26 Sep 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं, विशेषकर हार्मोन्स में बदलाव। ये बदलाव बॉडी फंक्शन्स को बहुत तरह से प्रभावित करते हैं। डिलीवरी के बाद भी हॉर्मोन्स का उतार-चढ़ाव चलता रहता है, जिसके फलस्वरूप डिलीवरी के बाद कई तरह के समस्याओं का सामना, माँ को करना पड़ता है, जिनमें डिलीवरी के बाद वजाइना में ड्राईनेस इन समस्याओं में एक है।
इस समस्या के कारण डिलीवरी के बाद महिलाओं को सेक्स करने में परेशानी होती है। यहाँ तक कि इसके कारण सेक्स की तरफ से उनकी रूची भी चली जाती है। डिलीवरी के बाद वजाइना में ड्राईनेस के कारण सेक्स के दौरान असहजता या दर्द का अनुभव होता है। अगर आप इस दौर से गुजर रही है तो टेंशन की कोई बात नहीं, हम आपसे कुछ सेल्फ केयर टिप्स शेयर करेंगे , जिसकी मदद से आपको समस्या से बाहर निकलने में आसानी होगी।
शायद आप सोच रही होंगी कि ऐसा क्यों होता है, तो जवाब यह है कि इन सबके पीछे हॉर्मोन का हाथ होता है। असल में ओवरी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन का प्रोडक्शन होता है। इसके कारण प्यूबर्टी, ब्रेस्ट का विकास और मेंस्ट्रुएशन सबको गति मिलती है।
इसके कारण पीरियड्स के दौरान ओवरी में एक लाइनिंग बनता है। यदि इस लाइनिंग में एग फर्टिलाइज नहीं हुआ , तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिर जाता है, और ये लाइनिंग पीरियड्स के दौरान निकल जाती है।
गर्भधारण करने के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है। लाइनिंग के निकलने के बजाय, ये प्लेसेंटा में विकसित हो जाती है। प्लेसेंटा भी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन शुरू कर देता है।
डिलीवरी के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बहुत कम हो जाता है। असल में, बच्चे के जन्म के 24 घंटों के भीतर गर्भावस्था पहले के स्तर में लौट आती हैं। स्तनपान कराते समय शरीर एस्ट्रोजन को और भी कम कर देता है क्योंकि एस्ट्रोजन दूध उत्पादन में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
सेक्स ड्राइव या कामोत्तेजना के लिए एस्ट्रोजन की भूमिका बहुत जरूरी है, क्योंकि यह प्राइवेट पार्ट्स में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और योनि में चिकनाई बढ़ाता है। एस्ट्रोजेन की कमी डिलीवरी के बाद वजाइना में ड्राईनेस की वजह बनता है।
डिलीवरी के बाद वजाइना में ड्राईनेस पोस्टपार्टम थायरोडिटिस यानि थायरॉयड ग्लैंड में सूजन के कारण भी हो सकता है। थायराइड बहुत तरह के हॉर्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के अनेक तरह के फंक्शन में सहायता करता है।
बच्चे के जन्म के समय और डिलीवरी के बाद वजाइना में ड्राईनेस का मतलब यह होता है कि वजाइना बहुत पतली, इलास्टिसिटी में कमी और चोट लगने की संभावना ज्यादा हो जाती है। इसके साथ ही योनि में सूजन होने के कारण जलन और खुजली भी हो सकती है।
इन्हीं कारणों से डिलीवरी के बाद सेक्स करने पर दर्द का ज्यादा अनुभव होता है। ध्यान देने की बात यह है कि जैसे-जैसे एस्ट्रोजेन का लेबल नॉर्मल होगा, यह समस्या कम होता जाएगा।
अब तक आप समझ ही गए होंगे कि डिलीवरी के बाद वजाइना में ड्राईनेस कोई बड़ी समस्या नहीं है, जैसे-जैसे एस्ट्रोजेन का लेबल नॉर्मल हो जाएगा यह परेशानी ठीक होने लगेगी। अगर तब भी समस्या बनी रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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