23 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
मेडिकल टर्म में अनिद्रा या नींद न आने की समस्या को इनसोमनिया (Insomnia) कहा जाता है, जो किसी भी महिला में देखा जा सकता है। वहीं, विभिन्न शारीरिक व मानसिक परेशानियों के साथ प्रेग्नेंसी में अनिद्रा की समस्या भी देखी जा सकती है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि क्या प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या माँ व शिशु के लिए सामन्य है या किसी जोखिम भरी परिस्थिति की तरफ इशारा हो सकती है।
बेबी चक्रा के इस लेख में हम गर्भावस्था में इनसोमनिया की जानकारी विस्तार से दे रहे हैं। यहां प्रेग्नेंसी के दौरान इनसोमनिया के लक्षण व कारण के साथ ही प्रेग्नेंसी में अनिद्रा के घरेलू नुस्खे भी बताए गए हैं।
हां, प्रेग्नेंसी में अनिद्रा या नींद न आना (Pregnancy Me Neend Na Aana in Hindi) सामान्य परिस्थिति मानी जा सकती है। रिसर्च के अनुसार, लगभग 78% महिलाएं प्रेग्नेंसी में अनिद्रा (इनसोमनिया) का अनुभव कर सकती हैं। इस आधार पर ऐसा माना जा सकता है कि प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या सामान्य हो सकती है।
हां, इनसोमनिया का शिशु पर प्रभाव देखा जा सकता है। स्वास्थ्य विषेशज्ञों के अनुसार, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान अनिद्रा की समस्या बहुत ज्यादा हो गई है या प्रेग्नेंसी के दौरान इनसोमनिया गर्भावस्था के पूरे चरणों में बनी रहती है, तो यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदेह हो सकती है। इसके कारण शिशु के स्वास्थ्य पर निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसेः
प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसेः
प्रेग्नेंसी में अनिद्रा के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक व मानसिक दोनों ही कारण शामिल हो सकते हैं, जैसेः
स्लीप एपिनिया (Sleep Apnea) सांस से जुड़ी एक समस्या है। अगर गर्भवती महिला को सोते समय खर्राटे आते हैं या लेटने के बाद उसे सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है, तो यह गर्भवती महिला में स्लीप एपिनिया के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में भी प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या का एक अन्य कारण रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless Legs Syndrome) भी हो सकता है। इसके होने पर गर्भवती महिला के पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है, जिस वजह से गर्भवती महिला बैठ रहने पर या लेटे रहने पर बार-बार अपने पैरों को हिलाते रह सकती हैं। लगभग 15% गर्भवती महिलाओं में पैरों में बेचैनी या रेस्टलेस लैग सिंड्रोम के लक्षण देखे जा सकते हैं।
बढ़ते गर्भाशय के कारण मूत्राशय व पेल्विक की मांसपेशियों पर दबाव बनने लगता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को बार-बार बाथरूम जाने की समस्या होने लगीत है। इसके कारण भी उनकी नींद बार-बार टूट सकती है, जो प्रेग्नेंसी में अनिद्रा का कारण बन सकती है।
गर्भावस्था में गैस्ट्रो-इसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की समस्या होने पर गर्भवती महिलाओं को सोत समय सीने में जलन व एसिडिटी हो सकती है, जिससे उन्हें सोने में समस्या हो सकती है। जो अधिक गंभीर होने पर प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या को बढ़ा सकता है।
अगर गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला अधिक चिंता या तनाव लेती हैं, तो यह भी उनमें अनिद्रा का जोखिम बढ़ सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए पेट के कारण लेटने व सोने के तरीके में बदलाव हो सकता है। इससे नींद आने में परेशानी हो सकती है। इसलिए, कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान इनसोमनिया का एक अन्य कारण बढ़ा हुआ पेट का आकार भी हो सकता है।
