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13 ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली समस्याएं

13 ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली समस्याएं

4 Aug 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

Medically reviewed by

Dr Pooja Marathe

माँ होना आसान नहीं है। पहले नौ महीने शिशु को गर्भ में रखना और फिर डिलीवरी के बाद उसका हर तरह से ख्याल रखना। इस दौरान सबसे बड़ा दायित्व होता है बच्चे को स्तनपान कराना। लेकिन स्तनपान के दौरान महिला को ढेरों परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है। आज इस लेख में हम उन्हें समस्याओं की बात कर रहे हैं, जिनसे ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिला जूझती है।

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली समस्याएं | Common Breastfeeding Problems in Hindi

लैक्टेशन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट, डॉक्टर पूजा मराठे बताती हैं कि स्तनपान कराने वाली मां के स्तन में दर्द के ज्यादातर मामले गलत स्तनपान तकनीकों के कारण होते हैं। एक आम समस्या बच्चा का ठीक से दूध चूस न पाना भी है, जिसे लैचिंग कहते हैं। ठीक से लैचिंग न होने के कारण निप्पल में चोट लग जाती है, लेकिन स्तन का दूध खाली नहीं होता। 

इन दोनों ही कारणों से स्तनपान के दौरान दिक्कत होती है। बाद में इनके चलते स्तन संक्रमण, प्लग्ड डक्ट जैसी शिकायतें होती हैं। इन सबके बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं। इन आम स्तनपान से जुड़ी दिक्कतों का जिक्र नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) यूके ने भी अपनी वेबसाइट पर किया है।

क्रैक और दर्दभरे निप्पल – Cracked and Sore Nipples

निप्पल में दर्द होना या उनका क्रैक पड़ना स्तनपान के दौरान परेशानी को बढ़ा देता है। यह अधिकतर बच्चे का ठीक से स्तनों से सटा न होने या उसकी पूरी पोजीशन गलत होने के कारण हो सकता है। इसके लिए आप निप्पल में ऑर्गेनिक और पूरी तरह सेफ निप्पल क्रीम लगाएं। अगर अच्छी निप्पल क्रीम नहीं मिल रही है, तो आप शुद्ध ऑर्गेनिक नारियल तेल भी निप्पल में लगा सकती हैं।

पर्याप्त दूध न बनना – Less Breast Milk

डिलीवरी के दो-तीन दिन तक पर्याप्त मात्रा में माँ का दूध स्तन में नहीं उतरता है। शिशु की जरूरत के अनुसार, स्तन में दूध आने में थोड़ा वक्त लगता है। दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आप शिशु को बारी-बारी दोनों निप्पल से दूध पिलाती रहें और शिशु से स्किन-टू-स्किन कॉन्टेक्ट बनाए रखें। दूध स्तनों में कम होने के कारण लैचिंग के समय आपको स्तन में दर्द महसूस हो सकता है।

स्तनों में भारीपन – Breast Engorgement

स्तन का भरना वह स्थिति है, जिसमें दोनों स्तनों में अधिक मात्रा में दूध उतर जाता है। इससे ब्रेस्ट काफी टाइट, दूध से भरे हुए लगते हैं। इसके कारण उसके स्तन कठोर, खिंचाव वाले और दर्दभरे महसूस हो सकते हैं। स्तनों में दूध का इकट्ठा होना प्रसव के शुरुआती दिनों में हो सकता है, जब आपका शिशु स्तनपान करना सीख रहा होता है। इसके अलावा, यह तब भी होता है, जब शिशु बढ़ा हो जाए, लेकिन नियमित स्तनपान नहीं कर रहा हो।

बच्चे का ठीक से लैच न कर पाना – Not Latching Properly

स्तनपान करना और कराना कौशल है। इसे माँ और शिशु दोनों को सीखना होता है। इसे समझने के लिए समय भी लगता है। इसी वजह से जब शुरुआती दिनों में शिशु ठीक से दूध नहीं पी पाता, उसके कारण भी दिक्कत होती है। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली समस्याएं
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली समस्याएं

स्तन में अधिक दूध बनना – Excessive amount of Breast Milk 

कभी-कभी महिलाओं के स्तन में बहुत अधिक दूध बनने लगता है। इसके चलते सिर्फ माँ ही नहीं, बल्कि शिशु को भी दिक्कत होती है। बच्चे को दूध की अधिक मात्रा को संभालने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में पोजीशन को बदलना चाहिए, ताकि एकदम बहुत सारा दूध बेबी के मुंह में न जाए। 

