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Oral Hygiene during Pregnancy: प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ का ध्यान रखना क्यों है जरूरी?

Oral Hygiene during Pregnancy: प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ का ध्यान रखना क्यों है जरूरी?

7 Mar 2023 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

प्रेगनेंसी के दौरान जिस तरह से डायट, एक्सरसाइज, हाइजीन, चेकअप्स आदि का ध्यान रखना जरूरी होता है, उसी तरह से प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ को मेंटेन करना भी आवश्यक होता है। शायद आपको पता नहीं कि प्रेगनेंसी में हॉर्मोनल बदलाव के कारण मसूड़ों की बीमारी होने का खतरा रहता है। यही मसूड़ों की बीमारी गर्भ में ‍विकसित बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है।

क्यों आश्चर्य में पड़ गए न कि ओरल हेल्थ का असर गर्भस्थ शिशु को कैसे प्रभावित कर सकता है, तो आपके जानकारी को बढ़ाने के लिए आज हम प्रेगनेंसी के पहले, प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ और डिलीवरी के बाद ओरल हाइजीन को मेंटेन करने के टिप्स शेयर करेंगे।

प्रेगनेंसी के पहले ओरल हेल्थ । Oral Health Before Pregnancy in Hindi

प्रेगनेंट होने से पहले डेंटिस्ट से जरूर डेंटल चेकअप करवा लें। इससे आपके दांत पेशेवर तरीके से साफ हो जाएंगे, साथ ही मसूड़ों के टिशू की सावधानीपूर्वक जांच भी हो जाएगी। प्रेगनेंसी से पहले किसी भी मौखिक स्वास्थ्य समस्या का इलाज किया जा सकता है, इसलिए डेंटल चेकअप को नजरअंदाज न करें।

प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ
प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ/चित्र स्रोत:फ्रीपिक

प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ। Oral Health During Pregnancy in Hindi

  • अगर आप प्रेगनेंट हैं तो अपने डेंटिस्ट को बताना न भूलें। प्रेगनेंसी के दौरान रूटीन डेंटल केयर तो हो सकता है, लेकिन किसी प्रकार की सर्जरी की प्रक्रिया डिलीवरी के बाद ही हो सकती है। डेंटिस्ट से मिलने से पहले ओबस्ट्रेशियन से पहले बात कर लें कि कोई विशेष प्रकार की सावधानी बरतने की जरूरत है कि नहीं।
  • अगर प्रेगनेंसी के दौरान डेंटिस्ट को कोई इलाज करने की जरूरत हैं तो उनको सबसे पहले बता दें कि आप कौन-कौन-सी दवाईंयां और विटामिन्स वैगरह ले रही हैं।
  • वैसे प्रेगनेंसी के दौरान दांत के टूट जाने या दांत में कीड़ा लगने आदि के कारण एक्स रे करने की जरूरत पड़े तो डेंटिस्ट को माँ और गर्भस्थ शिशु का विशेष रूप से ख्याल रखने की जरूरत होती है जैसे कि पेट और थॉयराइड को सेफ रखना।
  • प्रेगनेसी के दौरान मसूड़ों में सूजन, मसूड़ों से खून बहने और पीरियडोंन्टल बीमारी होने का खतरा रहता है, इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान डेंटिस्ट का अपॉइंटमेंट लेना न भूलें। डॉक्टर आपके ओरल हाइजीन और हेल्थ की जाँच अच्छी तरह से कर लेगा। 
  • प्रेगनेंसी में ओरल हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, इसमें ये सारी बातें शामिल होती हैं-

– दिन में दो बार ब्रश करना

-एक बार फ्लॉस करना

-एंटीमाइक्रोबियल माउथ रिंस का उपयोग करना

-प्रोफेशनल क्लीनिंग का डेट मिस न करें

-अगर मसूड़ों की बीमारी है तो जितनी जल्दी हो सके इलाज करवाएं

  • द जर्नल ऑफ द अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अध्ययन के अनुसार पुरानी मसूड़ों की बीमारी वाली गर्भवती महिलाओं में स्वस्थ मसूड़ों वाली माताओं की तुलना में समय से पहले प्रसव (37 सप्ताह से पहले) और कम वजन वाले बच्चा जन्म होने की संभावना चार से सात गुना अधिक होती है।
  • प्रेगनेंसी ट्यूमर में मसूड़ों के टिशू पर गहरे लाल रंग का गांठ जैसा बन जाता है, जो आम तौर पर ऊपरी मसूड़े पर होता है। उस गांठ से ब्लीडिंग होता है या पपड़ी जैसा बन जाता है, जिससे खाने और बोलने में कठिनाई होती है। यह दूसरी तिमाही के दौरान सामान्यत: होता है। प्रेगनेंसी ट्यूमर को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि पाइोजेनिक ग्रैन्यूलोमा, ग्रैनुलोमा ऑफ प्रेगनेंसी, और प्रेगनेंसी एपुलाइड्स। ये ट्यूमर शिशु के जन्म के बाद धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।

प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ और मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने के टिप्स। Managing Morning Sickness

-यदि मॉर्निंग सिकनेस आपको अपने दाँत ब्रश करने से रोक रही है, तो गर्भावस्था के दौरान ब्लांड टेस्ट वाले टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। प्रेगनेंसी के दौरान किस प्रकार का  टूथपेस्ट इस्तेमाल करना चाहिए, इसके बारे में डॉक्टर से बात कर लें।

-यदि आप मॉर्निंग सिकनेस से परेशान रहती हैं और बार-बार उल्टियां करती हैं तो अपने मुंह को पानी से धो लें या कुल्ला कर लें।

-प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ को मेंटेन करने के लिए आपको कम से कम मीठे चीजों का सेवन करना चाहिए, इससे दाँतों के खराब होने की संभावना कम होती है। 

-स्वस्थ, संतुलित खाना खाएं । आपके बच्चे के पहले दांत गर्भावस्था के लगभग 3 महीने में विकसित होने लगते हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स, पनीर और दही युक्त स्वस्थ आहार मिनरल्स का अच्छा स्रोत होता हैं और बच्चे के विकासशील दांतों, मसूड़ों और हड्डियों के लिए अच्छा होता हैं।

एक्सपर्ट टिप्स: प्रेगनेंसी के दौरान जिस तरह ओरल हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए, वैसे ही इंटिमेट हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान धूप में बाहर निकलने पर त्वचा का भी ध्यान रखना चाहिए। धूप की तेज किरणों से त्वचा को बचाने के लिए सनस्क्रीन लगाना भूलना नहीं चाहिए। 

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