ऐसा देखा जाता है कि लोगों को अक्सर अपने नियमित सोने व लेटने व स्थान पर ही नींद आती हैं। ऐसे में अगर गर्भवती महिला के सोने की जगह में बदलाव किया जाए, जैसे – उसके सोने का कमरा बदल दिया जाए या वह बार-बार अस्पताल में एडमिट होती है, तो इस वजह से भी उसे सोने में परेशानी हो सकती है, जिससे गर्भावस्था में नींद न आने (इनसोमनिया) की समस्या हो सकती है।
इन समस्याओं के अलावा भी हार्मोनल बदलाव, गर्भ में शिशु की हलचल जैसे कुछ अन्य सामान्य कारण भी हो सकते हैं, जो प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या का कारण बन सकते हैं।
इस बाग में हमनें प्रेग्नेंसी में अनिद्रा के घरेलू नुस्खे व उपाय (Pregnancy Me Neend Na Aane Ke Upay) बताए हैं, जो आपके लिए मददगार हो सकते हैं। स्क्रॉल करें और पढ़ें अनिद्रा दूर करने के घरेलू उपाय।
प्रेग्नेंसी में अनिद्रा के घरेलू नुस्खे के तौर पर नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत भी शामिल की जा सकती है। प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह पर हर दिन हल्के-फुल्के व्यायाम कर सकती हैं।
अनिद्रा दूर करने के घरेलू उपाय में मेडिटेशन भी शामिल किया जा सकता है। इसके लिए सोने से पहले 10-15 मिनट तक ध्यान लगाएं। इसके बजाय कोई किताब पढ़ सकती हैं या शांत व मधुर धुन वाले संगीत भी सुन सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में नींद न आने की समस्या से बताव के लिए सोने का टाइम टेबल बनाएं। हर दिन उसी समय के अनुसार सोने का प्रयास करें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में तय समय पर सोने की आदत विकसित हो सकती है।
शोर-शराबे के कारण भी प्रेग्नेंसी में अनिद्रा की समस्या हो सकती है। इसलिए अपने सोने के कमरे को शांत बनाए रखें। मौसम के अनुसार कमरे का तापमान ठंडा या गर्म रखें।
सोने से पहले गुनगुने पानी से गर्भवती महिलाएं स्नान कर सकती हैं। ध्यान रखें गुनगुने पानी से नहाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
प्रेग्नेंसी में अनिद्रा के घरेलू नुस्खे के तौर पर खाने की आदतों में बदलाव करना भी शामिल किया जा सकता है। सोने से 2 घंटे पहले ही भोजन कर लें। साथ ही सोते समय अधिक मात्रा में तरल पेय न पीएं।
अनिद्रा दूर करने के घरेलू उपाय में अगला उपाय है चाय और कॉफी जैसे खाद्यों से दूरी बनाना। दरअसल, अधिक मात्रा में कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन करने से नींद प्रभावित हो सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी में अनिद्रा के घरेलू नुस्खे कर रही हैं, तो आहार में कैफीन का सेवन सीमित कर सकती हैं।
नहीं, प्रेग्नेंसी में अनिद्रा होने पर नींद की दवाओं का सेवन करना असुरक्षित हो सकता है। नींद की दवाएं मां और गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य को जोखिम पहुंचा सकती हैं। इसके कारण शिशु में जन्मजात विकार, समय से पहले शिशु का जन्म, सीजेरियन डिलीवरी और लो बर्थ वेट ता जोखिम हो सकता है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को सोने के लिए नींद की दवा लेने की आदत हो सकती हैं।
उम्मीद है कि प्रेग्नेंसी में अनिद्रा से जुड़ी उचित जानकारी आपको इस लेख के जरिए मिली होगी। गर्भावस्था में नींद न आना (इनसोमनिया) कई कारणों से हो सकता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी में अनिद्रा के घरेलू नुस्खे अपनाने से पहले प्रेग्नेंसी के दौरान इनसोमनिया के कारणों का पता जरूर लाएं।
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