14 Apr 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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इस सच्चाई से हम मुँह नहीं मोड़ सकते कि नमक के बिना जिंदगी का स्वाद अधूरा होता है। लेकिन प्रेगनेंसी में नमक खाना जितना जरूरी है, उतना ही मात्रा में ज्यादा होना माँ और शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी में माँ क्या खा रही है और क्या नहीं, इस बात को ट्रैक में रखना बहुत जरूरी होता है।
आज हम बात करेंगे कि प्रेगनेंसी में नमक खाना क्यों जरूरी और नमक को संतुलित मात्रा में खाने के लिए क्या करना चाहिए। साथ ही ये भी जानेंगे कि हर दिन गर्भवती माँ को खाने में कितना नमक लेने की जरूरत होती है।
असल में सोडियम एक प्रकार का केमिकल इलिमेंट है, जो शरीर में फ्लूइड के स्तर, शरीर के तापमान और पीएच लेवल को कंट्रोल में मदद करता है। नमक में सोडियम और क्लोरीन का सम्मिश्रण होता है।
आपके जानकारी के लिए बता दें कि सोडियम की कमी से मसल्स, नर्व्स और ऑर्गन्स काम नहीं करते हैं, जो उन्हें काम करना चाहिए। इसके अलावा-
– गर्भावस्था के दौरान, शरीर में ब्लड और फ्लूइड की मात्रा बढ़ जाती है। सोडियम इनको कंट्रोल में रखने में मदद करता है।
– यदि होने वाली को मॉर्निंग सिकनेस या हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम है तो, शरी में सोडियम के लेवल को मॉनिटर करना बहुत जरूरी हो जाता है।
-डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए सोडियम के साथ फ्लूइड और इलेक्ट्रोलाइट्स की जरूरत होती है।
-इसके अलावा नमक में जो आयोडीन को मिलाया है, वह शिशु के ब्रेन और नर्वस सिस्टेम को बेहतर बनाने और विकसित करने में बहुत मदद करता है।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अनुसार सोडियम का सेवन प्रति दिन 2,300 मिलीग्राम से कम – जो लगभग 1 चम्मच टेबल सॉल्ट के बराबर होता है, उतना ही लेना सही होता है। प्रेगनेंसी में इसी मात्रा को मेंटेन करना बहुत जरूरी होता है।
गर्भवती होने से पहले ही, आपको बहुत अधिक सोडियम का सेवन करने से साइड इफेक्ट्स होने का खतरा रहता है। प्रेगनेंसी में सोडियम का सेवन ज्यादा करने से चेहरा, हाथ, पैर, टखनों और पैरों की सूजन – जिसे एडिमा कहा जाता है – गर्भावस्था का बहुत ही आम लक्षण है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में नमक की अधिकता एडिमा को बढ़ा सकती है।
सूजन और बेचैनी के अलावा, बहुत अधिक सोडियम गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। नियमित रूप से अत्यधिक सोडियम खपत शरीर का बहुत अधिक पानी रोक देता है, जिसके बदले में नसों और धमनियों के माध्यम से ब्लड पंप का दबाव बढ़ जाता है और ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा बन जाता है।
काला नमक में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता हैं और इसमें सोडियम का लेवल भी तुलनामूलक कम होता है। इसमें आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स भी होते हैं, जो हेल्दी रहने के लिए जरूरी होता हैं।
एक्सपर्ट टिप्स– अब तक तो हमने प्रेगनेंसी में नमक खाना क्यों और कितना जरूरी होता है, इसके बारे में बात की। लेकिन प्रेगनेंसी में अगर स्किन ड्राई हो रही है तो उसको हाइड्रेटेड करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की जरूरत होती है और साथ ही लिप्स को सॉफ्ट करने के लिए ऑर्गेनिक चीजों से बना बेबीचक्रा का लिप बाम और ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल से मसाज फायदेमंद साबित हो सकता है।
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