसे रहना चाहिए, यह सोच रहे हैं, तो पपीते से परहेज करें। कच्चे पपीते में लेटेक्स होता है, जो गर्भाश्य में संकुचन पैदा कर सकता है। इससे प्रसव पीड़ा समय से पहले शुरू हो सकती है।
गर्भावस्था में ध्यान रखने वाली बातें अभी खत्म नहीं हुई हैं। इस दौरान मिर्च और ज्यादा मसाला भी गर्भावस्था के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इनको खाने में इस्तेमाल करने से बचें।
क्या न खाएं गर्भावस्था में, यह जानना भी जरूरी है। इस दौरान अधपके अंड़े, अधिक पारा वाली मछली, पैकड और प्रोसेसड फूड खाने से बचना चाहिए। ये प्रेग्नेंसी हेल्थ टिप्स (pregnancy health tips in hindi) है, इसपर जरूर गौर करें।
रिसर्च के अनुसार, प्रेग्नेंसी में तनाव लेने से सोने में दिक्कत होती है। साथ ही सिर दर्द, भूख न लगना या ज्यादा खाने जैसी परेशानी हो सकती है। ये सब गर्भस्थ शिशु के लिए खतरनाक हैं। स्ट्रेस के बढ़ते लेवल से हाई ब्लड प्रेशर होता है, जिससे समय से पहले प्रसव का खतरा या कम वजन वाले बच्चे के जन्म का जोखिम रहता है।
अक्सर लोग सोचते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए कैसे रहना चाहिए। दरअसल, इस दौरान भूख ज्यादा लग सकती है, लेकिन एक ही बार में ज्यादा नहीं खाना चाहिए। थोड़े-थोड़े समय में कुछ मात्रा में खाते रहने से गर्भवती को जरूरी एनर्जी मिलती है।
गर्भ में शिशु जितना बढ़ता है, उतना ही महिला के शरीर में बदलाव होता है। इसलिए, गर्भावस्था में ध्यान रखने वाली बातें (pregnancy health tips in hindi) हमने ऊपर बताए हैं। इनपर गौर करके अपनी गर्भावस्था को स्वस्थ और सुखद बनाएं। साथ ही डॉक्टर से समय-समय पर चेकअप भी करवाती रहें। हैप्पी प्रेग्नेंसी!
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