17 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
गर्भावस्था के नौ महीनों के अंतराल में एक महिला कई सारी परेशानियों का सामना करती है। इन्हीं में से एक है गर्भावस्था में खुजली या खारिश की समस्या। यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। जहां कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान खुजली (खारिश) के सामान्य लक्षण महसूस करती हैं, तो वहीं कुछ महिलाओं में यह समस्या हद से ज्यादा भी हो सकती है।
यही वजह है इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान खुजली (खारिश) की समस्या से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। यहां हम प्रेग्नेंसी में खुजली के कारण, इलाज व घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
वैसे तो गर्भावस्था में खुजली होना सामान्य है। आमतौर पर शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव व भ्रूण के आकार के बढ़ने के कारण गर्भावस्था में खुजली हो सकती है। परंतु, कुछ मामलों में यह गंभीर परेशानी का लक्षण हो सकता है। प्रेग्नेंसी में खुजली के निम्नलिखित लक्षण नजर आने पर बिना देरी करें डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, जैसे:
गर्भावस्था में कुछ महिलाओं को पेट में खुजली होती है। वहीं, कुछ को हथेलियों, तलवों व स्तनों में इसकी शिकायत हो सकती है। नीचे गर्भावस्था में खुजली के कारण बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
हार्मोन में बदलाव होना गर्भावस्था में खुजली के कारण की सबसे अहम वजह हो सकती है। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो प्रेग्नेंसी में खुजली की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
इस बात से हम सभी अच्छे से वाकिफ हैं कि गर्भावस्था के दौरान हर महीने के साथ महिला का पेट बढ़ता जाता है। इससे पेट की त्वचा पर खिंचाव पड़ता है और त्वचा पर रूखापन बढ़ता है। इस वजह से महिला के पेट पर खुजली की समस्या हो सकती है।
प्रेग्नेंसी में शरीर का ब्लड फ्लो सामान्य से ज्यादा होता है। इसकी वजह से पेट, हाथ, पैर और स्तनों में खुजली की समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था में पेट में खुजली होने का कारण इंट्राहेप्टिक कोलेस्टासिस हो सकता है। यह गर्भावस्था के दौरान होने वाला लिवर संबंधित विकार है। इसमें पित्त प्रवाह नसों को प्रभावित करता है, जिससे त्वचा पर खुजली की समस्या होने लगती है।
निम्नलिखित घरेलू उपायों की मदद से गर्भावस्था के दौरान खुजली (खारिश) की समस्या से राहत मिल सकती है। चलिए जानते हैं गर्भावस्था में खुजली का उपाय:
गर्भावस्था में खुजली का उपाय करने के लिए बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं। बर्फ की सिकाई करने से न सिर्फ पेट की खुजली शांत हो सकती है, बल्कि हाथ-पैर की खुजली से भी राहत पाई जा सकती है। इसके लिए ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।
त्वचा में ड्राईनेस पेट में खुजली के मुख्य कारणों में से एक है। इसके लिए पेट पर प्रेग्नेंसी सेफ मॉइश्चराइजिंग क्रीम का नियमित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे त्वचा की नमी बनी रहेगी और इसका गर्भावस्था में खुजली का उपाय भी किया जा सकता है।
सुबह नहाने के बाद और रात को सोने से पहले त्वचा की नारियल तेल से मसाज करने से भी गर्भावस्था में खुजली से राहत मिल सकती है। इसके पीछे इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण को प्रभावी माना जा सकता है। यह काफी हद तक खुजली को शांत करने का काम करता है। साथ ही नारियल तेल त्वचा को गहराई से मॉइश्चराइज करने का काम भी करता है।
ओटमील बाथ के लिए एक बाल्टी पानी में एक कप ओटमील डालकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। अब इस पानी से नहाएं। यह त्वचा की संवेदनशीलता को कम करने के साथ खुजली की परेशानी को भी दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।
प्रेग्नेंसी में बढ़ती खुजली की परेशानी में एलोवेरा जेल का इस्तेमाल असरकारी हो सकता है। यह त्वचा को नमी प्रदान करने के साथ उसे सॉफ्ट बनाता है। साथ ही इसमें एंटीइंफ्लामेटरी गुण होता है, जो त्वचा में खुजली को खत्म कर सकता है। एलोवेरा के फायदे हासिल करने के लिए एलोवेरा जेल की मालिश कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में खुजली से बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:
लेख में आपने प्रेग्नेंसी में खुजली से संबंधित जरूरी जानकारी हासिल की। उम्मीद करते हैं इसे लेकर आपके सारे डाउट क्लीयर हो गए होंगे। प्रेग्नेंसी में जरूरत से ज्यादा खुजली व इसके साथ अन्य लक्षण नजर आने पर बिना देरी किए चिकित्सक से संपर्क करें। हैप्पी प्रेग्नेंसी।
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