थ्रश – Thrush

निप्पल की स्किन के फटने व क्षतिग्रस्त होने के चलते कई बार थ्रश इंफेक्शन हो जाता है। इसके चलते थ्रश इंफेक्शन का कारण बनने वाले कैंडिडा फंगस निप्पल से स्तन तक जा सकते हैं। थ्रश इंफेक्शन की आशंका लगते ही डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्लॉक मिल्क डक्ट – Block Milk Duct

अगर लंबे समय तक स्तन में मौजूद दूध पूरी तरह से नहीं निकलता है, तो एंगर्जमेंट (engorgement ) होता है। मतलब स्तन भारी और कठोर लगते हैं। इसके चलते दूध वाहिकाएं यानी मिल्क डक्ट में ब्लॉकेज हो जाता है, जिससे ब्रेस्ट में एक छोटी व कोमल गांठ महसूस हो सकती है। शिशु को बार-बार दूध पिलाना व ब्रेस्ट पंप से दूध निकाल देने से इसमें मदद मिलेगी। 

स्तन की सूजन – Mastitis

मास्टाइटिस का मतलब है स्तन की सूजन। यह दिक्कत तब होती है, जब अवरुद्ध दूध वाहिनी यानी ब्लॉक मिल्क डक्ट से राहत नहीं मिलती। यह स्तन को गर्म और दर्दनाक महसूस कराता है और फ्लू जैसे लक्षणों के साथ बहुत अस्वस्थ महसूस कराता है। इस स्थिति में बच्चे को स्तनपान कराना बंद न करें।

ब्रेस्ट एब्सिस – Breast abscess

जब मास्टाइटिस का इलाज नहीं होता या स्तन के दूध को पूरी तरह निकालने से भी आराम नहीं मिलता, तो ब्रेस्ट एब्सिस हो जाता है। इस संक्रमण का कारण स्तन में जमने वाला दर्दनाक मवाद होता है। इसे निकालने के लिए ऑपरेशन की जरूरत पड़ सकती है।

टंग टाई – Tongue tie

रिसर्च बताते हैं कि करीब 10 में से एक बच्चे की जीभ के तल में मौजूद त्वचा की पट्टी (फ्रेनुलम) सामान्य से छोटी होती है। इसे टंग टाई कहा जाता है। कुछ बच्चे को टंग टाई से कोई परेशानी नहीं होती। मगर कुछ बच्चे टंग टाई के कारण सही से ब्रेस्टफीड नहीं कर पाते हैं। हालांकि, इसका इलाज बड़ी आसानी से हो जाता है।

मिल्क ब्लेब या मिल्क ब्लिस्टर – Milk Bleb or Milk Blister

निप्पल में व्हाइट डॉट नजर आएं, तो वो मिल्क ब्लब या मिल्क ब्लिस्टर हो सकता है। यह मिल्क डक्ट के ऊपर त्वचा की परतों के बनने और उसके पीछे दूध फंसने के कारण होता है। यह ऐसा लगता है कि मानो निप्पल में रेत का एक बड़ा दाना या कांच का एक टुकड़ा फंस गया है

वासोस्पाज्म – Vasospasm / Raynaud’s Phenomenon

वासोस्पाज्म तापमान में अचानक परिवर्तन के कारण होता है। दरअसल, दूध पीने के बाद निप्पल को बच्चे के गर्म मुंह से ठंडी हवा में आता है, जिसके कारण निप्पल सफेद दिखने लगते हैं और तेज दर्द हो सकता है। ऐसा अचानक निप्पल में ब्लड फ्लो होने से होता है। इसके लिए निप्पल पर एक गर्म नम कपड़ा लगाएं या जैतून के तेल से मालिश करें।

बाइटिंग ब्रेस्ट – Breast Biting

काफी बच्चे अपने मसूड़ों व दांतों से स्तन का दूध खींचने की कोशिश करते हैं। इसी दौरान वो स्तन को बाइट करते हैं। जब भी बच्चा ऐसा करे उसे अपने स्तन से दूर करने के बजाए और करीब लाएं। इससे वो दांत कांटना छोड़ देते हैं।  साथ ही इसके लिए सतर्क रहने की भी जरूरत है। जब भी लगे कि बच्चा ब्रेस्ट को काटने वाला है, तो उसके मुंह के कोने में एक उंगली डालने के लिए तैयार रखें। ऐसा करके आप उसे स्तन को काटने से रोक सकती हैं। 

सारांश – Conclusion

आपको भी स्तनपान के दौरान इनमें से किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो तुरंत स्तनपान विशेषज्ञ से संपर्क करें। इससे दर्द भरे निप्पल, स्तनों में भारीपन, थ्रश, मिल्क डक्ट का ब्लॉक होना, आदि शिकायतों को कम किया जा सकता है।

चित्र स्रोत – Pexels

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