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पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage): डिलीवरी के बाद मालिश कराने के क्या फायदे होते हैं?

पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage): डिलीवरी के बाद मालिश कराने के क्या फायदे होते हैं?

15 Oct 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

माँ बनने के बाद बधाईंया देने के साथ लोग यह भी हिदायत देते हैं कि बच्चे की अच्छे से देखभाल करना। पर यह कहना  भूल जाते हैं कि माँ तुम भी अपना ख्याल रखना। असल में माँ स्वस्थ रहेगी तभी तो बेबी का अच्छी तरह से ध्यान रख पाएगी। माँ के डायट का जिस तरह से ध्यान रखने की जरूरत है, उसी तरह से पोस्टपार्टम मसाज करवाने की जरूरत पर भी नजर देने की आवश्यकता है।

पोस्टपार्टम मसाज पूरे शरीर की मालिश होती है जो महिलाओं को शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह के फायदा पहुँचाकर मातृत्व में मदद कर सकती है। यहाँ तक कि यदि गर्भपात या स्टिलबर्थ (मृत जन्म) हुआ है, तो भी अपने शरीर को ठीक होने में मदद करने के लिए पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) पर विचार किया जा सकता है। तो चलिए आगे हम पोस्टपार्टम मसाज क्या है, इसके क्या फायदे हैं और इस मसाज को करने में किस तेल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ऐसे बहुत सारे बातों के बारे में चर्चा करेंगे।

पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) या डिलीवरी के बाद मालिश क्या होता है। What is Postpartum Massage in Hindi

असल में पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) एक चिकित्सीय तरीका होता है, जिसका उपयोग   डिलीवरी के बाद बदन दर्द को कम करने, शरीर और मन के तनाव से राहत दिलाने में बहुत काम आता है। डिलीवरी के बाद मालिश से न्यू मॉम को जल्दी ठीक होने और जन्म देने की प्रक्रिया के थकान को दूर करने में बहुत मदद मिलती है। आगे हम बात करते हैं कि कैसे पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) न्यू मॉम के बेहतर सेहत के लिए फायदेमंद होता है। 

पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) के फायदे। Postpartum Massage Benefits in Hindi

दर्दनिवारक: बच्चे के जन्म के बाद मसल्स में दर्द होना सामान्य होता है। डिलीवरी के बाद मालिश दर्द को दूर करने में मदद कर सकती है, खासकर शरीर के उन जगहों में जैसे हाथ, कंधे और पीठ में दर्द बहुत होता है। छाती में मालिश करने से कंधे की जकड़न कम होती है और स्तन दर्द से भी राहत मिलती है।

सूजन से राहत: यह तो आपको पता ही है कि प्रेगनेंसी के दौरान शरीर का तरल पदार्थ 50% तक बढ़ जाता है। डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम मसाज सर्कुलेशन और लिम्फेटिक ड्रेनेज को बढ़ाने में सहायता करती है। इससे अतिरिक्त फ्लूइड को संसाधित करने और संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है। 

मसल्स का रिलैक्सेशन: डिलीवरी के बाद मालिश (Postpartum Massage) करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के साथ यह स्ट्रेस हॉर्मोन को कम करती है, जिससे शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से राहत मिलती है। 

हॉर्मोन का ठीक तरह से काम करना: गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और फिर प्रसव के बाद कम हो जाता है। डिलीवरी के बाद मालिश करने से हार्मोन के साथ-साथ मूड को भी संतुलित होने में मदद मिलती है। पोस्टपार्टम मसाज प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले केमिकल्स को संतुलित करने का काम करती है, जो अवसाद से जुड़े होते हैं, जिनमें डोपामाइन और सेरोटोनिन हॉर्मोन शामिल होते हैं।

ब्रेस्टफीडिंग की प्रक्रिया को बेहतर करना: क्या आप जानते हैं कि पोस्टपार्टम मसाज से लैक्टेशन हॉर्मोन प्रोलैक्टिन बढ़ता है, जो ब्रेस्ट मिल्क का प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद करता है।

बेहतर नींद में मददगार: बच्चे को जन्म देने के बाद थकान महसूस होना आम बात है और खासकर जब नवजात शिशु की देखभाल की बात आती है। मालिश थकान को कम करने और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करती है।

पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) कराने के फायदे/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

डिलीवरी के बाद मालिश करने के लिए बेस्ट तेल। Best Oil for Postpartum Massage

सरसों का तेल– यह जोड़ो के दर्द से राहत और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करता है।

नारियल का तेल– मालिश के तेल के बारे में एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि डिलीवरी के बाद भी माँ की त्वचा संवेदनशील रहती है। इसलिए ऐसे तेल का इस्तेमाल करना चाहिए जो ऑर्गेनिक हो। आपके जानकारी के लिए बता दें कि बेबीचक्रा का ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल ऑर्गेनिक है, जो बच्चों के अलावा बड़ों के सेंसिटिव स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

तिल का तेल- इस तेल का एंटी-इंफ्लामेटोरी, एंटी- बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सिडेंट गुण स्किन को ड्राई होने से बचाने के साथ नरिश भी करता है।

बादाम का तेल– बादाम से निकाला हुआ यह तेल शरीर में मालिश के दौरान अच्छी तरह से अवशोषित हो जाता है, जिसके कारण यह स्किन को अच्छी तरह मॉइश्चराइज करने में मदद करता है।

अदरक का तेल- अदरक का एंटी-इंफ्लामेटोरी गुण मसल्स के सूजन को कम करने के साथ दर्दनिवारक का भी काम करता है।

डिलीवरी के बाद मालिश करने का समय। Postpartum Massage Timing

डिलीवरी के बाद मालिश बच्चे को जन्म देने के बाद 12 हफ्तों के भीतर होनी चाहिए। पूरे शरीर की मालिश किसी भी स्थिति में की जा सकती है यानि जिस भी स्थिति में माँ को आराम मिले उस स्थिति में ट्रेन्ड थेरापिस्ट की मदद से मसाज करानी चाहिए।

न्यू मॉम के लिए पोस्टपार्टम मसाज क्यों जरूरी है, अब यह आपको समझाने की जरूरत नहीं, आशा करते हैं। 

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