30 Oct 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 387 Articles
प्रेगनेंट होने के बाद कोई भी असुविधा दिल में डर पैदा कर देता है, कहीं गर्भस्थ शिशु को कोई नुकसान न पहुँचें। उसी कैटागोरी में सेक्स के बाद ब्लीडिंग होना शामिल होता है। कहने का मतलब यह है कि प्रेगनेंसी में सेक्स करने के बाद अगर ब्लीडिंग होती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको एक दूसरे के करीब आना ही नहीं है। यह घटना जितना दिल को डरा देती है, उतना है नहीं। वजाइनल ब्लीडिंग 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत गर्भधारण में होता है। असल में पहली तिमाही में ब्लड फ्लो कभी होता है और कभी बिल्कुल नहीं।
प्रेगनेंसी में सेक्स करने पर ब्लीडिंग होना वैसे तो परेशान करने वाली बात होती है, इसलिए डॉक्टर के पास जाकर इसके पीछे का कारण का पता करना सही कदम होता है। अगर पोस्ट-सेक्स ब्लड फ्लो बार-बार हो रहा है तो क्या इंटरकोर्स जारी रखना अच्छा विचार होता है, इसको लेकर डॉक्टर से बात करने के बाद ही एक दूसरे के करीब आना सही निर्णय होता है।
सच तो यह है कि प्रेगनेंसी में सेक्स करना बहुत महिलाओं को अच्छा लगता है और यह बिल्कुल सुरक्षित भी है। अगर किसी-किसी को सेक्स करने के बाद ब्लीडिंग की समस्या होती है तो इसका कारण और बचने के उपाय के बारे में विचार करना सही कदम होता है।
सेक्स के बाद हल्का या मीडियम ब्लीडिंग आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय ग्रीवा में सामान्य परिवर्तन के कारण होता है। पहली तिमाही के शुरूआत में वजाइनल ब्लीडिंग कभी-कभी होता है। कुछ मामलों में, हेवी ब्लीडिंग मिसकैरेज या एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। ब्लीडिंग होने पर बिना घबराए, कारण की पहचान करने के लिए अपने चिकित्सक से जांच करानी चाहिए।
सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) में परिवर्तन- गर्भावस्था के दौरान, सर्विक्स बच्चे के जन्म देने के प्रोसेस में “रीमॉडेलिंग” नामक प्रक्रिया से गुजरती है। रीमॉडेलिंग के कारण यह आकार बदलता है, खुलता है, कोशिकाओं को बहाता है और काफी कोमल हो जाता है, इसी संवदनशीलता के कारण ब्लीडिंग की समस्या होती है।
इम्प्लांटेशन– गर्भाधान के लगभग एक सप्ताह बाद, निषेचित अंडा गर्भाशय की परत से जुड़ जाता है। इम्प्लांटेशन नामक इस प्रक्रिया के कारण हल्का स्पॉटिंग या ब्लीडिंग होता है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी– प्रेगनेंसी में सेक्स करने के बाद ब्लीडिंग होने का संकेत एक्टोपिक प्रेगनेंसी हो सकता है। इसमें निषेचित अंडा गर्भाशय के अलावा कहीं और जुड़ जाता है।
प्लेसेंटा प्रेविया- आम तौर पर दूसरी या तीसरी तिमाही में यह स्थिति आती है। यह तब होती है, जब प्लेसेंटा सर्विक्स के हिस्से या पूरे हिस्से को ढक लेती है। यदि सेक्स के बाद चमकदार रेड ब्लीडिंग होता है तो यह प्लेसेंटा प्रेविया का संकेत होता है।
प्लेसेंटल एबॉर्शन- प्लेसेंटल एबॉर्शन तब होता है जब प्लेसेंटा गर्भाशय से जल्दी अलग हो जाता है, जिसके कारण ब्लीडिंग थक्के के साथ या बिना थक्के के हेवी ब्लीडिंग हो सकता है। इस हालात में डॉक्टर से जल्दी संपर्क करना चाहिए।
प्रीटर्म लेबर– यदि आपको नियमित रूप से संकुचन हो रहा हैं और पोजिशन बदलने पर भी दर्द बढ़ रहा है साथ ही – पीठ में दबाव, ब्लीडिंग और पेल्विक प्रेशर महसूस हो रहा है तो- ये प्रीटर्म लेबर का संकेत है।
गर्भपात– सेक्स गर्भपात का कारण नहीं बनता है, लेकिन अगर भारी रक्तस्राव हो रहा है यानि हर घंटे एक पैड भीग रहा है, या कई दिनों से हल्का रक्तस्राव हो रहा है – तो कभी-कभी यह संकेत देता है कि गर्भावस्था 20 सप्ताह से पहले समाप्त होने का खतरा है।
प्रेगनेंसी में इंटरकोर्स को रोककर ब्लीडिंग होने की संभावना को कुछ हद तक कम कर सकते हैं लेकिन किस कारण से ब्लीडिंग हो रहा है इस बात का पता लगाना जरूरी होता है। इसलिए ब्लीडिंग को रोकना है तो डॉक्टर से संपर्क करके इस समस्या के जड़ तक पहुँचना चाहिए। साथ ही एक बात का ध्यान रखें कि प्रेगनेंसी के दौरान स्किन बहुत सेंसिटिव हो जाती है और साथ ही सही तरह से हाइजिन को भी मेंटेन करने की जरूरत होती है। इसलिए सेक्स करने के पहले नेचुरल फोमिंग हैंडवाश से हाथ को धोने के बाद ही सेक्स की प्रक्रिया शुरू करें।
सेक्स प्लेजर के बाद हाइजिन को मेंटेन करना भी जरूरी होता है, इसलिए तब मॉइश्चराइजिंग बेबी वाश से प्राइवेट पार्ट्स को वाश करना न भूलें।
अगर ब्लीडिंग होना शुरू हो गया है तो अवस्था के अनुसार डॉक्टर से संपर्क करने की तैयारी करें। प्रेगनेंसी में सेक्स करना गलत नहीं होता बल्कि जरूरी एहतियात बरतने की जरूरत होती है ताकि समय रहते स्थिति को संभाला जा सके।
संबंधित लेख:
ब्रेस्टफीड के बाद ब्रेस्ट का ढीलापन: 11 ब्रेस्ट को टाइट करने के ईजी टिप्स
First Period After Pregnancy: डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड शुरू होता है?
Postpartum Vaginal Dryness: डिलीवरी पर वजाइना में ड्राईनेस होने पर सेल्फ केयर टिप्स
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.