7 Mar 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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आजकल मार्केट में मिलनी वाली गर्भनिरोधक गोलियों व गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल करना बेहद ही सुलभ है। ये प्रभावकारी भी हैं और इनका असर भी जल्द ही देखा जा सकता है। वैसे तो इन गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन सुरक्षित माना गया है, लेकिन यह हर महिला को सूट भी नहीं करता है। इसी वजह से प्रेंग्नेंसी रोकने के नए तरीके में नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन की विधि को भी अपनाया जा सकता है। नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन क्या है, यह कैसे काम करता है, इसी से जुड़ी जानकारी इस लेख में बताई गई है।
नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन (Natural Contraception) को नेचुरल फैमिली प्लानिंग भी कहा जाता है। इस वजह से इसे प्रेंग्नेंसी रोकने के नए तरीके में भी शामिल किया जा रहा है। नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन को एक तरह से गर्भनिरोधक का पारंपरिक तरीका भी माना जा सकता है। बस इस विधि में किसी तरह की गर्भनिरोधक गोली या गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए घरेलू उपाय में नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन को लाभकारी माना गया है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक है, इसलिए इस विधि में दवाओं की जगह पर महिला के शरीर की देखभाल प्राकृतिक तरीकों से की जाती है, जैसेः
इस तरह इन सभी बातों का ध्यान रख कर अनचाही प्रेग्नेंसी को होने से रोका जा सकता है। नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन की विधि आसान, सुलभ और सुविधाजनक भी है। बस इसके लिए महिला को ऊपर बताई गई बातों का विशेष ध्यान रखना होता है।
ऊपर बताई गई बातों के अलावा, कुछ और विधियां भी हैं, जो गर्भनिरोध के पारंपरिक तरीके में शामिल किए जा सकते हैं। इनकी मदद से महिला अनचाही गर्भावस्था को रोक सकती है और इच्छानुसार अपनी फैमिली प्लानिंग की योजना को सफल बना सकती है।
इसकी पुष्टि की गई है कि स्तनपान प्राकृतिक गर्भनिरोधक का सबसे सफल और सस्ता घरेलू उपाय हो सकता है। दरअसल, माँ के शरीर में ब्रेस्टमिल्क का उत्पादन बढ़ाने के लिए हार्मोनल बदलाव होता है। इस दौरान ओव्यूलेशन को ट्रिगर करने वाले हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। इसलिए, स्तनपान को नेचुरल बर्थ कंट्रोल मेथड्स में शामिल किया जा सकता है।
नेचुरल बर्थ कंट्रोल मेथड्स का एक अन्य जरिया है साथी के साथ सेक्शुअल इंटरकोर्स से परहेज करना। यानी जब तक महिला को प्रेग्नेंसी नहीं चाहिए, वह अपने साथी के साथ सीधे तौर पर सेक्शुअल इंटरकोर्स से परहेज कर सकती है। इस दौरान वे ओरल या फोरप्ले के जरिए भी अपनी फीजिकल रिलेशन को बनाए रख सकते हैं।
इस प्रक्रिया में सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान पुरुष साथी को योनि के अंदर इजैक्युलेट होने से बचाना होता है। यानि इंटरकोर्स के दौरान पुरुष साथी को इसका ध्यान रखना पड़ सकता है कि वह योनि के अंदर स्पर्म रिलीज न करे।
बच्चा नहीं चाहिए तो क्या करें, इसका एक जवाब हो सकता है कि साथी के साथ अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने से बचाव करना। जब भी साथी के साथ सेक्शुअल इंटरकोर्स करें, तो कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें।
फर्टिलिटी एप को भी नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन का ही एक जरिया माना जा सकता है। ऐसे कई एप हैं, जिनकी मदद से महिला की फर्टिलिटी साइकिल की निगरानी की जा सकती है। ये एप के जरिए न सिर्फ पीरियड्स के साइकल व फर्टिलिटी साइकिल को भी ट्रैक कर सकते हैं, बल्कि कब-कब अनप्रोटेक्टेड सेक्स या सुरक्षित सेक्स किया है, इसे भी ट्रैक किया जा सकता है।
नेचुरल बर्थ कंट्रोल मेथड्स में नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन कितना प्रभावकारी है, यह महिला के द्वारा अपनाई गई विधियों पर निर्भर कर सकता है। अगर प्राकृतिक गर्भनिरोध से जुड़ी सभी बातों का ध्यान रखा जाए, तो 99% तक इस प्रेंग्नेंसी रोकने के नए तरीके को प्रभावकारी माना जा सकता है। इसके अलावा, गर्भ निरोधक इंजेक्शन या गोलियों के मुकाबले इन्हें अधिक सुरक्षित भी माना जा सकता है।
एक बात का ध्यान रखें कि नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन हर महिला के लिए प्रभावकारी व सुरक्षित हो सकता है। इस तरह के उपाय में महिला को किसी तरह दवा की खुराक या इंजेक्शन की जरुरत नहीं होती है। इसके लिए उन्हें बस कुछ बातों के प्रति उचित सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। इसलिए, अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए घरेलू उपाय में नेचुरल कॉन्ट्रासेप्शन को एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है।
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